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कोरोना से निपटने में डब्लूएचओ पोलियो नेटवर्क निभा रहा अहम भूमिका - पोलियो निगरानी नेटवर्क

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने बताया कि क्षेत्र में कोविड-19 प्रकोप के कुछ हफ्तों के भीतर ही पांच पोलियो प्राथमिकता वाले देशों में निगरानी और टीकाकरण नेटवर्क को सभी तैयारियों के साथ तैयार किया गया था. यह नेटवर्क कोरोना के मरीजों का पता लगाने, उनका परीक्षण करने आदि में अपने स्वास्थ्य अधिकारियों की मदद कर रहा है.

डब्ल्यूएचओ
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Published : Oct 23, 2020, 9:35 PM IST

नई दिल्ली : डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में पोलियो निगरानी नेटवर्क (polio surveillance network) कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को मजबूत करने में काफी मदद कर रहा है.

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में कोविड-19 प्रकोप के कुछ हफ्तों के भीतर ही पांच पोलियो प्राथमिकता वाले देशों में निगरानी और टीकाकरण के लिए इस नेटवर्क को सभी तैयारियों के साथ तैयार किया गया था.

उन्होंने कहा कि यह नेटवर्क सबसे पिछड़ी आबादी और क्षेत्रों में काम करते हुए, स्वास्थ्य अधिकारियों की मरीजों का पता लगाने, परीक्षण, ट्रैक, अलगाव करने और यहां तक कि पर्याप्त समय पर उपचार प्रदान करने के लिए अस्पतालों को तैयार करने में मदद कर रहा है.

राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तरों पर समन्वय की सहायता से, प्रयोगशालाओं और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण और निर्माण क्षमता, मामलों का पता लगाने, संपर्कों का पता लगाने और अस्पताल की तत्परता और तैयारियों के लिए सार्वजनिक धारणाओं का आकलन करने के लिए, डब्ल्यूएचओ का पोलियो निगरानी नेटवर्क बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, म्यांमार और नेपाल में रणनीति और पहल का समर्थन कर रहा है.

इस नेटवर्क को वर्षों तक रिफाइन किया गया है और इसने मार्च 2014 में क्षेत्र को पोलियो-मुक्त प्रमाणीकरण प्राप्त करने में मदद की थी.

पोलियो माइक्रो-प्लान का उपयोग करते हुए भारत के सबसे अधिक आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश में निगरानी चिकित्सा अधिकारियों की टीम इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों वाले लोगों की पहचान करने के लिए हर घर की निगरानी की.

क्षेत्रीय निदेशक ने भारत में पोलियो नेटवर्क के समर्थन के कई उदाहरणों में से एक का हवाला देते हुए कहा कि इस टीम ने राज्य के सभी 75 जिलों के 208 मिलियन लोगों को कवर किया.

पिछले तीन महीनों में दो बार किए गए इस अभ्यास ने हर बार लक्षणों वाले 100,000 से अधिक लोगों की पहचान करने में मदद की. इसके बाद इन लोगों का कोविड टेस्ट करवाया गया.

बांग्लादेश में पोलियो निगरानी नेटवर्क ने 17,000 स्वास्थ्य कर्मचारियों और प्रयोगशाला कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है.

यह नेटवर्क अब संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण उपायों में प्रशिक्षण में भी समर्थन कर रहा है, जो महीने के अंत तक सभी जिलों और नगर निगमों में 26,500 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों को कवर करेगा.

कोविड-19 को इंडोनेशिया में टीके से बचाव योग्य रोगों के लिए निगरानी में एकीकृत किया गया है, जहां सभी पोलियो प्रयोगशालाएं अब कोरोना का परीक्षण कर रही हैं.

म्यांमार में पोलियो नेटवर्क 17 राज्यों और क्षेत्रों से यांगून में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रयोगशाला के लिए कोविड-19 नमूनों की समय पर शिपिंग के लिए महत्वपूर्ण परिचालन सहायता प्रदान कर रहा है.

नेपाल में नेटवर्क ने नियमित टीकाकरण सेवाओं को फिर से शुरू करने की सुविधा दी है, यह लॉकडाउन के दौरान बहाल की जाने वाली पहली आवश्यक सेवा थी.

देश में महामारी के दौरान खसरा और रूबेला टीकाकरण अभियान चलाने वाला पहला क्षेत्र बन गया, जिसमें पांच वर्ष की आयु तक के लगभग 980,000 बच्चों को शामिल किया गया है.

आवश्यक सेवाओं की बहाली महामारी के समग्र स्वास्थ्य प्रभाव को कम करने के लिए कोविड-19 को दी गई प्रतिक्रिया की प्रमुख रणनीतियों में से एक है.

विश्व पोलियो दिवस (24 अक्टूबर) के अवसर पर उनके प्रयासों की सराहना करते हुए डॉ खेत्रपाल सिंह ने कहा कि यह अत्यधिक मूल्यवान संसाधन योजना के संचालन के साथ उसके ऑपरेशन और प्रमुख महामारी प्रतिक्रिया पहल का संचालन करने में अपना समर्थन देना जारी रखेंगे. साथ ही यह क्षेत्र को पोलियो मुक्त रखने के लिए कड़ी निगरानी रखते हैं.

आने वाले महीनों में हमारा पोलियो नेटवर्क, टीकाकरण और रणनीतियों पर उनके विशाल ज्ञान की मदद से सबसे कमजोर लोगों तक पहुंच सकेगा. यह कोविड-19 टीकाकरण की योजना को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

(कृष्णानंद त्रिपाठी)

नई दिल्ली : डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में पोलियो निगरानी नेटवर्क (polio surveillance network) कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को मजबूत करने में काफी मदद कर रहा है.

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में कोविड-19 प्रकोप के कुछ हफ्तों के भीतर ही पांच पोलियो प्राथमिकता वाले देशों में निगरानी और टीकाकरण के लिए इस नेटवर्क को सभी तैयारियों के साथ तैयार किया गया था.

उन्होंने कहा कि यह नेटवर्क सबसे पिछड़ी आबादी और क्षेत्रों में काम करते हुए, स्वास्थ्य अधिकारियों की मरीजों का पता लगाने, परीक्षण, ट्रैक, अलगाव करने और यहां तक कि पर्याप्त समय पर उपचार प्रदान करने के लिए अस्पतालों को तैयार करने में मदद कर रहा है.

राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तरों पर समन्वय की सहायता से, प्रयोगशालाओं और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण और निर्माण क्षमता, मामलों का पता लगाने, संपर्कों का पता लगाने और अस्पताल की तत्परता और तैयारियों के लिए सार्वजनिक धारणाओं का आकलन करने के लिए, डब्ल्यूएचओ का पोलियो निगरानी नेटवर्क बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, म्यांमार और नेपाल में रणनीति और पहल का समर्थन कर रहा है.

इस नेटवर्क को वर्षों तक रिफाइन किया गया है और इसने मार्च 2014 में क्षेत्र को पोलियो-मुक्त प्रमाणीकरण प्राप्त करने में मदद की थी.

पोलियो माइक्रो-प्लान का उपयोग करते हुए भारत के सबसे अधिक आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश में निगरानी चिकित्सा अधिकारियों की टीम इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों वाले लोगों की पहचान करने के लिए हर घर की निगरानी की.

क्षेत्रीय निदेशक ने भारत में पोलियो नेटवर्क के समर्थन के कई उदाहरणों में से एक का हवाला देते हुए कहा कि इस टीम ने राज्य के सभी 75 जिलों के 208 मिलियन लोगों को कवर किया.

पिछले तीन महीनों में दो बार किए गए इस अभ्यास ने हर बार लक्षणों वाले 100,000 से अधिक लोगों की पहचान करने में मदद की. इसके बाद इन लोगों का कोविड टेस्ट करवाया गया.

बांग्लादेश में पोलियो निगरानी नेटवर्क ने 17,000 स्वास्थ्य कर्मचारियों और प्रयोगशाला कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है.

यह नेटवर्क अब संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण उपायों में प्रशिक्षण में भी समर्थन कर रहा है, जो महीने के अंत तक सभी जिलों और नगर निगमों में 26,500 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों को कवर करेगा.

कोविड-19 को इंडोनेशिया में टीके से बचाव योग्य रोगों के लिए निगरानी में एकीकृत किया गया है, जहां सभी पोलियो प्रयोगशालाएं अब कोरोना का परीक्षण कर रही हैं.

म्यांमार में पोलियो नेटवर्क 17 राज्यों और क्षेत्रों से यांगून में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रयोगशाला के लिए कोविड-19 नमूनों की समय पर शिपिंग के लिए महत्वपूर्ण परिचालन सहायता प्रदान कर रहा है.

नेपाल में नेटवर्क ने नियमित टीकाकरण सेवाओं को फिर से शुरू करने की सुविधा दी है, यह लॉकडाउन के दौरान बहाल की जाने वाली पहली आवश्यक सेवा थी.

देश में महामारी के दौरान खसरा और रूबेला टीकाकरण अभियान चलाने वाला पहला क्षेत्र बन गया, जिसमें पांच वर्ष की आयु तक के लगभग 980,000 बच्चों को शामिल किया गया है.

आवश्यक सेवाओं की बहाली महामारी के समग्र स्वास्थ्य प्रभाव को कम करने के लिए कोविड-19 को दी गई प्रतिक्रिया की प्रमुख रणनीतियों में से एक है.

विश्व पोलियो दिवस (24 अक्टूबर) के अवसर पर उनके प्रयासों की सराहना करते हुए डॉ खेत्रपाल सिंह ने कहा कि यह अत्यधिक मूल्यवान संसाधन योजना के संचालन के साथ उसके ऑपरेशन और प्रमुख महामारी प्रतिक्रिया पहल का संचालन करने में अपना समर्थन देना जारी रखेंगे. साथ ही यह क्षेत्र को पोलियो मुक्त रखने के लिए कड़ी निगरानी रखते हैं.

आने वाले महीनों में हमारा पोलियो नेटवर्क, टीकाकरण और रणनीतियों पर उनके विशाल ज्ञान की मदद से सबसे कमजोर लोगों तक पहुंच सकेगा. यह कोविड-19 टीकाकरण की योजना को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

(कृष्णानंद त्रिपाठी)

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