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PMC बैंक घोटाला: एचडीआईएल प्रवर्तकों को आवास में स्थानांतरित करने पर SC की रोक

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Published : Jan 16, 2020, 7:45 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने एचडीआईएल के प्रवर्तकों- राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी है.

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पीएमसी बैंक घोटाला

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने एचडीआईएल के प्रवर्तकों-राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी.

बंबई उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था.

लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आर्थिक अपराध शाखा ने उच्च न्यायालय के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.

राकेश वधावन और सारंग वधावन को सात हजार करोड़ रुपये के पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायधीश एस.ए.बोबडे की अगुआई वाली पीठ के समक्ष इस मामले को रखा. पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर.गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे.

मेहता ने पीठ को बताया कि राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करना दोनों को जमानत देने जैसा होगा.उन्होंने इस फैसले पर रोक लगाने की उच्चतम न्यायालय से मांग की.

पढ़ें : पीएमसी बैंक घोटाला : एचडीआईएल की संपत्तियां बेचने के लिए अदालत ने समिति बनाई

मेहता ने कहा कि उनकी आपत्ति सिर्फ दोनों प्रवर्तकों को आवास में स्थानांतरित करने को लेकर है. उन्होंने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति की निगरानी में प्रवर्तकों की सम्पत्तियों की बिक्री से संबंधित आवास को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.

उच्चतम न्यायालय ने मेहता की दलीलों को स्वीकार किया और दोनों आरोपियों के आर्थर रोड जेल से उनके आवास में स्थानांतरित करने पर रोक लगा दी.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने एचडीआईएल के प्रवर्तकों-राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी.

बंबई उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था.

लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आर्थिक अपराध शाखा ने उच्च न्यायालय के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.

राकेश वधावन और सारंग वधावन को सात हजार करोड़ रुपये के पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायधीश एस.ए.बोबडे की अगुआई वाली पीठ के समक्ष इस मामले को रखा. पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर.गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे.

मेहता ने पीठ को बताया कि राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करना दोनों को जमानत देने जैसा होगा.उन्होंने इस फैसले पर रोक लगाने की उच्चतम न्यायालय से मांग की.

पढ़ें : पीएमसी बैंक घोटाला : एचडीआईएल की संपत्तियां बेचने के लिए अदालत ने समिति बनाई

मेहता ने कहा कि उनकी आपत्ति सिर्फ दोनों प्रवर्तकों को आवास में स्थानांतरित करने को लेकर है. उन्होंने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति की निगरानी में प्रवर्तकों की सम्पत्तियों की बिक्री से संबंधित आवास को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.

उच्चतम न्यायालय ने मेहता की दलीलों को स्वीकार किया और दोनों आरोपियों के आर्थर रोड जेल से उनके आवास में स्थानांतरित करने पर रोक लगा दी.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 12:30 HRS IST




             
  • पीएमसी बैंक घोटाला: एचडीआईएल प्रवर्तकों को आवास स्थानांतरित करने पर न्यायालय की रोक



नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने एचडीआईएल के प्रवर्तकों राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी।



बंबई उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने का आदेश दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आर्थिक अपराध शाखा ने उच्च न्यायालय के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।



राकेश वधावन और सारंग वधावन को सात हजार करोड़ रुपये के पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉपरेटिव (पीएमसी) घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।



सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायधीश एस.ए.बोबड़े की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष इस मामले को रखा। पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर.गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत भी शामिल थे।



मेहता ने पीठ को बताया कि राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करना दोनों को जमानत देने जैसा होगा। उन्होंने इस फैसले पर रोक लगाने की उच्चतम न्यायालय से मांग की।



मेहता ने कहा कि उनकी आपत्ति सिर्फ दोनों प्रवर्तकों को आवास में स्थानांतरित करने को लेकर है। उन्होंने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति की निगरानी में प्रवर्तकों की संपत्तियों की बिक्री से संबंधित आवास को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।



उच्चतम न्यायालय ने मेहता की दलीलों को स्वीकार किया और स्थानांतरण पर रोक लगा दी।




 


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