नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के उस ऑफर को ठुकरा दिया है, जिसमें उनके विमान को पाक एयर स्पेस से गुजरने की सैद्धान्तिक सहमति दे दी गई थी. बुधवार को विदेश मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी है.
आपको बता दें कि पीएम मोदी एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक जाने वाले हैं. वे वहां पर ओमान, ईरान और मध्य एयिशाई देशों के एयर स्पेस से गुजरेंगे. उनका विमान पाक एयर स्पेस का प्रयोग नहीं करेगा. पाक रूट से बहुत कम समय में पीएम मोदी गंतव्य तक पहुंच सकते थे.
अनौपचारिक तरीके से पाकिस्तान ने सहमति दे दी थी. लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे नकार दिया.
दरअसल, बहुत सारे लोगों ने यह सवाल उठाया था कि आम भारतीय पाक एयर स्पेस का उपयोग नहीं कर रहे हैं. लिहाजा उन्हें एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं. उनका ज्यादा समय लगता है. फिर पीएम उनसे अलग क्यों हैं. विदेशी मामलों के जानकार ने भी ऐसे सवाल खड़े किए थे.
पूर्व राजनयिक विवेक काटजू ने एक अखबार में यह बताया था कि इससे भारत का रूख कमजोर होगा. उनके अनुसार अगर आम लोग पाक एयर स्पेस का उपयोग नहीं कर रहा है, तो पीएम को भी इसका उपयोग नहीं करना चाहिए. काटजू ने ये भी कहा कि पाकिस्तान इससे अपने आप को ऊंचा दिखा सकता है. भारत को पाक के प्रति अपना कड़ा रूख कायम रखना चाहिए.
दोनों देशों के बीच तनातानी के बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने एयर स्पेस बंद कर दिए थे.
पीएम मोदी पाकिस्तानी एयर स्पेस का नहीं करेंगे उपयोग
आखिरकार विदेश मंत्रालय ने उस खबर की पुष्टि कर दी, जिस पर पिछले कुछ दिनों से कयास लगाए जा रहे थे. पीएम मोदी पाकिस्तानी एयर स्पेस का उपयोग नहीं करेंगे. आम लोगों ने इस निर्णय का स्वागत किया है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के उस ऑफर को ठुकरा दिया है, जिसमें उनके विमान को पाक एयर स्पेस से गुजरने की सैद्धान्तिक सहमति दे दी गई थी. बुधवार को विदेश मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी है.
आपको बता दें कि पीएम मोदी एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक जाने वाले हैं. वे वहां पर ओमान, ईरान और मध्य एयिशाई देशों के एयर स्पेस से गुजरेंगे. उनका विमान पाक एयर स्पेस का प्रयोग नहीं करेगा. पाक रूट से बहुत कम समय में पीएम मोदी गंतव्य तक पहुंच सकते थे.
अनौपचारिक तरीके से पाकिस्तान ने सहमति दे दी थी. लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे नकार दिया.
दरअसल, बहुत सारे लोगों ने यह सवाल उठाया था कि आम भारतीय पाक एयर स्पेस का उपयोग नहीं कर रहे हैं. लिहाजा उन्हें एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं. उनका ज्यादा समय लगता है. फिर पीएम उनसे अलग क्यों हैं. विदेशी मामलों के जानकार ने भी ऐसे सवाल खड़े किए थे.
पूर्व राजनयिक विवेक काटजू ने एक अखबार में यह बताया था कि इससे भारत का रूख कमजोर होगा. उनके अनुसार अगर आम लोग पाक एयर स्पेस का उपयोग नहीं कर रहा है, तो पीएम को भी इसका उपयोग नहीं करना चाहिए. काटजू ने ये भी कहा कि पाकिस्तान इससे अपने आप को ऊंचा दिखा सकता है. भारत को पाक के प्रति अपना कड़ा रूख कायम रखना चाहिए.
दोनों देशों के बीच तनातानी के बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने एयर स्पेस बंद कर दिए थे.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के उस ऑफर को ठुकरा दिया है, जिसमें उनके विमान को पाक एयर स्पेस से गुजरने की सैद्धान्तिक सहमति दे दी गई थी. बुधवार को विदेश मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी है.
आपको बता दें कि पीएम मोदी एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक जाने वाले हैं. वे वहां पर ओमान, ईरान और मध्य एयिशाई देशों के एयर स्पेस से गुजरेंगे. उनका विमान पाक एयर स्पेस का प्रयोग नहीं करेगा. पाक रूट से बहुत कम समय में पीएम मोदी गंतव्य तक पहुंच सकते थे.
अनौपचारिक तरीके से पाकिस्तान ने सहमति दे दी थी. लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे नकार दिया.
दरअसल, बहुत सारे लोगों ने यह सवाल उठाया था कि आम भारतीय पाक एयर स्पेस का उपयोग नहीं कर रहे हैं. लिहाजा उन्हें एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं. उनका ज्यादा समय लगता है. फिर पीएम उनसे अलग क्यों हैं. विदेशी मामलों के जानकार ने भी ऐसे सवाल खड़े किए थे.
पूर्व राजनयिक विवेक काटजू ने एक अखबार में यह बताया था कि इससे भारत का रूख कमजोर होगा. उनके अनुसार अगर आम लोग पाक एयर स्पेस का उपयोग नहीं कर रहा है, तो पीएम को भी इसका उपयोग नहीं करना चाहिए. काटजू ने ये भी कहा कि पाकिस्तान इससे अपने आप को ऊंचा दिखा सकता है. भारत को पाक के प्रति अपना कड़ा रूख कायम रखना चाहिए.
दोनों देशों के बीच तनातानी के बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने एयर स्पेस बंद कर दिए थे.
Conclusion: