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बोडो संधि कार्यक्रम में शामिल होंगे पीएम मोदी, सीएए के बाद पहली असम यात्रा - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम में

बोडो संधि होने के उपलक्ष्य में असम के कोकराझार में शुक्रवार को एक रैली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार मोदी 27 जनवरी को हुई ‘ऐतिहासिक बोडो संधि की प्रशंसा’ में वहां एक जनसभा करेंगे. जानें विस्तार से...

pm narendra modi to attend bodo accord celebrations
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
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Published : Feb 5, 2020, 12:04 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 5:29 AM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोडो संधि होने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शुक्रवार को असम के कोकराझार की यात्रा करेंगे.

प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार मोदी 27 जनवरी को हुई ‘ऐतिहासिक बोडो संधि की प्रशंसा’ में वहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे.

पूर्वोत्तर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन होने के बाद से प्रधानमंत्री की यह पहली पूर्वोत्तर यात्रा होगी. इस हिंसक प्रदर्शन में तीन लोगों की जान भी चली गयी थी.

इस कार्यक्रम (प्रधानमंत्री की सभा) में बोडो स्वायत्त जनजाति जिलों और राज्य के अन्य क्षेत्रों से चार लाख से अधिक लोगों के जुटने की संभावना है.

बयान के अनुसार असम की विविधता का प्रदर्शन करने के लिए वहां के जातीय समूहों का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है.

हाल में प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर संधि वाले दिन को भारत के लिए बड़ा खास दिन बताया था और कहा था कि इससे बोडो लोगों के लिए बदलावकारी परिणाम सामने आयेंगे तथा शांति, सद्भाव एवं भाईचारे का नया सवेरा आएगा.

बयान के अनुसार यह संधि प्रधानमंत्री के 'सबका साथ, सबका विकास' नजरिये के अनुसार है और यह पूर्वोत्तर के समग्र विकास की दिशा में एक प्रतिबद्धता है.

इसे भी पढ़ें- द्वारका की चुनावी रैली में बोले पीएम- दिल्ली को उलझाने वाली नहीं, सुलझाने वाली राजनीति चाहिए

इस संधि के होने के दो दिनों के अंदर एनडीबीएफ के विभिन्न गुटों के 1615 से अधिक कार्यकर्ताओं ने आत्मसमर्पण किया और वे मुख्य धारा से जुड़े.

अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में भी मोदी ने हिंसा के मार्ग पर चलने वलों से मुख्यधारा में लौटने और अपने हथियार डालने की अपील की थी.

दिसंबर में मोदी और जापान के उनके समकक्ष के बीच गुवाहाटी में एक शिखर सम्मेलन होना था, लेकिन सीएए विरोधी प्रदर्शन के चलते उसे रद्द कर दिया गया.

मोदी को हाल ही में गुवाहटी में संपन्न 'खेल इंडिया' खेलकूद कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह उसमें शामिल नहीं हो पाये थे.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोडो संधि होने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शुक्रवार को असम के कोकराझार की यात्रा करेंगे.

प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार मोदी 27 जनवरी को हुई ‘ऐतिहासिक बोडो संधि की प्रशंसा’ में वहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे.

पूर्वोत्तर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन होने के बाद से प्रधानमंत्री की यह पहली पूर्वोत्तर यात्रा होगी. इस हिंसक प्रदर्शन में तीन लोगों की जान भी चली गयी थी.

इस कार्यक्रम (प्रधानमंत्री की सभा) में बोडो स्वायत्त जनजाति जिलों और राज्य के अन्य क्षेत्रों से चार लाख से अधिक लोगों के जुटने की संभावना है.

बयान के अनुसार असम की विविधता का प्रदर्शन करने के लिए वहां के जातीय समूहों का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है.

हाल में प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर संधि वाले दिन को भारत के लिए बड़ा खास दिन बताया था और कहा था कि इससे बोडो लोगों के लिए बदलावकारी परिणाम सामने आयेंगे तथा शांति, सद्भाव एवं भाईचारे का नया सवेरा आएगा.

बयान के अनुसार यह संधि प्रधानमंत्री के 'सबका साथ, सबका विकास' नजरिये के अनुसार है और यह पूर्वोत्तर के समग्र विकास की दिशा में एक प्रतिबद्धता है.

इसे भी पढ़ें- द्वारका की चुनावी रैली में बोले पीएम- दिल्ली को उलझाने वाली नहीं, सुलझाने वाली राजनीति चाहिए

इस संधि के होने के दो दिनों के अंदर एनडीबीएफ के विभिन्न गुटों के 1615 से अधिक कार्यकर्ताओं ने आत्मसमर्पण किया और वे मुख्य धारा से जुड़े.

अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में भी मोदी ने हिंसा के मार्ग पर चलने वलों से मुख्यधारा में लौटने और अपने हथियार डालने की अपील की थी.

दिसंबर में मोदी और जापान के उनके समकक्ष के बीच गुवाहाटी में एक शिखर सम्मेलन होना था, लेकिन सीएए विरोधी प्रदर्शन के चलते उसे रद्द कर दिया गया.

मोदी को हाल ही में गुवाहटी में संपन्न 'खेल इंडिया' खेलकूद कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह उसमें शामिल नहीं हो पाये थे.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 21:1 HRS IST




             
  • मोदी बोडो संधि के उपलक्ष्य में असम के कोकराझार में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचेंगे



नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोडो संधि होने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शुक्रवार को असम के कोकराझार की यात्रा करेंगे।



प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार मोदी 27 जनवरी को हुई ‘ऐतिहासिक बोडो संधि की प्रशंसा’ में वहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे।



पूर्वोत्तर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन होने के बाद से प्रधानमंत्री की यह पहली पूर्वोत्तर यात्रा होगी। इस हिंसक प्रदर्शन में तीन लोगों की जान भी चली गयी थी।



इस कार्यक्रम (प्रधानमंत्री की सभा) में बोडो स्वायत्त जनजाति जिलों और राज्य के अन्य क्षेत्रों से चार लाख से अधिक लोगों के जुटने की संभावना है।



बयान के अनुसार असम की विविधता का प्रदर्शन करने के लिए वहां के जातीय समूहों का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है।



हाल में प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर संधि वाले दिन को भारत के लिए बड़ा खास दिन बताया था और कहा था कि इससे बोडो लोगों के लिए बदलावकारी परिणाम सामने आयेंगे तथा शांति, सद्भाव एवं भाईचारे का नया सवेरा आएगा।



बयान के अनुसार यह संधि प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ , सबका विकास’ नजरिये के अनुसार है और यह पूर्वोत्तर के समग्र विकास की दिशा में एक प्रतिबद्धता है।



इस संधि के होने के दो दिनों के अंदर एनडीबीएफ के विभिन्न गुटों के 1615 से अधिक कार्यकर्ताओं ने आत्मसमर्पण किया और वे मुख्य धारा से जुड़े।



अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी मोदी ने हिंसा के मार्ग पर चलने वलों से मुख्यधारा में लौटने और अपने हथियार डालने की अपील की थी।







दिसंबर में मोदी और जापान के उनके समकक्ष के बीच गुवाहाटी में एक शिखर सम्मेलन होना था लेकिन सीएए विरोधी प्रदर्शन के चलते उसे रद्द कर दिया गया।



मोदी को हाल ही में गुवाहटी में संपन्न ‘खेल इंडिया’ खेलकूद कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था लेकन वह उसमें शामिल नहीं हो पाये थे।


Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 5:29 AM IST
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