नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्ण से बातचीत की. बातचीत के दौरान पीएम ने अरविंद कृष्ण से भारत में उनकी कंपनी के प्रसार पर चर्चा की.
गौरतलब है कि आईबीएम भारत के 20 शहरों में काम कर रही है. पीएम ने कहा कि भारत में आईबीएम के एक लाख से अधिक लोग काम कर रहे हैं. उन्होंने सीईओ अरविंद कृष्ण से भारत में आईबीएम के मजबूत जुड़ाव और देश में इसकी विशाल उपस्थिति का भी उल्लेख किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा से सोमवार को कहा कि भारत में निवेश के लिए यह अच्छा समय है और देश प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश का स्वागत कर रहा है.
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कृष्णा के साथ संवाद में प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ जहां दुनिया में सुस्ती दिखाई दे रही है, वहीं भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह लगातार बढ़ रहा है.
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा कि देश आत्मनिर्भर भारत के विज़न के साथ आगे बढ़ रहा है ताकि एक वैश्विक सक्षम और निर्बाध स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला विकसित की जा सके.
नियामकीय वातावरण की दिशा में काम
कारोबारी संस्कृति पर कोविड के प्रभाव की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि 'वर्क फ्रॉम होम' को व्यापक स्तर पर अपनाया जा रहा है और इस तकनीकी बदलाव को सुगम बनाने के लिए सरकार आधारभूत ढांचा, संपर्क और नियामकीय वातावरण उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार काम कर रही है.
बयान में कहा गया कि उन्होंने हाल में आईबीएम के अपने 75 प्रतिशत कर्मचारियों से घर से काम कराने के फैसले से जुड़ी तकनीक और चुनौतियों पर भी विचार विमर्श किया.
आईबीएम के सीईओ ने प्रधानमंत्री को भारत में अपनी व्यापक निवेश योजनाओं के बारे में जानकारी दी और 'आत्मनिर्भर भारत' के विज़न के प्रति भरोसा जताया.
बयान के मुताबिक, 'प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यह भारत में निवेश का एक अच्छा समय है. उन्होंने कहा कि देश प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश का स्वागत और समर्थन कर रहा है. उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां दुनिया में आर्थिक सुस्ती दिखाई दे रही है, वहीं भारत में एफडीआई का प्रवाह लगातार बढ़ रहा है.'
स्वास्थ्य संबंधी विज़न में आईबीएम की भूमिका
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत केन्द्रित एआई आधारित टूल्स तैयार करने और बीमारी की पूर्व सूचना तथा विश्लेषण के लिए एक बेहतर मॉडल के विकास की संभावनाओं पर बात की. उन्होंने कहा कि देश एक एकीकृत, तकनीक और डेटा चालित स्वास्थ्य प्रणाली के विकास की दिशा में बढ़ रहा है, जो किफायती हो और लोगों के लिए दिक्कतों से मुक्त हो. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी विज़न को आगे बढ़ाने में आईबीएम अहम भूमिका निभा सकता है.
आईबीएम के सीईओ ने आयुष्मान भारत के लिए प्रधानमंत्री के विज़न की सराहना की और बीमारियों की जल्दी पहचान के लिए तकनीक का उपयोग किए जाने के बारे में बात की.
स्कूलों में आईबीएम की भूमिका
प्रधानमंत्री ने भारत में 200 स्कूलों में एआई पाठ्यक्रम के शुभारम्भ की दिशा में सीबीएसई के साथ भागीदारी में आईबीएम द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि सरकार देश में तकनीक को प्रोत्साहन देने को विद्यार्थियों के लिए शुरुआती चरण में एआई, मशीन लर्निंग आदि अवधारणाओं की पेशकश की दिशा में काम कर रही है.
तकनीकी शिक्षा बुनियादी कौशलों की श्रेणी में हो
आईबीएम के सीईओ ने कहा कि तकनीक और डेटा के बारे में शिक्षा को बीज गणित (अल्जेब्रा) जैसे बुनियादी कौशलों की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए, साथ ही इसे उत्साह के साथ बढ़ाये जाने की आवश्यकता है और जल्द से जल्द पेश किया जाना चाहिए.