नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे मिशन के तहत उत्तराखंड में आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए छह बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन का लोगो लॉन्च किया.
इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में उद्गम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक गंगा, देश की करीब-करीब आधी आबादी के जीवन को समृद्ध करती हैं. इसलिए गंगा की निर्मलता आवश्यक है, गंगा जी की अविरलता आवश्यक है. हमने नमामि गंगे मिशन को सिर्फ गंगा जी की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया है.
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया. पहला, गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया. दूसरा, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें. तीसरा, गंगा नदी के किनारे बसे सौ बड़े शहरों और पांच हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना और चौथा, जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना.
प्रयागराज कुंभ में गंगा जी की निर्मलता को दुनियाभर के श्रद्धालुओं ने अनुभव किया था.अब हरिद्वार कुंभ के दौरान भी पूरी दुनिया को निर्मल गंगा स्नान का अनुभव होने वाला है. अब गंगा म्यूजियम के बनने से यहां का आकर्षण और अधिक बढ़ जाएगा. ये म्यूजियम हरिद्वार आने वाले पर्यटकों के लिए, गंगा से जुड़ी विरासत को समझने का एक माध्यम बनने वाला है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी से जुड़ी चुनौतियों के साथ अब ये मंत्रालय देश के हर घर तक जल पहुंचाने के मिशन में जुटा हुआ है. आज जलजीवन मिशन के तहत हर दिन करीब एक लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा से जोड़ा जा रहा है. सिर्फ एक साल में ही देश के दो करोड़ परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया जा चुका है.
बता दें कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोमवार को कहा कि परियोजनाओं में हरिद्वार के जगजीतपुर में 68 एमएलडी के जल-मल शोधन संयंत्र का निर्माण, 27 एमएलडी के मौजूदा जल-मल शोधन संयंत्र का उन्नयन और हरिद्वार के सराय में 18 एमएलडी का जल-मल शोधन संयंत्र का निर्माण शामिल है.
पीएम मोदी ने गंगा से संबंधित प्रथम संग्रहालय गंगा अवलोकन का भी उद्घाटन किया, जो इस नदी से जुड़ी संस्कृति, जैव विविधता और कायाकल्प गतिविधियों को प्रदर्शित करेगा.
संग्रहालय हरिद्वार में चंडी घाट पर स्थित है.
इस अवसर पर गंगा से जुड़ी एक किताब का विमोचन भी किया गया जो राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और भारतीय वन्यजीव संस्थान ने प्रकाशित की है.
ऋषिकेश के लक्कड़घाट पर 26 एमएलडी के जल-मल शोधन संयंत्र का उद्घाटन किया.
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मोदी चोरपानी में 5 एमएलडी के एक और 1 एमलडी के दो तथा बद्रीनाथ में 0.01 एमएलडी के एक जल-मल शोधन संयंत्र का उद्घाटन किया.