नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के दौरान संक्रमित मरीजों की सेवा में पूरे मनोयोग से लगे स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश, 2020 का स्वागत किया है.
पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, 'सभी स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं की रक्षा करना हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो अग्रिम मोर्चे पर बहादुरी के साथ COVID-19 से जूझ रहे हैं. यह हमारे पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. उनकी सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं हो सकता!'
इसके पूर्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पद्मश्री डॉ.सी.पी. ठाकुर ने कोरोना वायरस से जंग में अग्रिम पंक्ति के योद्धा बने देश के चिकित्सक, नर्स, सुरक्षाकर्मी, मीडिया एवं सफाईकर्मियों के साथ लगातार हो रही मारपीट व दुर्व्यवहार की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.
डॉक्टर ठाकुर ने कहा कि देश में सुरक्षाकर्मियों व स्वास्थ्यकर्मियों के सामने इस समय दो चुनौतियां हैं. पहला कोरोना वायरस और दूसरा वे लोग, जो सब जानने-समझने के बावजूद भी इन योद्धाओं के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं.
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि चेन्नई में डॉ. साइमन हरक्युलिस की मौत कोरोना से हुई. जब शव को दफनाने के लिए उनके साथी और परिजन कब्रिस्तान पहुंचे, तो भीड़ ने एम्बुलेंस पर पत्थरों और लाठी से हमला कर दिया. इसी प्रकार इंदौर में महिला कोरोना योद्धा पर हमला किया गया.
उन्होंने कहा कि ऐसी अनगिनत घटनाएं देश में असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार की जा रही हैं. यह काफी दुःखद व निंदनीय है. ऐसे असामाजिक तत्वों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.
डॉ. ठाकुर ने सरकार से कोरोना संकट से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु कड़ा कानून बनाने का मांग की. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी में डॉक्टर्स, पारा मेडिकल टीम, नर्सें, एंबुलेंस चालक, सफाईकर्मी सहित मेडिकल क्षेत्र से जुड़े विभिन्न सेवादूत खुद की परवाह किए बिना अपनी सेवाएं दे रहे हैं. यह जानते हुए भी कि कोरोना के संक्रमण से वह भी सुरक्षित नहीं है, खुद की परवाह किए बगैर सेवा में लगे इन कर्मचारियों की सुरक्षा की चिंता होना लाजिमी है.