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भारत और आसियान की रणनीतिक साझेदारी सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ASEAN सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि भारत और आसियान की रणनीतिक साझेदारी हमारी साझा ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित है. आसियान हमेशा हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मूल रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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Published : Nov 12, 2020, 5:01 PM IST

Updated : Nov 12, 2020, 5:55 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन 'आसियान' की सामरिक साझेदारी साझा ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित है तथा यह समूह शुरू से ही भारत की 'ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी' का मूल केंद्र रहा है.

मोदी 17वें आसियान-भारत शिखर बैठक को संबोधित कर रहे थे. वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक के साथ मोदी इस बैठक की सह-अध्यक्षता कर रहे हैं.

ASEAN सम्मेलन को संबोधित करते पीएम मोदी

अपने संबोधन में मोदी ने कहा, भारत और आसियान के बीच आर्थिक, सामाजिक, डिजिटल, वित्तीय और समुद्री हर प्रकार के संपर्क को बढ़ाना हमारे लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है. पिछले कुछ सालों में हम इन सभी क्षेत्रों में क़रीब आते गए हैं.'

उन्होंने कहा कि भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल और आसियान के हिंद-प्रशांत पर दृष्टिकोण के बीच कई सारी समानताएं हैं. उन्होंने कहा, 'शुरूआत से ही आसियान समूह हमारी ‘ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का मूल केंद्र रहा है. भारत और आसियान की रणनीतिक भागीदारी हमारी साझा ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित है.'

यह सम्मेलन बृहस्पतिवार को कोविड-19 महामारी की वजह से ऑनलाइन माध्यम के जरिये शुरू हुआ, जिसके शुरुआती सत्र में वियतनाम के प्रधानमंत्री ने सदस्य देशों के समक्ष मौजूद चुनौतियों को रेखांकित किया.

पढ़ें - दीपावली से पहले 'आत्मनिर्भर भारत 3.0' लेकर आईं वित्त मंत्री

एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन्स (आसियान) के साल में दो बार होने वाले सम्मेलन में इस साल वियतनाम अध्यक्ष है और उम्मीद की जा रही है कि इस सम्मेलन में दक्षिण चीन सागर विवाद, कोरोना वायरस महामारी और कारोबार सहित विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

कोविड-19 की समस्या इतनी विकट है कि इसकी वजह से कंबोडिया का प्रतिनिधित्व वहां के उप प्रधानमंत्री कर रहे हैं क्योंकि देश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे हुन सेन संक्रमित मंत्री के संपर्क में आने की वजह से पृथकवास में हैं.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन 'आसियान' की सामरिक साझेदारी साझा ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित है तथा यह समूह शुरू से ही भारत की 'ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी' का मूल केंद्र रहा है.

मोदी 17वें आसियान-भारत शिखर बैठक को संबोधित कर रहे थे. वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक के साथ मोदी इस बैठक की सह-अध्यक्षता कर रहे हैं.

ASEAN सम्मेलन को संबोधित करते पीएम मोदी

अपने संबोधन में मोदी ने कहा, भारत और आसियान के बीच आर्थिक, सामाजिक, डिजिटल, वित्तीय और समुद्री हर प्रकार के संपर्क को बढ़ाना हमारे लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है. पिछले कुछ सालों में हम इन सभी क्षेत्रों में क़रीब आते गए हैं.'

उन्होंने कहा कि भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल और आसियान के हिंद-प्रशांत पर दृष्टिकोण के बीच कई सारी समानताएं हैं. उन्होंने कहा, 'शुरूआत से ही आसियान समूह हमारी ‘ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का मूल केंद्र रहा है. भारत और आसियान की रणनीतिक भागीदारी हमारी साझा ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित है.'

यह सम्मेलन बृहस्पतिवार को कोविड-19 महामारी की वजह से ऑनलाइन माध्यम के जरिये शुरू हुआ, जिसके शुरुआती सत्र में वियतनाम के प्रधानमंत्री ने सदस्य देशों के समक्ष मौजूद चुनौतियों को रेखांकित किया.

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एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन्स (आसियान) के साल में दो बार होने वाले सम्मेलन में इस साल वियतनाम अध्यक्ष है और उम्मीद की जा रही है कि इस सम्मेलन में दक्षिण चीन सागर विवाद, कोरोना वायरस महामारी और कारोबार सहित विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

कोविड-19 की समस्या इतनी विकट है कि इसकी वजह से कंबोडिया का प्रतिनिधित्व वहां के उप प्रधानमंत्री कर रहे हैं क्योंकि देश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे हुन सेन संक्रमित मंत्री के संपर्क में आने की वजह से पृथकवास में हैं.

Last Updated : Nov 12, 2020, 5:55 PM IST
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