नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपनी तीन दिवसीय थाईलैंड यात्रा के समापन के बाद नई दिल्ली लौटे. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने आसियान- भारत, पूर्वी एशिया और रिजनल कॉम्प्रीहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनर्शिप (आरसीईपी) शिखर सम्मेलन में भाग लिया.
दरअसल, 4 नवंबर को, भारत ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) समझौते में शामिल नहीं होने का फैसला किया था.
प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा कि 'आरसीईपी समझौते का वर्तमान स्वरूप पूरी तरह से बुनियादी भावना और आरसीईपी के सहमत मार्गदर्शक सिद्धांतों को प्रतिबिंबित नहीं करता है और संतोषजनक रूप से भारत के बकाया मुद्दों और चिंताओं को संबोधित नहीं करता.ऐसी स्थिति में, भारत के लिए RCEP समझौते में शामिल होना संभव नहीं है.'
बता दें कि दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र में अपने प्रवास के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे, वियतनाम के समकक्ष गुयेन जुआन फुच और ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के साथ कई द्विपक्षीय बैठकों में भाग लिया.
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उन्होंने सतत विकास के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के नेताओं के साथ एक विशेष दोपहर के भोजन में भाग लिया.
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने तीसरे क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) और 14 वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ भाग लिया था. रविवार को, पीएम मोदी ने अपने थाईलैंड समकक्ष प्रयाण चान-ओ-चा के साथ 16 वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की, जिनके निमंत्रण पर उन्होंने देश का दौरा किया.
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गौरतलब है कि आरसीईपी दस आसियान देशों, ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस, लाओस और वियतनाम और उनके छह एफटीए भागीदारों चीन, जापान, भारत, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एक प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता है.
अपनी यात्रा के पहले दिन, मोदी ने बैंकाक में 'सवासदी पीएम मोदी' सामुदायिक कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया था.