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बंगबंधु जन्मशती समारोह : पीएम मोदी ने शेख मुजीब को बताया सदी का महान शख्स

पीएम मोदी
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Published : Mar 17, 2020, 8:08 PM IST

Updated : Mar 17, 2020, 8:55 PM IST

20:07 March 17

शेख मुजीबुर रहमान के जंयती समारोह को संबोधित करते पीएम मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जतिर पिता (jatir pita) बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के जन्म शताब्दी समारोह मे शिरकत की.

पीएम मोदी ने कहा, 'शेख हसीना जी ने मुझे इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बनने के लिए व्यक्तिगत तौर पर निमंत्रण दिया था, लेकिन कोरोना के कारण यह संभव नहीं हो पाया.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'फिर शेख हसीना जी ने एक और विकल्प दिया और इसलिए मैं वीडियो के माध्यम से आपसे जुड़ रहा हूं.'

पीएम मोदी ने कहा, 'बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान पिछली सदी के महान व्यक्तित्वों में से एक थे. उनका पूरा जीवन, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है. आज मुझे बहुत खुशी होती है, जब देखता हूं कि बांग्लादेश के लोग, किस तरह अपने प्यारे देश को शेख मुजीबुर रहमान के सपनों का सोनार-बांग्ला बनाने में जुटे हैं.'

मोदी ने कहा कि याद कीजिए एक दमनकारी और अत्याचारी शासन ने, लोकतांत्रिक मूल्यों को नकारने वाली व्यवस्था ने, किस तरह बांग्ला भूमि के साथ अन्याय किया, उसके लोगों को तबाह किया, सारी दुनिया भली भांति उन बातों को जानती है.

पीएम मोदी ने कहा कि उस दौर में जो तबाही मचाई गई थी, जो नरसंहार हुआ, उससे बांग्लादेश को बाहर निकालने के लिए, एक सकारात्मक और प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए बंगबंधु ने अपना पल-पल समर्पित कर दिया था.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंक और हिंसा को राजनीति और कूटनीति का हथियार बनाना, कैसे पूरे समाज और देश को तबाह कर देता है, यह हम भली भांति देख रहे हैं. आतंक और हिंसा के वह समर्थक आज कहां हैं, किस हाल में हैं?

पीएम मोदी ने कहा कि दूसरी तरफ हमारा बांग्लादेश आज जिन ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है, वो भी दुनिया देख रही है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,  'मुझे इस बात की भी खुशी है कि बीते पांच से छह वर्षों में भारत और बांग्लादेश ने आपसी रिश्तों का भी शोनाली अध्याय गढ़ा है, अपनी साझेदारी को नई दिशा और नए आयाम दिए हैं.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'दोनों देशों में बढ़ता हुआ विश्वास है, जिसके कारण हम दशकों से चले आ रहे भूमि, समुद्री सीमा से जुड़े मुद्दों को शांति से सुलझाने में सफल रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि अगले वर्ष बांग्लादेश की मुक्ति के 50 वर्ष होंगे और उससे अगले वर्ष 2022 में भारत की आजादी के 75 वर्ष होने वाले हैं.

पीएम ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि ये दोनों पड़ाव, भारत-बांग्लादेश के विकास को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के साथ ही, दोनों देशों की मित्रता को भी नई बुलंदी देंगे.'

20:07 March 17

शेख मुजीबुर रहमान के जंयती समारोह को संबोधित करते पीएम मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जतिर पिता (jatir pita) बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के जन्म शताब्दी समारोह मे शिरकत की.

पीएम मोदी ने कहा, 'शेख हसीना जी ने मुझे इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बनने के लिए व्यक्तिगत तौर पर निमंत्रण दिया था, लेकिन कोरोना के कारण यह संभव नहीं हो पाया.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'फिर शेख हसीना जी ने एक और विकल्प दिया और इसलिए मैं वीडियो के माध्यम से आपसे जुड़ रहा हूं.'

पीएम मोदी ने कहा, 'बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान पिछली सदी के महान व्यक्तित्वों में से एक थे. उनका पूरा जीवन, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है. आज मुझे बहुत खुशी होती है, जब देखता हूं कि बांग्लादेश के लोग, किस तरह अपने प्यारे देश को शेख मुजीबुर रहमान के सपनों का सोनार-बांग्ला बनाने में जुटे हैं.'

मोदी ने कहा कि याद कीजिए एक दमनकारी और अत्याचारी शासन ने, लोकतांत्रिक मूल्यों को नकारने वाली व्यवस्था ने, किस तरह बांग्ला भूमि के साथ अन्याय किया, उसके लोगों को तबाह किया, सारी दुनिया भली भांति उन बातों को जानती है.

पीएम मोदी ने कहा कि उस दौर में जो तबाही मचाई गई थी, जो नरसंहार हुआ, उससे बांग्लादेश को बाहर निकालने के लिए, एक सकारात्मक और प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए बंगबंधु ने अपना पल-पल समर्पित कर दिया था.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंक और हिंसा को राजनीति और कूटनीति का हथियार बनाना, कैसे पूरे समाज और देश को तबाह कर देता है, यह हम भली भांति देख रहे हैं. आतंक और हिंसा के वह समर्थक आज कहां हैं, किस हाल में हैं?

पीएम मोदी ने कहा कि दूसरी तरफ हमारा बांग्लादेश आज जिन ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है, वो भी दुनिया देख रही है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,  'मुझे इस बात की भी खुशी है कि बीते पांच से छह वर्षों में भारत और बांग्लादेश ने आपसी रिश्तों का भी शोनाली अध्याय गढ़ा है, अपनी साझेदारी को नई दिशा और नए आयाम दिए हैं.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'दोनों देशों में बढ़ता हुआ विश्वास है, जिसके कारण हम दशकों से चले आ रहे भूमि, समुद्री सीमा से जुड़े मुद्दों को शांति से सुलझाने में सफल रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि अगले वर्ष बांग्लादेश की मुक्ति के 50 वर्ष होंगे और उससे अगले वर्ष 2022 में भारत की आजादी के 75 वर्ष होने वाले हैं.

पीएम ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि ये दोनों पड़ाव, भारत-बांग्लादेश के विकास को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के साथ ही, दोनों देशों की मित्रता को भी नई बुलंदी देंगे.'

Last Updated : Mar 17, 2020, 8:55 PM IST
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