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जी-20 में बोले प्रधानमंत्री- कोरोना ने वैश्वीकरण की नई अवधारणा को देखने का अवसर दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज के जी-20 देशों के सम्मेलन दौरान कोरोना वायरस महामारी से निबटने के लिए पूरे विश्व के प्रयास पर अन्य जी-20 नेताओं को संबोधित किया. इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी उपस्थित रहे.

पीएम मोदी
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Published : Mar 26, 2020, 10:17 PM IST

नई दिल्ली : वीडियो कॉन्फ्रेंसिग से आयोजित किए जा रहे जी-20 देशों के सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी और इसके मानवीय और आर्थिक निहितार्थों पर समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया के दौरान जी-20 नेताओं को संबोधित किया. इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी उपस्थित रहे. एएनआई सूत्रों के मुताबिक जी-20 देशों के नेताओं के बीच इस बात की भी सराहना हुई कि भारत ने न केवल क्षेत्रीय स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी COVID-19 महामारी से लड़ने में भूमिका निभाई.

समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि किसी भी नेता ने महामारी के समय को परिभाषित करने की कोशिश नहीं की, क्योंकि इसकी लंबाई को परिभाषित नहीं किया जा सकता. सूत्रों के मुताबिक सभी देशों के बीच अधिक प्रभावी और तेज डायग्नोस्टिक किट विकसित करने और उन्हें शीघ्र उपलब्ध कराने के बारे में चर्चा की गई.

जी-20 समिट की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), संयुक्त राष्ट्र (UN), और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुखों ने भी बात की. सम्मेलन के दौरान यह निर्णय लिया गया कि जी-20 समूह COVID-19 पर एक एक्शन पेपर के साथ आएगा.

सूत्रों के मुताबिक जी-20 वर्चुअल समिट के दौरान कोरोना वायरस ( COVID-19) की उत्पत्ति पर कोई चर्चा नहीं हुई. सभी देशों की भावना सहयोगात्मक थी और मौजूदा संकट से निबटने के लिए विचार-विमर्श किया गया. वायरस के प्रकोप के लिए किसी को दोषी ठहराने के प्रयास नहीं किए गए.

समिट के दौरान भारत के रूख के संबंध में सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 नेताओं से मानव जीवन पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाने की अपील की. उन्होंने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए कठोर कठिनाइयों को कम करने, डब्ल्यूएचओ को मजबूत करने और आर्थिक कठिनाइयों को कम करने की योजना के लिए भी आग्रह किया.

समिट के दौरान पीएम मोदी ने एक बात कही कि मंच आर्थिक और आर्थिक मुद्दों को दूर करने का एक मंच बन गया है. पीएम ने कहा कि कई स्तरों पर वैश्वीकरण ने हमें विफल कर दिया है, चाहे वह आतंकवाद का मुकाबला करना हो या जलवायु परिवर्तन.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि COVID-19 ने वैश्वीकरण की एक नई अवधारणा को देखने का अवसर प्रदान किया है. एक वह जो आर्थिक और वित्तीय पहलुओं के अलावा मानवता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद पर भी ध्यान केंद्रित करता है.

नई दिल्ली : वीडियो कॉन्फ्रेंसिग से आयोजित किए जा रहे जी-20 देशों के सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी और इसके मानवीय और आर्थिक निहितार्थों पर समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया के दौरान जी-20 नेताओं को संबोधित किया. इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी उपस्थित रहे. एएनआई सूत्रों के मुताबिक जी-20 देशों के नेताओं के बीच इस बात की भी सराहना हुई कि भारत ने न केवल क्षेत्रीय स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी COVID-19 महामारी से लड़ने में भूमिका निभाई.

समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि किसी भी नेता ने महामारी के समय को परिभाषित करने की कोशिश नहीं की, क्योंकि इसकी लंबाई को परिभाषित नहीं किया जा सकता. सूत्रों के मुताबिक सभी देशों के बीच अधिक प्रभावी और तेज डायग्नोस्टिक किट विकसित करने और उन्हें शीघ्र उपलब्ध कराने के बारे में चर्चा की गई.

जी-20 समिट की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), संयुक्त राष्ट्र (UN), और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुखों ने भी बात की. सम्मेलन के दौरान यह निर्णय लिया गया कि जी-20 समूह COVID-19 पर एक एक्शन पेपर के साथ आएगा.

सूत्रों के मुताबिक जी-20 वर्चुअल समिट के दौरान कोरोना वायरस ( COVID-19) की उत्पत्ति पर कोई चर्चा नहीं हुई. सभी देशों की भावना सहयोगात्मक थी और मौजूदा संकट से निबटने के लिए विचार-विमर्श किया गया. वायरस के प्रकोप के लिए किसी को दोषी ठहराने के प्रयास नहीं किए गए.

समिट के दौरान भारत के रूख के संबंध में सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 नेताओं से मानव जीवन पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाने की अपील की. उन्होंने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए कठोर कठिनाइयों को कम करने, डब्ल्यूएचओ को मजबूत करने और आर्थिक कठिनाइयों को कम करने की योजना के लिए भी आग्रह किया.

समिट के दौरान पीएम मोदी ने एक बात कही कि मंच आर्थिक और आर्थिक मुद्दों को दूर करने का एक मंच बन गया है. पीएम ने कहा कि कई स्तरों पर वैश्वीकरण ने हमें विफल कर दिया है, चाहे वह आतंकवाद का मुकाबला करना हो या जलवायु परिवर्तन.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि COVID-19 ने वैश्वीकरण की एक नई अवधारणा को देखने का अवसर प्रदान किया है. एक वह जो आर्थिक और वित्तीय पहलुओं के अलावा मानवता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद पर भी ध्यान केंद्रित करता है.

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