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PM मोदी ने वाजपेयी की जयंती पर अटल भूजल योजना का शुभारंभ किया

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 95वीं जयंती है. इस अवसर पर PM मोदी विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने अटल भूजल योजना की शुरुआत की. साथ ही पीएम मोदी ने 'अटल टनल' का भी उद्घाटन किया. जानें विस्तार से...

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Published : Dec 25, 2019, 12:05 PM IST

Updated : Dec 25, 2019, 4:11 PM IST

प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर अटल भूजल योजना की शुरुआत की. इसके साथ ही लेह और मनाली को जोड़ने वाली सुरंग का नामकरण ‘अटल टनल’ करने की घोषणा की.

दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 95वीं जयंती है. इस अवसर पर PM मोदी विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री को याद कर रहे हैं.

अटल भूजल योजना का शुभारंभ किया

दरअसल मोदी ने जिस 'अटल भूजल योजना’ (अटल जल) की शुरुआत की है, इससे सात राज्यों के 8,350 गांवों को फायदा होगा.

अटल टनल की विशेषता

बता दें कि अटल टनल यानी रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक महत्‍व की सुरंग बनाए जाने का ऐतिहासिक फैसला तीन जून 2000 को लिया गया था जब वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे. सुंरग के दक्षिणी हिस्‍से को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी.

कुल 8.8 किलोमीटर लंबी यह सुरंग तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर बनाई गई दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है. इससे सड़क मार्ग से मनाली से लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी. 15 अक्‍टूबर 2017 को सुरंग के दोनों छोर तक सड़क निर्माण पूरा कर लिया गया. सुरंग का निर्माण जल्‍दी ही पूरा होने वाला है.

अटल भूजल योजना क्या है-

जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, इस योजना का उद्देश्‍य 7 राज्‍यों - गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान और उत्‍तर प्रदेश में प्राथमिकता की पहचान वाले क्षेत्रों में सामुदायिक भागीदारी के माध्‍यम से भू-जल प्रबंधन में सुधार लाना है.

इस योजना के कार्यान्‍वयन से इन राज्‍यों के 78 जिलों की लगभग 8,350 ग्राम पंचायतों को लाभ मिलने की उम्‍मीद है. अटल जल मांग पक्ष प्रबंधन पर प्राथमिक रूप से ध्‍यान देते हुए ग्राम पंचायत के नेतृत्‍व में भू-जल प्रबंधन तथा व्‍यवहार्य परिवर्तन को बढ़ावा देगा.

अटल भूजल योजना पर छह हजार करोड़ रुपये के कुल परिव्‍यय में 50 प्रतिशत विश्‍व बैंक ऋण के रूप में होगा और शेष 50 प्रतिशत नियमित बजटीय सहायता से केन्‍द्रीय मदद के रूप में होगा. राज्‍यों को विश्‍व बैंक का पूरा ऋण घटक और केन्‍द्रीय मदद, अनुदान के रूप में दी जाएगी.

अटल जल योजना के तहत राज्‍यों में स्‍थायी भू-जल प्रबंधन के उद्देश्य से संस्‍थागत प्रबंधनों को मजबूत बनाने के लिए संस्‍थागत मजबूती और क्षमता निर्माण घटक, इसमें नेटवर्क निगरानी और क्षमता निर्माण में सुधार तथा जल उपयोगकर्ता संघों को मजबूत बनाने का कार्य शामिल है।

इसके साथ ही डेटा विस्‍तार, जल सुरक्षा योजनाओं को तैयार करना, मौजूदा योजनाओं के समन्‍वय के माध्‍यम से प्रबंधन प्रयासों को लागू करना, मांग पक्ष प्रबंधन प्रक्रियाओं को अपनाने जैसी उन्‍नत भू-जल प्रबंधन प्रक्रियाओं में उपलब्धियों के लिए राज्‍यों को प्रोत्‍साहन देने पर भी जोर दिया गया है.

इस योजना से विभिन्‍न स्‍तरों पर क्षमता निर्माण तथा भू-जल निगरानी नेटवर्क में सुधार के लिए संस्‍थागत मजबूती से भू-जल डेटा भंडारण, विनिमय, विश्‍लेषण और विस्‍तार को बढ़ावा मिलेगा.

बिंदुवार पढ़ें आज दिल्ली के विज्ञान भवन में मोदी ने क्या कहा :-

  • मैं आज इस अवसर पर दुनिया भर में बसे भारतीयों से भी आग्रह करूंगा कि वो इस पावन अभियान में अपना योगदान दें. जिस गांव से वो विदेशों में गए हैं उस गांव में पानी को प्राथमिकता दें.
  • जल जीवन मिशन के दौरान एक और और नई चीज की जा रही है. इस योजना की मॉनीटरिंग के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं.
  • गांव की भागीदारी और साझेदारी की इस योजना में गांधी जी के ग्राम स्वराज की भी एक झलक है. पानी से जुड़ी योजनाएं हर गांव के स्तर पर वहां की स्थिति-परिस्थिति के अनुसार बनें, ये जल जीवन मिशन की गाइडलाइंस बनाते समय ध्यान रखा गया है.
  • आजादी के इतने वर्षों बाद भी आज देश के 3 करोड़ घरों में ही नल से जल पहुंचता है. सोचिए, 18 करोड़ ग्रामीण घरों में से सिर्फ 3 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचा, 70 साल में इतना ही हो पाया था. अब हमें अगले 3 साल में 15 करोड़ घरों तक पीने का साफ पानी, पाइप से पहुंचाना है.
  • अटल जल योजना में ये भी प्रावधान किया गया है कि जो ग्राम पंचायतें पानी के लिए बेहतरीन काम करेंगी, उन्हें और ज्यादी राशि दी जाएगी, ताकि वो और अच्छा काम कर सकें.
  • जो ग्रामीण आज यहां आए हैं और जो टेक्नोलॉजी के माध्यम से हमसे जुड़े हैं उनको बताना चाहता हूं अटल जल योजना में सबसे बड़ी जिम्मेदारी हम सब नागरिकों, किसानों की है. हम सब मिलकर जितना अच्छा काम करेंगे उससे गांव का भला तो होगा ही साथ ही ग्राम पंचायतों का भी भला होगा.
  • इन सात राज्यों के 78 जिलों में 8,300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में भूजल की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है. इसका बहुत बड़ा खामियाजा वहां के लोगों को उठाना पड़ता है. लोगों को इन दिक्कतों से मुक्ति मिले, जल स्तर में सुधार हो इसके लिए हमें जागरूकता अभियान चलाने होंगे.
  • अटल भूजल योजना से महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात इन सात राज्यों के भूजल का उठाने में बहुत मदद मिलेगी.
  • एक तरफ जल जीवन मिशन है, जो हर घर तक पाइप से जल पहुंचाने का काम करेगा और दूसरी तरफ अटल जल योजना है, जो उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगी जहां ग्राउंड वॉटर बहुत नीचे है.
  • चुनाव से पहले जब हमने पानी के लिए समर्पित जब हमने जल शक्ति मंत्रालय की बात की थी तो कुछ लोगों को लगा कि कैसा वादा है. लेकिन बहुत कम लोगों ने इस बात पर गौर किया कि क्यों इसकी जरूरत.
  • न्यू इंडिया को हमें जल संकट की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है. इसके लिए हम पांच स्तर पर एक साथ काम कर रहे हैं.
  • पानी का ये संकट एक परिवार के रूप में, एक नागरिक के रूप में हमारे लिए चिंताजनक तो है ही, एक देश के रूप में भी ये विकास को प्रभावित करता है.
  • पानी का विषय अटल जी के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, उनके हृदय के बहुत करीब था. अटल जल योजना हो या फिर जल जीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइंस, ये 2024 तक देश के हर घर तक जल पहुंचाने के संकल्प को सिद्ध करने में एक बड़ा कदम हैं.
  • आज देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण एक बड़ी परियोजना का नाम अटल जी को समर्पित किया गया है. हिमाचल प्रदेश को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर से जोड़ने वाली, मनाली को लेह से जोड़ने वाली, रोहतांग टनल, अब अटल टनल के नाम से जानी जाएगी.
  • अनेक कॉमन सर्विस सेंटर से हजारों लोग विशेषकर गांवों के पंच सरपंच भी हमारे साथ जुड़े हुए हैं. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के मनाली से वहां के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, वन मंत्री गोविद सिंह वहां के सांसद राम स्वरूप शर्मा भी तकनीक के माध्यम से हमारे साथ शामिल हैं.
  • आज भारत के दो-दो रत्नों हम सभी के श्रद्धेय अटल जी और महामना मदन मोहन मालवीय जी का जन्म दिवस भी है. मैं इन दोनों महापुरुषों को आदर पूर्वक नमन करता हूं, देश की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर अटल भूजल योजना की शुरुआत की. इसके साथ ही लेह और मनाली को जोड़ने वाली सुरंग का नामकरण ‘अटल टनल’ करने की घोषणा की.

दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 95वीं जयंती है. इस अवसर पर PM मोदी विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री को याद कर रहे हैं.

अटल भूजल योजना का शुभारंभ किया

दरअसल मोदी ने जिस 'अटल भूजल योजना’ (अटल जल) की शुरुआत की है, इससे सात राज्यों के 8,350 गांवों को फायदा होगा.

अटल टनल की विशेषता

बता दें कि अटल टनल यानी रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक महत्‍व की सुरंग बनाए जाने का ऐतिहासिक फैसला तीन जून 2000 को लिया गया था जब वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे. सुंरग के दक्षिणी हिस्‍से को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी.

कुल 8.8 किलोमीटर लंबी यह सुरंग तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर बनाई गई दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है. इससे सड़क मार्ग से मनाली से लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी. 15 अक्‍टूबर 2017 को सुरंग के दोनों छोर तक सड़क निर्माण पूरा कर लिया गया. सुरंग का निर्माण जल्‍दी ही पूरा होने वाला है.

अटल भूजल योजना क्या है-

जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, इस योजना का उद्देश्‍य 7 राज्‍यों - गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान और उत्‍तर प्रदेश में प्राथमिकता की पहचान वाले क्षेत्रों में सामुदायिक भागीदारी के माध्‍यम से भू-जल प्रबंधन में सुधार लाना है.

इस योजना के कार्यान्‍वयन से इन राज्‍यों के 78 जिलों की लगभग 8,350 ग्राम पंचायतों को लाभ मिलने की उम्‍मीद है. अटल जल मांग पक्ष प्रबंधन पर प्राथमिक रूप से ध्‍यान देते हुए ग्राम पंचायत के नेतृत्‍व में भू-जल प्रबंधन तथा व्‍यवहार्य परिवर्तन को बढ़ावा देगा.

अटल भूजल योजना पर छह हजार करोड़ रुपये के कुल परिव्‍यय में 50 प्रतिशत विश्‍व बैंक ऋण के रूप में होगा और शेष 50 प्रतिशत नियमित बजटीय सहायता से केन्‍द्रीय मदद के रूप में होगा. राज्‍यों को विश्‍व बैंक का पूरा ऋण घटक और केन्‍द्रीय मदद, अनुदान के रूप में दी जाएगी.

अटल जल योजना के तहत राज्‍यों में स्‍थायी भू-जल प्रबंधन के उद्देश्य से संस्‍थागत प्रबंधनों को मजबूत बनाने के लिए संस्‍थागत मजबूती और क्षमता निर्माण घटक, इसमें नेटवर्क निगरानी और क्षमता निर्माण में सुधार तथा जल उपयोगकर्ता संघों को मजबूत बनाने का कार्य शामिल है।

इसके साथ ही डेटा विस्‍तार, जल सुरक्षा योजनाओं को तैयार करना, मौजूदा योजनाओं के समन्‍वय के माध्‍यम से प्रबंधन प्रयासों को लागू करना, मांग पक्ष प्रबंधन प्रक्रियाओं को अपनाने जैसी उन्‍नत भू-जल प्रबंधन प्रक्रियाओं में उपलब्धियों के लिए राज्‍यों को प्रोत्‍साहन देने पर भी जोर दिया गया है.

इस योजना से विभिन्‍न स्‍तरों पर क्षमता निर्माण तथा भू-जल निगरानी नेटवर्क में सुधार के लिए संस्‍थागत मजबूती से भू-जल डेटा भंडारण, विनिमय, विश्‍लेषण और विस्‍तार को बढ़ावा मिलेगा.

बिंदुवार पढ़ें आज दिल्ली के विज्ञान भवन में मोदी ने क्या कहा :-

  • मैं आज इस अवसर पर दुनिया भर में बसे भारतीयों से भी आग्रह करूंगा कि वो इस पावन अभियान में अपना योगदान दें. जिस गांव से वो विदेशों में गए हैं उस गांव में पानी को प्राथमिकता दें.
  • जल जीवन मिशन के दौरान एक और और नई चीज की जा रही है. इस योजना की मॉनीटरिंग के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं.
  • गांव की भागीदारी और साझेदारी की इस योजना में गांधी जी के ग्राम स्वराज की भी एक झलक है. पानी से जुड़ी योजनाएं हर गांव के स्तर पर वहां की स्थिति-परिस्थिति के अनुसार बनें, ये जल जीवन मिशन की गाइडलाइंस बनाते समय ध्यान रखा गया है.
  • आजादी के इतने वर्षों बाद भी आज देश के 3 करोड़ घरों में ही नल से जल पहुंचता है. सोचिए, 18 करोड़ ग्रामीण घरों में से सिर्फ 3 करोड़ घरों में नल से जल पहुंचा, 70 साल में इतना ही हो पाया था. अब हमें अगले 3 साल में 15 करोड़ घरों तक पीने का साफ पानी, पाइप से पहुंचाना है.
  • अटल जल योजना में ये भी प्रावधान किया गया है कि जो ग्राम पंचायतें पानी के लिए बेहतरीन काम करेंगी, उन्हें और ज्यादी राशि दी जाएगी, ताकि वो और अच्छा काम कर सकें.
  • जो ग्रामीण आज यहां आए हैं और जो टेक्नोलॉजी के माध्यम से हमसे जुड़े हैं उनको बताना चाहता हूं अटल जल योजना में सबसे बड़ी जिम्मेदारी हम सब नागरिकों, किसानों की है. हम सब मिलकर जितना अच्छा काम करेंगे उससे गांव का भला तो होगा ही साथ ही ग्राम पंचायतों का भी भला होगा.
  • इन सात राज्यों के 78 जिलों में 8,300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में भूजल की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है. इसका बहुत बड़ा खामियाजा वहां के लोगों को उठाना पड़ता है. लोगों को इन दिक्कतों से मुक्ति मिले, जल स्तर में सुधार हो इसके लिए हमें जागरूकता अभियान चलाने होंगे.
  • अटल भूजल योजना से महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात इन सात राज्यों के भूजल का उठाने में बहुत मदद मिलेगी.
  • एक तरफ जल जीवन मिशन है, जो हर घर तक पाइप से जल पहुंचाने का काम करेगा और दूसरी तरफ अटल जल योजना है, जो उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगी जहां ग्राउंड वॉटर बहुत नीचे है.
  • चुनाव से पहले जब हमने पानी के लिए समर्पित जब हमने जल शक्ति मंत्रालय की बात की थी तो कुछ लोगों को लगा कि कैसा वादा है. लेकिन बहुत कम लोगों ने इस बात पर गौर किया कि क्यों इसकी जरूरत.
  • न्यू इंडिया को हमें जल संकट की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है. इसके लिए हम पांच स्तर पर एक साथ काम कर रहे हैं.
  • पानी का ये संकट एक परिवार के रूप में, एक नागरिक के रूप में हमारे लिए चिंताजनक तो है ही, एक देश के रूप में भी ये विकास को प्रभावित करता है.
  • पानी का विषय अटल जी के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, उनके हृदय के बहुत करीब था. अटल जल योजना हो या फिर जल जीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइंस, ये 2024 तक देश के हर घर तक जल पहुंचाने के संकल्प को सिद्ध करने में एक बड़ा कदम हैं.
  • आज देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण एक बड़ी परियोजना का नाम अटल जी को समर्पित किया गया है. हिमाचल प्रदेश को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर से जोड़ने वाली, मनाली को लेह से जोड़ने वाली, रोहतांग टनल, अब अटल टनल के नाम से जानी जाएगी.
  • अनेक कॉमन सर्विस सेंटर से हजारों लोग विशेषकर गांवों के पंच सरपंच भी हमारे साथ जुड़े हुए हैं. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के मनाली से वहां के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, वन मंत्री गोविद सिंह वहां के सांसद राम स्वरूप शर्मा भी तकनीक के माध्यम से हमारे साथ शामिल हैं.
  • आज भारत के दो-दो रत्नों हम सभी के श्रद्धेय अटल जी और महामना मदन मोहन मालवीय जी का जन्म दिवस भी है. मैं इन दोनों महापुरुषों को आदर पूर्वक नमन करता हूं, देश की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
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Last Updated : Dec 25, 2019, 4:11 PM IST
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