नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नया वीडियो जारी हुआ है. राहुल इसमें चीन के बारे में बात करते हुए नजर आ रहे हैं.
गांधी ने चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद से लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है.
राहुल ने वीडियो में कहा कि यह कोई साधारण सीमा विवाद नहीं है, मेरी चिंता यह है कि चीनी आज हमारे इलाके में बैठे हैं. चीन की सामरिक रणनीति को लेकर राहुल ने कहा कि चीन बगैर रणनीतिक सोच के कोई कदम नहीं उठाता. उसके दिमाग में संसार का नक्शा खिंचा हुआ है, और वह उसे अपने हिसाब से आकार दे रहा है. जो वह कर रहा है, वह उसका पैमाना है.
अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा चीन
राहुल ने कहा कि यह दरअसल इस संसार की पुनर्रचना है. इसलिए जब आप चीनियों के बारे में सोचें, आपको यह समझना होगा कि वह किस स्तर पर सोच रहे हैं. अब आप सामरिक स्तर पर देखें, वह अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं. चाहे यह गलवान हो, डेमचोक हो या फिर पैंगोंग झील. उनका इरादा स्पष्ट है- मजबूत स्थिति में जाना.
हमारे हाइवे से वो परेशान है. वो हमारा हाइवे बर्बाद करना चाहते हैं और अगर वो कुछ बड़ा सोच रहे हैं, वो कुछ करना चाहते हैं. पाकिस्तान के साथ कश्मीर में.
पीएम मोदी पर डाला जा रहा दबाव
अतः यह साधारण सीमा विवाद भर नहीं है. यह सुनियोजित सीमा विवाद है. भारतीय प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए. वह एक खास तरीके से दबाव डालने के बारे में सोच रहे हैं. और इसके लिए वह जो कर रहे हैं, वह है, उनकी छवि पर हमला करना.
वह जानते हैं कि नरेंद्र मोदी के लिए प्रभावी राजनीतिज्ञ रहना मजबूरी है, एक राजनीतिज्ञ के रूप में बने रहने के लिए.
56 इंची छवि की रक्षा करनी होगी
उन्हें (प्रधानमंत्री) अपनी 56 इंची छवि की रक्षा करनी होगी. और यही वह असली विचार है, जिस पर चीन वार कर रहा है.
वह मूलतः नरेंद्र मोदी को कह रहा है कि यदि आप वह नहीं करेंगे, जो चीन चाहता है, तो वह नरेंद्र मोदी की मजबूत नेता वाली छवि को ध्वस्त कर देंगे.
अपनी छवि को लेकर चिंतित पीएम
अब प्रश्न उठता है कि नरेंद्र मोदी क्या प्रतिक्रिया देंगे. क्या वह उनका सामना करेंगे. क्या वह चुनौती को स्वीकार करेंगे और कहेंगे, बिल्कुल नहीं, मैं भारत का प्रधानमंत्री हूं मैं अपनी छवि की चिंता नहीं करता. मैं तुम्हारा सामना करूंगा. या वो उनके सामने हथियार डाल देंगे. जो चिंता मेरी अब तक रही है कि प्रधानमंत्री दबाव में आ गए हैं मुझे जो चिंता है चीनी हमारे इलाके में आज बैठे हैं और प्रधानमंत्री खुलेआम कह रहे हैं कि वह नहीं बैठे. इससे मुझे साफ पता चलता है कि वह अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं.
यदि वह चीनियों को यह समझने का मौका देते हैं कि छवि की चिंता में उन्हें चंगुल में लिया जा सकता है, तो भारतीय प्रधानमंत्री इस देश के लिए किसी काम के नहीं रहेंगे.