गुवाहाटी : असम के तिनसुकिया जिले के बागजान में पिछले 75 दिनों से तेल कुएं में लगी आग पर नियंत्रण पाने की कोशिश जारी है. आग बुझाने के लिए ब्लो आउट प्रिवेंटर की मदद से कुएं को ढकने में सफलता मिल गई है. इसके साथ ही अब अगला कदम कुएं की आग को बुझाना होगा.
गौरतलब है कि बागजान में तेल कुएं में विस्फोट की घटना के 75 दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन अब भी कुएं से आग निकल ही रही है.
सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल लिमिटेड (ओआईएल) ने कहा कि असम में बागजान कुएं में विस्फोट को रोकने के लिए उसे बंद करने की तैयारी की गई है, जो 75 दिनों से अनियंत्रित तरीके से गैस उगल रहा है.
कुएं में आग को नियंत्रित करने के लिए फायर कंट्रोल ऑपरेशन तैयार किया गया है.
गौरतलब है कि 27 मई को बागजान में पांच नंबर कुएं में आग लगी थी. आग इस हद तक बेकाबू हो गई कि इंडियन ऑयल के दो अग्निशामकों की मौत हो गई. इसके अलावा मामले की जांच करने पहुंचे तीन विदेशी विशेषज्ञ भी घायल हो गए थे.
कंपनी ने बताया कि हमारे द्वारा बनाया गया बीओपी आग से निकलने वाली तेज और तपती गर्मी भी सहन कर सकता है. इसकी जांच की जा चुकी है. इसे नए फैब्रिकेटेड एक्सेल, मॉडिफाइड बूम सेक्शन्स और अन्य उपकरणों से लैस किया गया है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सुरक्षा प्रणालियों के मद्देनजर इसकी जल प्रलय प्रणाली (water deluge system) को तैयार रखा गया है.
आगे कहा गया कि 27 मई से स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शनों, बंद के परिणामस्वरूप गैस कंपनी को 24068 मीट्रिक टन और 57.16 एमएमएससीएम (million metric standard cubic meters) का नुकसान हो गया है.
ओआईएल ने आगे कहा कि उन्होंने राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए डूमडोमा और तिनसुकिया सर्कल में सात अगस्त तक 2739 परिवारों का सर्वेक्षण किया है.