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सुप्रीम कोर्ट में याचिका- कोरोना जांच के लिए राष्ट्रीय परीक्षण नीति की मांग

कोविड-19 के परीक्षण के लिए राष्ट्रीय परीक्षण नीति की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता पेंटापति पुल राव ने कहा कि भारत में कोविड-19 का परीक्षण कम हो रहा है, जिस कारण महामारी का प्रसार दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. कई राज्य कोरोना के लिए नाममात्र परीक्षण कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jun 17, 2020, 12:09 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें भारत सरकार और इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआपर) को कोविड-19 के लिए राष्ट्रीय परीक्षण नीति बनाने का दिशानिर्देश देने की मांग की गई है ताकि इस वायरस के संक्रमण और इससे होने वाली मौतों को कम किया जा सके.

याचिकाकर्ता पेंटापति पुल राव ने कहा कि भारत में कोविड-19 का परीक्षण कम हो रहा है, जिस कारण महामारी का प्रसार दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. कई राज्य कोरोना के लिए नाममात्र परीक्षण कर रहे हैं. कोविड-19 संदिग्ध क्षेत्रों के परीक्षण में समानता नहीं है. नागरिकों के लिए खुद से कोरोना संक्रमण का परीक्षण कराना बहुत मुश्किल हो गया है.

पेंटापति पुल राव ने कहा कि महामारी तेजी से फैल रही है, जिससे बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं. बुजुर्ग और गरीब व्यक्ति, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, कोविड-19 के शिकार हो रहे हैं.

पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में 'पिक एंड चूज' पर रोक की मांग

राव ने अपनी जनहित याचिका के माध्यम से यह भी बताया कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री आदि के समक्ष भी इस बात का प्रतिनिधित्व किया है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

इससे पहले भी इसी तरह की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी, जिसमें कोरोना वायरस के लिए सामूहिक परीक्षण की मांग की गई थी.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें भारत सरकार और इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआपर) को कोविड-19 के लिए राष्ट्रीय परीक्षण नीति बनाने का दिशानिर्देश देने की मांग की गई है ताकि इस वायरस के संक्रमण और इससे होने वाली मौतों को कम किया जा सके.

याचिकाकर्ता पेंटापति पुल राव ने कहा कि भारत में कोविड-19 का परीक्षण कम हो रहा है, जिस कारण महामारी का प्रसार दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. कई राज्य कोरोना के लिए नाममात्र परीक्षण कर रहे हैं. कोविड-19 संदिग्ध क्षेत्रों के परीक्षण में समानता नहीं है. नागरिकों के लिए खुद से कोरोना संक्रमण का परीक्षण कराना बहुत मुश्किल हो गया है.

पेंटापति पुल राव ने कहा कि महामारी तेजी से फैल रही है, जिससे बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं. बुजुर्ग और गरीब व्यक्ति, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, कोविड-19 के शिकार हो रहे हैं.

पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में 'पिक एंड चूज' पर रोक की मांग

राव ने अपनी जनहित याचिका के माध्यम से यह भी बताया कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री आदि के समक्ष भी इस बात का प्रतिनिधित्व किया है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

इससे पहले भी इसी तरह की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी, जिसमें कोरोना वायरस के लिए सामूहिक परीक्षण की मांग की गई थी.

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