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'बॉयज लॉकर रूम' : उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर, मामले की जांच कराने का आग्रह

'बॉयज लॉकर रूम' घटना के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर एसआईटी या सीबीआई से जांच कराने और अपराधियों को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया गया है. बता दें, इस ग्रुप के ज्यादातर लोग दिल्ली के किशोर लड़के हैं, जिन्होंने नाबालिग लड़कियों पर कथित तौर पर अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री साझा की. पढ़ें पूरी खबर...

plea in delhi high court for sit and cbi probe into bois locker room
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Published : May 9, 2020, 4:27 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर 'बॉयज लॉकर रूम' घटना की एसआईटी या सीबीआई से जांच कराने और अपराधियों को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया गया है.

उल्लेखनीय है कि इंस्टाग्राम पर चल रहे 'बॉयज लॉकर रूम' ग्रुप में कम उम्र की लड़कियों की छेड़छाड़ की गई तस्वीरें और आपत्तिजनक संदेश साझा किए गए.

इस ग्रुप के ज्यादातर लोग दिल्ली के किशोर लड़के हैं, जिन्होंने नाबालिग लड़कियों पर कथित तौर पर अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री साझा की. इस ग्रुप में नाबालिग लड़कियों पर अश्लील टिप्पणियां तथा उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरें पोस्ट की जा रही थीं.

इस याचिका पर 13 मई को सुनवाई हो सकती है. याचिकाकर्ता देव आशीष दुबे ने दिल्ली के स्कूल छात्रों के अपराध को सामने लाने वाली लड़कियों और महिलाओं के लिए सुरक्षा की भी मांग की, ताकि ग्रुप के सदस्य उन्हें नुकसान न पहुंचा सकें.

याचिका में कहा गया है, 'यह मुद्दा 'बॉयज लॉकर रूम' नाम के एक इंस्टाग्राम ग्रुप के सदस्यों द्वारा लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ किए गए अपराध से जुड़ा है, इसलिए याचिकाकर्ता ने यह जनहित याचिका दायर की है. इस ग्रुप को स्कूल के छात्रों मुख्यत: दक्षिण दिल्ली में रहने वाले छात्रों ने बनाया था.'

वकील दुष्यंत तिवारी और ओम प्रकाश परिहार द्वारा दायर याचिका में केंद्र और दिल्ली सरकार को सोशल मीडिया चैट ग्रुप घटना की विशेष जांच दल (एसआईटी) या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

इसमें अधिकारियों को इस इंस्टाग्राम ग्रुप के सभी सदस्यों को फौरन गिरफ्तार करने का निर्देश देने का आग्रह भी किया गया है.

याचिका में कहा गया है, 'एसआईटी या सीबीआई को इस पूरे मामले की जांच करने की जरूरत है क्योंकि यह छात्र बड़े परिवारों के हैं और ऐसी आशंका है कि स्थानीय पुलिस द्वारा की गई जांच प्रभावित हो सकती है और दोषियों को कभी गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.'

इसमें कहा गया है कि इन छात्रों के द्वारा की गई अश्लील टिप्पणियां और तस्वीरें सार्वजनिक होने के बाद माफी मांगने या डरने के बजाय उन्होंने लड़कियों को खुले तौर पर धमकी दी और इंस्टाग्राम ग्रुप के जरिए इन छात्रों द्वारा किया गया अपराध गैरकानूनी है और यह विभिन्न कानूनों का उल्लंघन करता है.'

इससे पहले दो वकीलों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया था.

दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा ने इस चैट ग्रुप के 18 वर्षीय एडमिन को गिरफ्तार कर लिया है. उसने इस साल 12वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा दी है. पुलिस ने बताया कि वह दिल्ली-एनसीआर के एक स्कूल का छात्र है और इस ग्रुप के चार सदस्य भी जांच में शामिल हो गए हैं. सभी 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं.

इस ग्रुप में शामिल नाबालिगों से उनके माता-पिता और एनजीओ के सदस्यों की मौजूदगी में उनके घर पर पूछताछ की गई. एक नाबालिग को पकड़ लिया गया.

गौरतलब है कि दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने मामले पर संज्ञान लेते हुए इंस्टाग्राम और दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा था.

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर 'बॉयज लॉकर रूम' घटना की एसआईटी या सीबीआई से जांच कराने और अपराधियों को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया गया है.

उल्लेखनीय है कि इंस्टाग्राम पर चल रहे 'बॉयज लॉकर रूम' ग्रुप में कम उम्र की लड़कियों की छेड़छाड़ की गई तस्वीरें और आपत्तिजनक संदेश साझा किए गए.

इस ग्रुप के ज्यादातर लोग दिल्ली के किशोर लड़के हैं, जिन्होंने नाबालिग लड़कियों पर कथित तौर पर अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री साझा की. इस ग्रुप में नाबालिग लड़कियों पर अश्लील टिप्पणियां तथा उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरें पोस्ट की जा रही थीं.

इस याचिका पर 13 मई को सुनवाई हो सकती है. याचिकाकर्ता देव आशीष दुबे ने दिल्ली के स्कूल छात्रों के अपराध को सामने लाने वाली लड़कियों और महिलाओं के लिए सुरक्षा की भी मांग की, ताकि ग्रुप के सदस्य उन्हें नुकसान न पहुंचा सकें.

याचिका में कहा गया है, 'यह मुद्दा 'बॉयज लॉकर रूम' नाम के एक इंस्टाग्राम ग्रुप के सदस्यों द्वारा लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ किए गए अपराध से जुड़ा है, इसलिए याचिकाकर्ता ने यह जनहित याचिका दायर की है. इस ग्रुप को स्कूल के छात्रों मुख्यत: दक्षिण दिल्ली में रहने वाले छात्रों ने बनाया था.'

वकील दुष्यंत तिवारी और ओम प्रकाश परिहार द्वारा दायर याचिका में केंद्र और दिल्ली सरकार को सोशल मीडिया चैट ग्रुप घटना की विशेष जांच दल (एसआईटी) या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

इसमें अधिकारियों को इस इंस्टाग्राम ग्रुप के सभी सदस्यों को फौरन गिरफ्तार करने का निर्देश देने का आग्रह भी किया गया है.

याचिका में कहा गया है, 'एसआईटी या सीबीआई को इस पूरे मामले की जांच करने की जरूरत है क्योंकि यह छात्र बड़े परिवारों के हैं और ऐसी आशंका है कि स्थानीय पुलिस द्वारा की गई जांच प्रभावित हो सकती है और दोषियों को कभी गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.'

इसमें कहा गया है कि इन छात्रों के द्वारा की गई अश्लील टिप्पणियां और तस्वीरें सार्वजनिक होने के बाद माफी मांगने या डरने के बजाय उन्होंने लड़कियों को खुले तौर पर धमकी दी और इंस्टाग्राम ग्रुप के जरिए इन छात्रों द्वारा किया गया अपराध गैरकानूनी है और यह विभिन्न कानूनों का उल्लंघन करता है.'

इससे पहले दो वकीलों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया था.

दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा ने इस चैट ग्रुप के 18 वर्षीय एडमिन को गिरफ्तार कर लिया है. उसने इस साल 12वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा दी है. पुलिस ने बताया कि वह दिल्ली-एनसीआर के एक स्कूल का छात्र है और इस ग्रुप के चार सदस्य भी जांच में शामिल हो गए हैं. सभी 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं.

इस ग्रुप में शामिल नाबालिगों से उनके माता-पिता और एनजीओ के सदस्यों की मौजूदगी में उनके घर पर पूछताछ की गई. एक नाबालिग को पकड़ लिया गया.

गौरतलब है कि दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने मामले पर संज्ञान लेते हुए इंस्टाग्राम और दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा था.

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