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पायलट संघ ने एअर इंडिया को लिखी चिट्ठी, वेतन कटौती को ठहराया अवैध

भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ ने सोमवार को एअर इंडिया को पत्र लिखकर कहा है कि पायलटों के लिए पांच साल तक 'बिना वेतन अवकाश' का प्रस्ताव ठीक नहीं है. पायलट संघ ने एअर इंडिया और केंद्रीय श्रम आयुक्त को लिखे पत्र में कहा कि एअर इंडिया द्वारा वेतन समझौते पर एकतरफा फैसला गैरकानूनी है.

पायलटों के वेतन में कटौती अवैध
पायलटों के वेतन में कटौती अवैध
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Published : Jul 20, 2020, 2:33 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ ने सोमवार को एअर इंडिया को पत्र लिखकर पायलटों के लिए पांच साल तक बिना वेतन अवकाश का प्रस्ताव ठुकरा दिया और कहा कि यह असंवैधानिक है. संघ ने साथ ही कहा कि यह प्रस्ताव एअर इंडिया के लिए सही नहीं है.

पायलट संघ ने एअर इंडिया और केंद्रीय श्रम आयुक्त को लिखे पत्र में कहा कि एअर इंडिया द्वारा वेतन समझौते पर एकतरफा फैसला गैरकानूनी है और यह इस समय खुद एअर इंडिया के लिए भी सही नहीं होगा. यह चिट्ठी पायलट संघ के महासचिव कैप्टन टी. प्रवीण कीर्ति ने लिखी है, जिसमें कहा गया है कि इस तरह की स्थिति आगे चलकर काफी विस्फोटक हो सकती है.

उल्लेखनीय है कि एअर इंडिया ने गुरुवार को कहा था कि उसने कार्यक्षमता, दक्षता और स्वास्थ्य के आधार पर कर्मचारियों की लिस्टिंग करनी शुरू कर दी है और इन कर्मचारियों को बिना वेतन के अनिवार्य छुट्टी पर भेजा जाएगा.

हालांकि केवल 5 साल तक के लिए कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजने के एअर इंडिया के फैसले को सही ठहराते हुए कहा गया कि हर साल 500-600 करोड़ रुपये की आंतरिक मदद एयरलाइंस को चलाने के लिए काफी नहीं है. हर किसी को कटौती करनी पड़ेगी. अभी यही हो रहा है.

पढ़ें : एअर इंडिया की 'बिना वेतन अवकाश' योजना पर बोले पुरी, लागत कटौती तो करनी ही होगी

एअर इंडिया के आदेश के तुरंत बाद पायलट संघ ने एअर इंडिया के सीएमडी राजीव बंसल को एक पत्र लिखा और 60 प्रतिशत वेतन कटौती के प्रस्ताव का विरोध किया.

पत्र में कहा गया है, 'नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आपको निर्देश दिया है कि आप पायलटों के 60 प्रतिशत वेतन कम कर दें. यह कहीं भी बाजार के मानकों के अनुरूप नहीं है. यदि यह सच है, तो हम माननीय मंत्री के साथ एक मुलाकात करना चाहते हैं. हम माननीय मंत्री जी से मिलकर हमारे पायलटों को राष्ट्र की सेवा के लिए मिले सभी प्रशंसा पत्र लौटा देंगे.'

पत्र में यह भी दावा किया गया है कि अप्रैल 2020 से पायलटों को उनके वेतन का 70% भुगतान नहीं किया गया.

नई दिल्ली : भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ ने सोमवार को एअर इंडिया को पत्र लिखकर पायलटों के लिए पांच साल तक बिना वेतन अवकाश का प्रस्ताव ठुकरा दिया और कहा कि यह असंवैधानिक है. संघ ने साथ ही कहा कि यह प्रस्ताव एअर इंडिया के लिए सही नहीं है.

पायलट संघ ने एअर इंडिया और केंद्रीय श्रम आयुक्त को लिखे पत्र में कहा कि एअर इंडिया द्वारा वेतन समझौते पर एकतरफा फैसला गैरकानूनी है और यह इस समय खुद एअर इंडिया के लिए भी सही नहीं होगा. यह चिट्ठी पायलट संघ के महासचिव कैप्टन टी. प्रवीण कीर्ति ने लिखी है, जिसमें कहा गया है कि इस तरह की स्थिति आगे चलकर काफी विस्फोटक हो सकती है.

उल्लेखनीय है कि एअर इंडिया ने गुरुवार को कहा था कि उसने कार्यक्षमता, दक्षता और स्वास्थ्य के आधार पर कर्मचारियों की लिस्टिंग करनी शुरू कर दी है और इन कर्मचारियों को बिना वेतन के अनिवार्य छुट्टी पर भेजा जाएगा.

हालांकि केवल 5 साल तक के लिए कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजने के एअर इंडिया के फैसले को सही ठहराते हुए कहा गया कि हर साल 500-600 करोड़ रुपये की आंतरिक मदद एयरलाइंस को चलाने के लिए काफी नहीं है. हर किसी को कटौती करनी पड़ेगी. अभी यही हो रहा है.

पढ़ें : एअर इंडिया की 'बिना वेतन अवकाश' योजना पर बोले पुरी, लागत कटौती तो करनी ही होगी

एअर इंडिया के आदेश के तुरंत बाद पायलट संघ ने एअर इंडिया के सीएमडी राजीव बंसल को एक पत्र लिखा और 60 प्रतिशत वेतन कटौती के प्रस्ताव का विरोध किया.

पत्र में कहा गया है, 'नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आपको निर्देश दिया है कि आप पायलटों के 60 प्रतिशत वेतन कम कर दें. यह कहीं भी बाजार के मानकों के अनुरूप नहीं है. यदि यह सच है, तो हम माननीय मंत्री के साथ एक मुलाकात करना चाहते हैं. हम माननीय मंत्री जी से मिलकर हमारे पायलटों को राष्ट्र की सेवा के लिए मिले सभी प्रशंसा पत्र लौटा देंगे.'

पत्र में यह भी दावा किया गया है कि अप्रैल 2020 से पायलटों को उनके वेतन का 70% भुगतान नहीं किया गया.

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