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हेमकुंड जा रहे श्रद्धालु फंसे, बर्फबारी के चलते खतरा

प्री-मानसून आ चुका है, ऐसे में उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और भारी बर्फबारी देखने को मिल रही है, तो वहीं बर्फबारी और बारिश के चलते हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन ने घांघरिया में ही रोक दिया है.

SDRF ने हेमकुंड जा रहे श्रद्धालुओं को घांघरिया में रोका.
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Published : Jun 20, 2019, 1:37 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और बारिश के चलते हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन ने घांघरिया में ही रोक दिया है. जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मौसम साफ़ होने के बाद ही श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने की सलाह दी है. हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले ग्लेशियर को लेकर एसडीआरएफ का कहना है कि घांघरिया से आगे पड़ने वाले ग्लेशियर पर बारिश होने की दशा में खतरा बढ़ जाता है. इसलिए सावधानी बरतते हुए श्रद्धालुओं को घांघरिया में ही रोक दिया गया है.

आपको बता दें कि उत्तराखंड में बीते रोज भारी बारिश और हेमकुंड साहिब में भारी बर्फबारी होने के चलते यात्रा मार्ग पर खतरा बढ़ गया था. जिसके बाद जिला प्रशासन ने हेमकुंड साहिब के दर्शन करने जा रहे एक हजार सिख श्रद्धालुओं को घांघरिया में ही रोक दिया गया था. लेकिन अभी भी स्थिति साफ न होने की वजह से एसडीआरएफ ने खतरे को दखते हुए कुछ और समय श्रद्धालुओं को घांघरिया में ही रुकने की सलाह दी है.

पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: बाबा रामदेव बता रहे हैं कठिन आसनों के सरल तरीके

वहीं, इस बारे में एसडीआरएफ कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में पिछले साल की अपेक्षा इस बार अधिक हिमपात हुआ है, जिस वजह से हेमकुंड साहिब या केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसे तीर्थ स्थानों में श्रद्धालुओं को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं, इसके साथ ही एसडीआरएफ ने जगहों पर पर्याप्त जवानों को तैनात किया है.

SDRF ने हेमकुंड जा रहे श्रद्धालुओं को घांघरिया में रोका.

साथ ही तृप्ति भट्ट ने बताया कि हेमकुंड साहिब की जो यात्रा है. उसमें ग्लेशियर काफी ऊंचाई पर है और इस महीने हुई बारिश और गर्मी की संयुक्त प्रभाव के कारण किसी ग्लेशियर के खिसकने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. लिहाजा, कोई जनहानि न हो. इसके लिए सर्तकता बरतते हुए कुछ देर के लिए यात्रियों घांघरिया में रोका जा रहा है.

किसी भी चैलेंज से निपटने को एसडीआरएफ टीम तैयार
एसडीआरएफ कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने बताया कि किसी भी तरह के चैलेंज से निपटने के लिए एसडीआरएफ टीम पूरी तरह तैयार है. लेकिन ग्राउंड जीरो पर रिस्क को समझना अत्यंत आवश्यक है. क्योंकि जब भी एसडीआरएफ टीम को लगता है कि श्रद्धालुओं की जान को खतरा हो सकता है या किसी बड़े ग्लेशियर के खिसकने से दिक्कत आ सकती है. तो ऐसे टीम के लिए तत्कालिक निर्णय लेने भी जरूरी हो जाते है. क्योंकि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है.

देहरादून: उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और बारिश के चलते हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन ने घांघरिया में ही रोक दिया है. जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मौसम साफ़ होने के बाद ही श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने की सलाह दी है. हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले ग्लेशियर को लेकर एसडीआरएफ का कहना है कि घांघरिया से आगे पड़ने वाले ग्लेशियर पर बारिश होने की दशा में खतरा बढ़ जाता है. इसलिए सावधानी बरतते हुए श्रद्धालुओं को घांघरिया में ही रोक दिया गया है.

आपको बता दें कि उत्तराखंड में बीते रोज भारी बारिश और हेमकुंड साहिब में भारी बर्फबारी होने के चलते यात्रा मार्ग पर खतरा बढ़ गया था. जिसके बाद जिला प्रशासन ने हेमकुंड साहिब के दर्शन करने जा रहे एक हजार सिख श्रद्धालुओं को घांघरिया में ही रोक दिया गया था. लेकिन अभी भी स्थिति साफ न होने की वजह से एसडीआरएफ ने खतरे को दखते हुए कुछ और समय श्रद्धालुओं को घांघरिया में ही रुकने की सलाह दी है.

पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: बाबा रामदेव बता रहे हैं कठिन आसनों के सरल तरीके

वहीं, इस बारे में एसडीआरएफ कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में पिछले साल की अपेक्षा इस बार अधिक हिमपात हुआ है, जिस वजह से हेमकुंड साहिब या केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसे तीर्थ स्थानों में श्रद्धालुओं को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं, इसके साथ ही एसडीआरएफ ने जगहों पर पर्याप्त जवानों को तैनात किया है.

SDRF ने हेमकुंड जा रहे श्रद्धालुओं को घांघरिया में रोका.

साथ ही तृप्ति भट्ट ने बताया कि हेमकुंड साहिब की जो यात्रा है. उसमें ग्लेशियर काफी ऊंचाई पर है और इस महीने हुई बारिश और गर्मी की संयुक्त प्रभाव के कारण किसी ग्लेशियर के खिसकने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. लिहाजा, कोई जनहानि न हो. इसके लिए सर्तकता बरतते हुए कुछ देर के लिए यात्रियों घांघरिया में रोका जा रहा है.

किसी भी चैलेंज से निपटने को एसडीआरएफ टीम तैयार
एसडीआरएफ कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने बताया कि किसी भी तरह के चैलेंज से निपटने के लिए एसडीआरएफ टीम पूरी तरह तैयार है. लेकिन ग्राउंड जीरो पर रिस्क को समझना अत्यंत आवश्यक है. क्योंकि जब भी एसडीआरएफ टीम को लगता है कि श्रद्धालुओं की जान को खतरा हो सकता है या किसी बड़े ग्लेशियर के खिसकने से दिक्कत आ सकती है. तो ऐसे टीम के लिए तत्कालिक निर्णय लेने भी जरूरी हो जाते है. क्योंकि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है.

Intro:नोट - हेमकुंड साहिब के कुछ विसुअल्स मेल से भेजे गए है। जिसका स्लग (uk_ddn_danger kept in hemkund sahib route_vis1_7205803) है


summary - एसडीआरएफ टीम ने हेमकुंड साहिब में हुई भारी बर्फबारी से होने वाले खतरे को दखते हुए हेमकुंड साहिब जा रहे श्रद्धालुओं को घांघरिया में कुछ और समय रुकने की दी सलाह।


Intro - उत्तराखंड के पहाड़ी छेत्रो में भारी बर्फ़बारी और बारिश के चलते हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन ने घांघरिया में ही रोक दिया गया है। जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मौसम साफ़ होने के बाद ही श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने की सलाह दी है। हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले ग्लेशियर को लेकर एसडीआरऍफ़ का कहना है कि घांघरिया से आगे पड़ने वाले ग्लेसियर पर बारिश होने की दशा में खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सावधानी बरतते हुए श्रधालुओं को घांघरिया में ही रोक दिया गया है। 


Body:आपको बता दे की उत्तराखंड में बीते रोज भारी बारिश और हेमकुंड साहिब में भारी बर्फ़बारी होने के चलते यात्रा मार्ग पर खतरा बढ़ गया था। जिसके बाद जिला प्रशासन ने हेमकुंड साहिब के दर्शन करने जा रहे एक हजार सिख श्रधालुओं घांघरिया में ही रोक दिया गया था। लेकिन अभी भी स्थिति साफ न होने की वजह से एसडीआरऍफ़ ने खतरे को दखते हुए कुछ और समय श्रधालुओं को घांघरिया में ही रुकने की सलाह दी है।


एसडीआरएफ कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने बताया कि प्रदेश में पिछले साल की अपेक्षा इस बार अधिक हिमपात हुई है, जिस वजह से हेमकुंड साहिब या केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसे उच्चतम छेत्र वाले जितने भी तीर्थ स्थान है उसमें श्रद्धालु को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं, इसके साथ ही एसडीआरएफ के टीम का डिपार्मेंट सभी जगह पर्याप्त मात्रा में किया है। 

साथ ही तृप्ति भट्ट ने बताया कि हेमकुंड साहिब की जो यात्रा है उसमें ग्लेशियर काफी ऊँचाई पर है, और इस महीने हुई बारिश और गर्मी की संयुक्त प्रभाव के कारण किसी ग्लेशियर के खिसकने की संभावना से इनकार नही किया जा सकता है। लिहाजा कोई हानि या जन हानि हो सकती है। जिसको देखते सावधानी बरती जा रही है और कभी कभी कुछ देर के लिए यात्रियों को भी रोका जा रहा है।


किसी भी चैलेंज से निपटने को एसडीआरएफ टीम तैयार.....

साथ ही एसडीआरएफ कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने बताया कि किसी भी तरह के चैलेंज से निपटने के लिए एसडीआरएफ टीम पूरी तरह तैयार है। लेकिन रिस्क को समझना ग्राउंड जीरो पर अत्यंत आवश्यक है क्योंकि जब भी एसडीआरएफ टीम को लगता है कि श्रद्धालुओं की जान को खतरा हो सकता है या किसी बड़े ग्लेशियर के खिसकने से दिक्कत आ सकती है तो ऐसे में मौसम के बदलाव को देखते हुए तत्कालीन निर्णय भी लेने जरूरी हो जाते है। और ऐसे में प्रथम प्राथमिकता यात्रियों के सुरक्षा को दिया जाता है।



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