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विशाखापट्टनम गैस लीक : स्थानीय लोगों का कंपनी के बाहर विरोध प्रदर्शन, पुलिस से झड़प

विशाखापट्टनम जिले के वेंकटपुरम गांव के लोगों ने एलजी पॉलिमर्स कंपनी के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने प्रदर्शन के दौरान जांच की मांग की. ग्रामीणों ने कंपनी को हटाने की मांग की.

घटनास्थल की तस्वीर
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Published : May 9, 2020, 10:48 AM IST

Updated : May 9, 2020, 1:59 PM IST

विशाखापट्टनम : आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में स्थित एलजी पॉलिमर्स कंपनी में स्टायरिन गैस लीक होने से 12 लोगों की मौत हो गई. उसके बाद आज वेंकटपुरम गांव के लोगों ने एलजी पॉलिमर्स कंपनी के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान ग्रमीणों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी हुई. पुलिस ने इसके बाद कई ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया है.

उन्होंने प्रदर्शन के दौरान जांच की मांग की. ग्रामीणों ने पॉलिमर्स कंपनी को हटाने की मांग की. ग्रामीणों के हिरासत में लिए जाने के बाद अन्य लोगों ने कंपनी के गेट पर आकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन की खबर सुनने के बाद घटना स्थल पर पुलिस महानिदेशक सवांग पहुंच गए हैं.

कंपनी के आस-पास रहने वाले लोगों ने कहा कि गैस रिसाव से इलाके का पानी दूषित हो गया है. गैस रिसाव की घटना के बाद से प्रशासन को उनकी परवाह नहीं है. कोरोना महामारी में कोई भी रिश्तेदार उन्हें अपने घर में नहीं जाने दे रहा है.

घटना स्थल का वीडियो

स्थानीय लोगों ने बताया कि जिन्होंने अधिकारियों से सवाल किया तो उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वह मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी से जांच की मांग कर रहे हैं साथ ही गांवों की स्थिति का भी निरीक्षण करने के लिए कह रहे हैं.

पढ़ें : विशाखापट्टन गैस लीक में राज्य सरकार ने दिए 30 करोड़ रुपये

लोगों का कहना है कि अस्पताल के लोग इलाज के लिए फीस मांग रहे हैं. पांच गांवों के निरीक्षण के लिए समिति की मांग करते हुए कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाया जाए.

डीजीपी सवांग ने कहा कि चिंता की कोई बात नही है. मामले की जांच की जा रही है. फिलहाल इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है. मुख्यमंत्री के आदेश पर मुख्य सचिव ने समिति का गठन किया है. कंपनी जांच में सहयोग कर रही है.

कंपनी के पास स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकार ने सिर्फ मामले को शांत करने के लिए समिति का गठन किया है, समिति में कोई भी तकनीकी विशेषज्ञ नहीं है.

उन्होंने कहा कि वह विरोध प्रदर्शन खत्म कर देंगे बस सरकार घोषणा कर दें कि कंपनी बंद कर दी गई.

लोगों ने कहा कि गैस से प्रभावित किसी भी गांव में न ही स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है और न ही कोई भी नेता उनसे मिलने आया है. वह बस कंपनी का दौरा कर रहे हैं. सरकार ने हमारे लिए भोजन और पानी की सुविधा भी नहीं प्रदान की है.

विशाखापट्टनम : आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में स्थित एलजी पॉलिमर्स कंपनी में स्टायरिन गैस लीक होने से 12 लोगों की मौत हो गई. उसके बाद आज वेंकटपुरम गांव के लोगों ने एलजी पॉलिमर्स कंपनी के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान ग्रमीणों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी हुई. पुलिस ने इसके बाद कई ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया है.

उन्होंने प्रदर्शन के दौरान जांच की मांग की. ग्रामीणों ने पॉलिमर्स कंपनी को हटाने की मांग की. ग्रामीणों के हिरासत में लिए जाने के बाद अन्य लोगों ने कंपनी के गेट पर आकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन की खबर सुनने के बाद घटना स्थल पर पुलिस महानिदेशक सवांग पहुंच गए हैं.

कंपनी के आस-पास रहने वाले लोगों ने कहा कि गैस रिसाव से इलाके का पानी दूषित हो गया है. गैस रिसाव की घटना के बाद से प्रशासन को उनकी परवाह नहीं है. कोरोना महामारी में कोई भी रिश्तेदार उन्हें अपने घर में नहीं जाने दे रहा है.

घटना स्थल का वीडियो

स्थानीय लोगों ने बताया कि जिन्होंने अधिकारियों से सवाल किया तो उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वह मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी से जांच की मांग कर रहे हैं साथ ही गांवों की स्थिति का भी निरीक्षण करने के लिए कह रहे हैं.

पढ़ें : विशाखापट्टन गैस लीक में राज्य सरकार ने दिए 30 करोड़ रुपये

लोगों का कहना है कि अस्पताल के लोग इलाज के लिए फीस मांग रहे हैं. पांच गांवों के निरीक्षण के लिए समिति की मांग करते हुए कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाया जाए.

डीजीपी सवांग ने कहा कि चिंता की कोई बात नही है. मामले की जांच की जा रही है. फिलहाल इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है. मुख्यमंत्री के आदेश पर मुख्य सचिव ने समिति का गठन किया है. कंपनी जांच में सहयोग कर रही है.

कंपनी के पास स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकार ने सिर्फ मामले को शांत करने के लिए समिति का गठन किया है, समिति में कोई भी तकनीकी विशेषज्ञ नहीं है.

उन्होंने कहा कि वह विरोध प्रदर्शन खत्म कर देंगे बस सरकार घोषणा कर दें कि कंपनी बंद कर दी गई.

लोगों ने कहा कि गैस से प्रभावित किसी भी गांव में न ही स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है और न ही कोई भी नेता उनसे मिलने आया है. वह बस कंपनी का दौरा कर रहे हैं. सरकार ने हमारे लिए भोजन और पानी की सुविधा भी नहीं प्रदान की है.

Last Updated : May 9, 2020, 1:59 PM IST
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