श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि लद्दाख में द्रास के लोगों ने गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के एजेंडा का 'समर्थन' किया है. उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के लिए आगे के रास्ते के बारे में लोगों के साथ परामर्श करने के लिए अभी कारगिल में है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी समेत मुख्य धारा के सात दलों के गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा बहाल कराने के लिए पीएजीडी का गठन किया है.
केंद्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था. इसके बाद तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'द्रास के लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया, जिन्होंने एक सुर में गुपकर घोषणापत्र गठबंधन के एजेंडे का समर्थन किया.'
उन्होंने कहा, 'गुपकर घोषणापत्र गठबंधन आगे के रास्ते के बारे में लोगों से परामर्श करने के लिए कारगिल जा रहा है.'
बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला पीएजीडी के अध्यक्ष और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती इसकी उपाध्यक्ष हैं.
वहीं, महबूबा ने ट्वीट किया, 'लोगों से बातचीत करने के लिए आपको कारगिल में देखकर अच्छा लगा. उनसे सम्पर्क करने का यह सबसे सही समय है, क्योंकि अपने भविष्य को लेकर उनके मन में भी संदेह में हैं.'
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता नासिर असलम वानी, पीडीपी नेता गुलाम नबी लोन हंजुरा और वहीद पारा और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मुजफ्फर शाह भी कारगिल पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं.
केंद्र के पांच अगस्त, 2019 को लिए गए फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के राजनीतिक दल के नेताओं का यह पहला लद्दाख दौरा है.
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दूसरी तरफ, गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की घटना की शुक्रवार को स्पष्ट रूप से निंदा की.
घटना की निंदा करते हुए पीएजीडी के प्रवक्ता सज्जाद लोन ने एक बयान में कहा, 'राजनीतिक मतभेद हिंसा को सही नहीं ठहरा सकते. हिंसा हमेशा विवेक को खत्म कर देती है और करती रहेगी. आक्रामकता का स्रोत चाहे जो हो, किंतु हम सदैव उसके हर रूप से लड़ेंगे.'
भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की घटना पर दुख जताते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग केंद्र की नीतियों की कीमत अपनी जान देकर चुका रहे हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, 'कुलगाम में भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या के बारे में सुनकर दुख हुआ. उनके परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. आखिरकार अंत में जम्मू-कश्मीर के लोग ही हैं, जिन्हें भारत सरकार की बिना सोची समझी नीतियों की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है.'
वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस घटना को 'भयावह' बताया.
उन्होंने ट्वीट किया, 'दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले से भयावह खबर है. आतंकी हमले में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की निशाना बनाकर की गई हत्या की मैं स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं. अल्लाह उन्हें जन्नत में जगह दे और उनके परिवारों को इस मुश्किल वक्त का सामना करने का हौसला दे.'