ETV Bharat / bharat

गलवान हिंसा : भारत-नेपाल सीमा पर स्थित यूपी के बाशिंदों में आक्रोश - चीनी सैनिकों की कायराना हरकत

गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की कायराना हरकत का भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया. इस दौरान भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए. वहीं शहादत के बाद पूरे देश में आक्रोश व्याप्त है.

गलवान हिंसा पर लोगों में आक्रोश
गलवान हिंसा पर लोगों में आक्रोश
author img

By

Published : Jun 21, 2020, 9:12 PM IST

लखनऊ : भारत और चीनी सेनाओं के बीच हिंसक झड़प ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद देश में कई जगहों पर चीन के विरुद्ध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन कर रहे लोग ने चीन से संबंध तोड़ने के साथ बदला लेने की मांग की.

यूपी के बलरामपुर से सटे भारत-नेपाल सीमा स्थित गांव जरवावासियों में भी चीन की इस हरकत पर रोष व्याप्त है. ग्रामीणों ने बताया कि चीन के कायरतापूर्ण हरकत से सभी आहत हैं. देश के वीर जवानों की शहादत पर लोगों में बेहद गुस्सा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई
बलरामपुर जनपद से 82.5 किमी की दूरी पर नेपाल राष्ट्र की सीमा लगती है. सीमा पर रखवाली के लिए जिले में सुरक्षाबलों की 50वीं बटालियन और 9वीं बटालियन मुस्तैद है. इसके साथ ही सभी सीमावर्ती थानों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. इन सीमाओं की सुरक्षा के लिए सीमा सुरक्षा बल के 50वीं बटालियन की 12 चौकियां हैं. वहीं 9वीं बटालियन की 7 चौकियां स्थापित हैं. इसके अलावा जनपद में हरैया सतघरवा, तुलसीपुर, गैसड़ी, पचपेड़वा जैसे बॉर्डर इलाके से सटे थानों पर भी सतर्कता बरतते हुए कॉम्बिंग की जा रही है. साथ ही क्षेत्र में लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. यहां पुलिस विभाग, नेपाल पुलिस व सीमा सुरक्षा बल, नेपाली सशस्त्र प्रहरी के साथ मिलकर काम करते हैं.

चीन के खिलाफ गांववालों में है नाराजगी
नेपाल-भारत के संबंधों को लेकर ग्रामीण सूरज सिंह ने बताया कि भारत-नेपाल का रोटी-बेटी का संबंध रहा है. ये रिश्ता अभी तक कायम है. उसमें कोई भी खटास नहीं आई है. अगर चीन नेपाल के रास्ते भारत पर हमला करने की हिमाकत करता है, तो बॉर्डर पर तैनात हमारे सुरक्षा बल (एसएसबी जवान) चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में कभी भी सेना की कमी महसूस हुई, तो हमारे युवा क्षेत्रवासी भारतीय सेना में शामिल होकर चीन से जंग लड़ेंगे.

पीठ में छुरा घोंपने की पुरानी आदत

चीन द्वारा भारतीय सेना पर हमला करने की बात पर ग्रामीण निरज मिश्रा ने कहा कि चीन पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता है. पीठ में छुरा घोंपकर विश्वासघात करना चीन की पुरानी आदत है.

पढ़ें- गलवान हिंसा : तीनों सेनाओं को चीन की हर गतिविधि पर नजर रखने के निर्देश

नेपाल-भारत के अधिकारियों में हो रही बैठक

नेपाल से जुड़े सुरक्षा मसलों पर जानकारी देते हुए एसपी देव रंजन वर्मा ने बताया कि तमाम मुद्दों पर नेपाल और भारत सरकार के अधिकारियों की बैठक होती रहती है. बिहार में हुए घटनाक्रम व लद्दाख में हुए घटनाक्रम के बाद कुछ तनातनी की स्थिति बनी हुई है. लेकिन बलरामपुर स्थित बॉर्डर पर अभी भी कोई प्रभाव नहीं है. उन्होंने बताया कि भारत-नेपाल का संबंध हमेशा से भारत के साथ अच्छा रहा है. यहां के लोगों का सीधा जुड़ाव नेपाल से है. सीमा पर पुलिस विभाग व एसएसबी बल लगातार अपनी मुस्तैदी बनाए हुए है.

एसपी ने आगे बताया कि एसएसबी के जवान अपने नेपाल काउंटरपार्ट्स के साथ लगातार मीटिंग कर रहे हैं. इसके अलावा भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी भी नेपाल पुलिस सेवा के अधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमारे सुरक्षाबल तैयार हैं.

कुल मिलाकर राजनीतिक गलियारे में भारत और नेपाल के बीच क्या हो रहा है इससे बॉर्डर वासियों को मतलब नहीं है. फिलहाल लोगों में चीन के कायराना हमले को लेकर आक्रोश है. गांव जरवा में बच्चा से लेकर बुजुर्ग सभी लोग इस वक्त चीन से बदला लेने के लिए व्याकुल हैं.

लखनऊ : भारत और चीनी सेनाओं के बीच हिंसक झड़प ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद देश में कई जगहों पर चीन के विरुद्ध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन कर रहे लोग ने चीन से संबंध तोड़ने के साथ बदला लेने की मांग की.

यूपी के बलरामपुर से सटे भारत-नेपाल सीमा स्थित गांव जरवावासियों में भी चीन की इस हरकत पर रोष व्याप्त है. ग्रामीणों ने बताया कि चीन के कायरतापूर्ण हरकत से सभी आहत हैं. देश के वीर जवानों की शहादत पर लोगों में बेहद गुस्सा है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई
बलरामपुर जनपद से 82.5 किमी की दूरी पर नेपाल राष्ट्र की सीमा लगती है. सीमा पर रखवाली के लिए जिले में सुरक्षाबलों की 50वीं बटालियन और 9वीं बटालियन मुस्तैद है. इसके साथ ही सभी सीमावर्ती थानों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. इन सीमाओं की सुरक्षा के लिए सीमा सुरक्षा बल के 50वीं बटालियन की 12 चौकियां हैं. वहीं 9वीं बटालियन की 7 चौकियां स्थापित हैं. इसके अलावा जनपद में हरैया सतघरवा, तुलसीपुर, गैसड़ी, पचपेड़वा जैसे बॉर्डर इलाके से सटे थानों पर भी सतर्कता बरतते हुए कॉम्बिंग की जा रही है. साथ ही क्षेत्र में लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. यहां पुलिस विभाग, नेपाल पुलिस व सीमा सुरक्षा बल, नेपाली सशस्त्र प्रहरी के साथ मिलकर काम करते हैं.

चीन के खिलाफ गांववालों में है नाराजगी
नेपाल-भारत के संबंधों को लेकर ग्रामीण सूरज सिंह ने बताया कि भारत-नेपाल का रोटी-बेटी का संबंध रहा है. ये रिश्ता अभी तक कायम है. उसमें कोई भी खटास नहीं आई है. अगर चीन नेपाल के रास्ते भारत पर हमला करने की हिमाकत करता है, तो बॉर्डर पर तैनात हमारे सुरक्षा बल (एसएसबी जवान) चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में कभी भी सेना की कमी महसूस हुई, तो हमारे युवा क्षेत्रवासी भारतीय सेना में शामिल होकर चीन से जंग लड़ेंगे.

पीठ में छुरा घोंपने की पुरानी आदत

चीन द्वारा भारतीय सेना पर हमला करने की बात पर ग्रामीण निरज मिश्रा ने कहा कि चीन पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता है. पीठ में छुरा घोंपकर विश्वासघात करना चीन की पुरानी आदत है.

पढ़ें- गलवान हिंसा : तीनों सेनाओं को चीन की हर गतिविधि पर नजर रखने के निर्देश

नेपाल-भारत के अधिकारियों में हो रही बैठक

नेपाल से जुड़े सुरक्षा मसलों पर जानकारी देते हुए एसपी देव रंजन वर्मा ने बताया कि तमाम मुद्दों पर नेपाल और भारत सरकार के अधिकारियों की बैठक होती रहती है. बिहार में हुए घटनाक्रम व लद्दाख में हुए घटनाक्रम के बाद कुछ तनातनी की स्थिति बनी हुई है. लेकिन बलरामपुर स्थित बॉर्डर पर अभी भी कोई प्रभाव नहीं है. उन्होंने बताया कि भारत-नेपाल का संबंध हमेशा से भारत के साथ अच्छा रहा है. यहां के लोगों का सीधा जुड़ाव नेपाल से है. सीमा पर पुलिस विभाग व एसएसबी बल लगातार अपनी मुस्तैदी बनाए हुए है.

एसपी ने आगे बताया कि एसएसबी के जवान अपने नेपाल काउंटरपार्ट्स के साथ लगातार मीटिंग कर रहे हैं. इसके अलावा भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी भी नेपाल पुलिस सेवा के अधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमारे सुरक्षाबल तैयार हैं.

कुल मिलाकर राजनीतिक गलियारे में भारत और नेपाल के बीच क्या हो रहा है इससे बॉर्डर वासियों को मतलब नहीं है. फिलहाल लोगों में चीन के कायराना हमले को लेकर आक्रोश है. गांव जरवा में बच्चा से लेकर बुजुर्ग सभी लोग इस वक्त चीन से बदला लेने के लिए व्याकुल हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.