नई दिल्ली : ईरान के सर्वोच्च कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी और अबू मेंहदी को अमेरिका की तरफ से हवाई हमले में मारे जाने के बाद रविवार को बड़ी संख्या मे लोगों ने राजधानी के मंडी हाउस से जंतर मंतर तक विरोध मार्च निकाला.
मार्च में शिया उलमा ने लिया हिस्सा
शिया जामा मस्जिद के इमाम जुमा वलजमात मौलाना मोहसिन तकवी ने कहा, 'जनरल कासिम सुलेमानी ने ISIS के खिलाफ जंग लड़ी थी. उन्हें अमेरिका ने आतंकवादी हमला कर के 'शहीद' कर दिया था. हम उनकी शहादत पर यहां अपने गम और गुस्से का इजहार करने आए हैं.'
यूनाइटेड नेशंस से की मांग
मौलाना जलाल नकवी ने कहा, 'जनरल कासिम सुलेमानी जो इराक के सरकारी दौरे पर थे, उन्हें अमेरिका ने एक हवाई हमला कर के शहीद कर दिया. अमेरिका के उस एक्शन के विरोध में हम यहां मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक विरोध मार्च निकाल रहे हैं. हम यूनाइटेड नेशंस से ये मांग करते हैं कि वो अमेरिका को एक आतंकवादी देश घोषित करें क्योंकि वो एकतरफ आतंकवाद को खत्म करने की बात करता है वहीं दूसरी तरफ आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वालों की हत्या कर रहा है.'
मौलाना जनान असगर मोलाई ने कहा कि सारी दुनिया को खबर है कि जनरल कासिम सुलेमानी ने इराक और सीरिया मे आतंकवादी संघठन ISIS को खत्म करने में मुख्य भूमिका निभाई है. ऐसे बहादुर जनरल का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इशारे पर कत्ल कर दिया गया था, जिससे ये पता चलता है कि अमेरिका आतंकवाद के विरोधी नही बल्कि उसका समर्थक है.