दिसपुर : कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए किए गए लॉकडाउन के चलते इंसान ही नहीं जानवर भी भोजन, पानी को लेकर परेशान हैं. ऐसे समय में असम के डिब्रूगढ़ में कुछ लोग भूख से तड़प रहे जानवरों को खाना खिलाकर मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि लॉकडाउन के बाद से सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है और लावारिस जानवरों का बुरा हाल है. ऐसे में डिब्रूगढ़ के कुछ नौजवानों ने इनका पेट भरने का बीड़ा उठाया है.
दरअसल भूखे जानवरों को खाना खिलाते यह लोग एनिमल वेलफेयर पीपल नामक फाउंडेशन के सदस्य हैं. फाउंडेशन के को फाउंडर विनीत पगेरिया ने बताया कि कैसे यह शाम तीन बजे के बाद खाना खिलाने की प्रक्रिया की शुरुआत करते हैं, क्योंकि यह ऐसा समय होता है, जब लोग जरूरी सामान की खरीदारी कर घरों को लौट जाते हैं.
पढे़ं : लॉकडाउनः जानवरों के लिए खाना मुहैया करवा रहा अयान पेट शॉप
सदस्यों का कहना है कि हम न सिर्फ कुत्तों को भोजन कराते हैं, बल्कि रास्ते में मिलने वाली गाय, भैंस और अन्य जानवरों को भी खाना खिलाया जाता है. इतना ही नहीं, रास्ते में मिलने वाले भूखे लोगों को भी यह लोग नजरअंदाज नहीं करते.
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहे देश को बचाने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की गई थी. सरकार ने दुकानें, रेस्तरां और हर एक वो जरिया, जिससे इन बेजुबान जानवरों के खाना मिलता था, सब बंद कर दिया. ऐसे में भला इन बेजुबानों की कौन सुने? हालांकि अब भी इंसानियत जिंदा है. इस बात को असम के इन नौजवानों ने साबित कर दिखाया है. यह लोग सड़क में घूमने वाले इन आवारा जानवरों को खाना खिला कर इन बेजुबानों की भूख शांत कर रहे हैं.