हैदराबाद : पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय में पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन ने नए शोध में कोरोना के लिए चिकित्सा क्षेत्र में अब तक उपयोग हुई प्रत्येक पद्धति को सूचीबद्ध किया है और पाया है कि चिकित्सकों ने 100 से अधिक विभिन्न प्रयोगात्मक उपचारों का उपयोग किया है.
अध्ययन के प्रमुख ट्रांसलेशनल मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर और मानव जेनेटिक्स डेविड.सी. फजेनबाम ने कहा कि न्यू एजेंट कोविड-19 (कोरोना) को लेकर एक प्रयोग की सूची तैयार करने का प्रयास है, जोकि कोविड-19 के इस्तेमाल के लिए किया जा रहा है. साथ ही साथ उपचार के लिए किसी भी सबूत को पहचानने के लिए एवं नैदानिक परीक्षण में आगे की जांच के लिए संग्रहण किया जा रहा है. यदि पहले से उपयोग किए जा रहे औजारों का जायजा नहीं लेते हैं तो वे प्रभावी नहीं हो सकते. तब इस लड़ाई को जीता भी नहीं जा सकता.
उन्होंने कहा, 'इस ऑफ-लेबल का उपयोग दुनियाभर में हो रहा है. वर्तमान में इसे ट्रैक करने के लिए कोई सिस्टम नहीं है, इसलिए हमें ऐसा लगा, जैसे हमें एक बनाना है.'
फजेनबाम की टीम ने कोविड-19 के उपचार का विवरण देते हुए दुनियाभर के लगभग 2,700 प्रकाशित पत्रों की समीक्षा की़. वहां से उसने 9,152 रोगियों का डेटा इकट्ठा किया और पाया कि डॉक्टरों ने 115 विभिन्न दवाओं की कोशिश की थी.
इन उपचारों को श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया. इनमें एंटीवायरल सबसे आम है. इसके बाद एंटीबैक्टीरियल और कॉर्टिकॉयरॉइड्स थे.
विश्लेषण में अन्य उपचार विकल्पों के बीच इम्यूनोसप्रेसेन्ट्स और रक्त के विकल्प का उपयोग भी दिखाया गया.
सीएसटीएल में नैदानिक अनुसंधान के लिए सहयोगी निदेशक शीला पिरसन ने कहा, 'हमारी टीम ने पिछले कई वर्षों से कैसलमैन रोग में साइटोकिन को नियंत्रित करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं का अध्ययन किया है. इसलिए मुझे खुशी है कि हम इन सिद्धांतों को लागू करने में सक्षम थे. हम इस दवा सूची को दैनिक रूप से अपडेट कर रहे हैं. हमने अन्य उपचारों के बारे में भी जानकारी संकलित करना जारी रखा है क्योंकि वे चिकित्सा साहित्य में बताए जा रहे हैं.'