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बिहारः HC चीफ जस्टिस ने साथी जज से सभी केस लिए वापस, की कड़ी टिप्पणी

पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने नोटिस जारी कर कहा है कि जस्टिस राकेश कुमार किसी भी केस की सुनवाई नहीं कर सकेंगे. दरअसल, पटना हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार किसी जज ने न्यायपालिका की कार्यप्रणाली पर तीखा प्रहार किया था.

पटना हाईकोर्ट.
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Published : Aug 29, 2019, 3:13 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 5:56 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट के 11 सदस्यीय जजों की फुल बेंच ने जस्टिस राकेश कुमार के एक दिन पहले के आदेश को रद्द कर दिया है. चीफ़ जस्टिस एपी शाही की फुल बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया. कोर्ट ने कहा कि इस आदेश से न्यायपालिका की गरिमा और प्रतिष्ठा गिरी है. संवैधानिक पद आसीन व्यक्ति से ऐसी अपेक्षा नहीं की जाती है.


पटना हाईकोर्ट के जस्टिस राकेश कुमार से चीफ जस्टिस ने सारे केस वापस ले लिए हैं. चीफ जस्टिस ने नोटिस जारी कर कहा है, कि अगले आदेश तक जस्टिस राकेश कुमार सिंगल बेंच की केसों की सुनवाई नहीं कर सकेंगे. दरअसल, बुधवार को पटना हाईकोर्ट में जस्टिस राकेश कुमार ने राज्य की न्यायपालिका की कार्य प्रणाली पर तीखा प्रहार किया था. इसके अलावा कई दूसरे मामलों में भी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कई सख्त फैसले सुनाए.

जस्टिस राकेश कुमार का आदेश रद्


सवाल: निचली अदालत ने रमैय्या को बेल कैसे दे दी?
हाइकोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज राकेश कुमार ने कहा है कि लगता है कि हाइकोर्ट प्रशासन ही भ्रष्ट न्यायिक अधिकारियों को संरक्षण देता है. उन्होंने अपने कुछ सहयोगी जजों पर भी मुख्य न्यायाधीश के आगे-पीछे करने का आरोप लगाया. उन्होंने ये सख्त टिप्पणी पूर्व IPS अधिकारी रमैय्या के मामले की सुनवाई के दौरान की. इस दौरान उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद निचली अदालत ने रमैय्या को बेल कैसे दे दी?.


दरअसल, जस्टिस राकेश कुमार महादलित विकास मिशन में हुए घोटाले के एक आरोपी पूर्व आईएएस केपी रमैय्या के मामले की सुनवाई कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने अपने आदेश में यह सब कहा. बता दें कि जस्टिस राकेश चारा घोटाला केस में सीबीआई के वकील भी रह चुके हैं.

जस्टिस राकेश कुमार का आदेश रद्

पढ़ें: पीएम मोदी ने किया फिट इंडिया लॉन्च, बोले- प्रत्येक नागरिक को फिट बनाना लक्ष्य


पूर्व IAS अधिकारी केपी रमैय्या के मामले पर सुनवाई
जस्टिस राकेश कुमार की खंडपीठ ने जजों को आवंटित बंगले पर किए जाने वाली फिजूलखर्ची पर भी कड़ी टिप्पणी की थी. कोर्ट ने पूर्व आईएएस अधिकारी के पी रमैय्या के मामले पर सुनवाई की. इस आदेश की कॉपी पीएमओ, चीफ जस्टिस और केन्द्रीय विधि मंत्री को भेजने का भी निर्देश दिया था.


न्यायपालिका से भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण
कोर्ट ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा था कि न्यायपालिका से भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण मिलता है. इसके अलावा कोर्ट ने पटना सिविल कोर्ट से जुड़े रिश्वतखोरी मामले पर भी कड़ी टिप्पणियां की. कोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं.

पटना: पटना हाईकोर्ट के 11 सदस्यीय जजों की फुल बेंच ने जस्टिस राकेश कुमार के एक दिन पहले के आदेश को रद्द कर दिया है. चीफ़ जस्टिस एपी शाही की फुल बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया. कोर्ट ने कहा कि इस आदेश से न्यायपालिका की गरिमा और प्रतिष्ठा गिरी है. संवैधानिक पद आसीन व्यक्ति से ऐसी अपेक्षा नहीं की जाती है.


पटना हाईकोर्ट के जस्टिस राकेश कुमार से चीफ जस्टिस ने सारे केस वापस ले लिए हैं. चीफ जस्टिस ने नोटिस जारी कर कहा है, कि अगले आदेश तक जस्टिस राकेश कुमार सिंगल बेंच की केसों की सुनवाई नहीं कर सकेंगे. दरअसल, बुधवार को पटना हाईकोर्ट में जस्टिस राकेश कुमार ने राज्य की न्यायपालिका की कार्य प्रणाली पर तीखा प्रहार किया था. इसके अलावा कई दूसरे मामलों में भी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कई सख्त फैसले सुनाए.

जस्टिस राकेश कुमार का आदेश रद्


सवाल: निचली अदालत ने रमैय्या को बेल कैसे दे दी?
हाइकोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज राकेश कुमार ने कहा है कि लगता है कि हाइकोर्ट प्रशासन ही भ्रष्ट न्यायिक अधिकारियों को संरक्षण देता है. उन्होंने अपने कुछ सहयोगी जजों पर भी मुख्य न्यायाधीश के आगे-पीछे करने का आरोप लगाया. उन्होंने ये सख्त टिप्पणी पूर्व IPS अधिकारी रमैय्या के मामले की सुनवाई के दौरान की. इस दौरान उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद निचली अदालत ने रमैय्या को बेल कैसे दे दी?.


दरअसल, जस्टिस राकेश कुमार महादलित विकास मिशन में हुए घोटाले के एक आरोपी पूर्व आईएएस केपी रमैय्या के मामले की सुनवाई कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने अपने आदेश में यह सब कहा. बता दें कि जस्टिस राकेश चारा घोटाला केस में सीबीआई के वकील भी रह चुके हैं.

जस्टिस राकेश कुमार का आदेश रद्

पढ़ें: पीएम मोदी ने किया फिट इंडिया लॉन्च, बोले- प्रत्येक नागरिक को फिट बनाना लक्ष्य


पूर्व IAS अधिकारी केपी रमैय्या के मामले पर सुनवाई
जस्टिस राकेश कुमार की खंडपीठ ने जजों को आवंटित बंगले पर किए जाने वाली फिजूलखर्ची पर भी कड़ी टिप्पणी की थी. कोर्ट ने पूर्व आईएएस अधिकारी के पी रमैय्या के मामले पर सुनवाई की. इस आदेश की कॉपी पीएमओ, चीफ जस्टिस और केन्द्रीय विधि मंत्री को भेजने का भी निर्देश दिया था.


न्यायपालिका से भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण
कोर्ट ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा था कि न्यायपालिका से भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण मिलता है. इसके अलावा कोर्ट ने पटना सिविल कोर्ट से जुड़े रिश्वतखोरी मामले पर भी कड़ी टिप्पणियां की. कोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं.

[21/08, 11:41] Anand Verma: राजधानी पटना में महिलाओं व लड़कियों के सार्वजनिक बसों में सफर में असुरक्षा और छेड़खानी के मामलें पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए डीएम,पटना को कार्रवाई करने का निर्देश दिया ।अधिवक्ता प्रकाश सहाय की जनहित याचिका पर जस्टिस शिवा जी पांडेय की खंडपीठ ने सुनवाई की।कोर्ट को बताया गया कि इन सार्वजनिक वाहनों में सफर करने वाली लड़कियों के लिए   पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं हैं।इस कारण मनचले और असामाजिक तत्त्व इनके साथ बद्तमीजी और छेड़खानी करते हैं ।इससे ये सार्वजनिक वाहनों में इनके लिए सफर करना सुरक्षित नहीं है।
[21/08, 11:42] Anand Verma: Slug. Travel by Public transport.
Last Updated : Sep 28, 2019, 5:56 PM IST
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