नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने देश की राज्य सरकारों पर गरीबों को दाल उपलब्ध कराने के लिए मजबूत कदम न उठाने का गंभीर आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि पूरा देश केरोना के चपेट में है. हम लगातार राज्यों को खाद्यान्न आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं. 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को तीन महीने के लिए पांच किलो चावल या गेहूं तथा एक किलो दाल मुफ्त में दिया जा रहा है.
गरीबों को यह राशन पहले से दिये जा रहे राशन से अतिरिक्त दिया जा रहा है लेकिन राज्य सरकारें पीडीएस के तहत परिवारों को मुफ्त में दाल उपलब्ध कराने की दिशा में मजबूती से काम नहीं कर रही हैं. दाल गरीबों तक पहुंचेगा तो गरीबों की परेशानी काफी हदतक कम होगी.
रामविलास पासवान ने कहा कि हम लोग एक महीने का दाल कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेज चुके हैं लेकिन दुख इस बात का है कि कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने नए PDS के तहत केवल 53,617 टन ही दाल राशनकार्ड धारकों को दिया.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को यह समझना चाहिए कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि दालों का वितरण ठीक से हो. इस संकट के दौर में कच्ची दलहन फसलों को मिल में दाल के रूप में तब्दील कर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में पहुंचाना आसान काम नहीं रहा है.
पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 1.95 लाख टन दाल एक महीने में आवंटित की गई है, जिसमें से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1.81 लाख टन दाल पहुंचाई जा चुकी है. लेकिन चिंता की बात यह है कि सिर्फ 53,617 टन ही दाल गरीबों में बांटी गई है.
राज्यों में किस तरह दालों का वितरण करना है यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है. राज्यों को इस दिशा में मजबूती से काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी सरकार के पास बफर स्टॉक में लगभग 14.48 लाख टन दाल है.
पढ़ें-बिहार, पंजाब सहित पांच और राज्य, एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड योजना से जुड़े : पासवान
रामविलास ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 81.34 करोड़ लाभुक होने चाहिए लेकिन अभी 80.95 करोड़ ही सूचीबद्ध हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार, हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थियों की लिस्ट ठीक से नहीं बनायी जिसके कारण 39 लाख लोग लिस्ट से कटे हुए हैं. इसी कारण वह लोग सस्ता अनाज नहीं ले पा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पूरे देशभर की बात करें तो राशन कार्डों के डिजिटलीकरण और आधार सिडिंग के दौरान 3 करोड़ राशनकार्ड फर्जी पाए गए जिन्हें रद्द किया गया है.
उन्होंने यह भी कहा कि एक जनवरी को 12 राज्यों को वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से जोड़ा गया था. 30 अप्रैल से पाँच और राज्यों को इस योजना से जोड़ा गया. 20 राज्यों को इस योजना से जोड़ना है. यह हम लोग का लक्ष्य है.
1 जून तक उड़ीसा, मिजोरम, नागालैंड इस योजना से जुड़ जाएंगे. कुल मिलाकर 20 राज्यों को जोड़ने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा.