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भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान विधियां संशोधन विधेयक को मंजूरी - आईआईआईटी संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व

राज्य सभा से भारतीय सूचना प्रोद्यौगिकी संस्थान विधियां विधेयक, 2020 पास हो गया है. इससे भोपाल, भागलपुर, सूरत, रायचुर, अगरतला के आईआईआईटी संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिल जाएगा.

iit amendment bill
आईआईआईटी संशोधन विधेयक
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Published : Sep 22, 2020, 3:39 PM IST

नई दिल्ली : संसद ने सार्वजनिक निजी साझेदारी के तहत चल रहे पांच आईआईआईटी संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा प्रदान करने वाले एक अहम विधेयक को मंगलवार को मंजूरी प्रदान कर दी.

राज्य सभा ने मंगलवार को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान विधियां (संशोधन) विधेयक, 2020 को पारित कर दिया. लोक सभा इसे बजट सत्र में पहले ही पारित कर चुकी है.

ये पांच आईआईआईटी संस्थान भागलपुर (बिहार), सूरत (गुजरात), रायचुर (कर्नाटक), भोपाल (मध्य प्रदेश) और अगरतला (त्रिपुरा) में स्थापित किए जा चुके हैं.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यह विधेयक सोमवार को उच्च सदन में चर्चा के लिए रखा था.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि देश में अभी 25 आईआईआईटी हैं, जिनमें से पांच पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा संचालित हैं और 15 सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत संचालित हो रही हैं.

उन्होंने कहा कि हम पहले से ही संचालित पांच संस्थानों को इस कानून के तहत लाने के लिए सदन के सामने प्रस्ताव लाए हैं. इन संस्थानों का परिचालन पहले से ही हो रहा है.

उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को विधेयक के दायरे में लाने से वे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान बन जाएंगे और उन्हें डिप्लोमा, डिग्री, पीएचडी आदि जारी करने का कानूनी अधिकार होगा.

इससे संस्थानों को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मजबूत अनुसंधान आधार विकसित करने के लिए जरूरी पर्याप्त छात्रों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी.

मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा ज्यादातर विपक्षी सदस्यों की अनुपस्थिति में हुई. कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी सदस्यों ने हंगामे को लेकर आठ विपक्षी सदस्यों का निलंबन समाप्त करने की मांग की है और वे सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहे हैं.

चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सदस्य कामाख्या प्रसाद तासा ने अगरतला के संस्थान को विधेयक में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को धन्यवाद दिया.

पढ़ें :- निलंबित सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे हरिवंश, पीएम बोले- स्टेटसमैन जैसा व्यवहार

बीजद सदस्य सस्मित पात्रा ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा मैं अपने पार्टी बीजू जनता दल की ओर से विघेयक का समर्थन करता हूं.

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के अनुसार उक्त अधिनियम सार्वजनिक निजी साझेदारी के तहत बीस भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करने के लिए अधिनियमित किया गया, जिसके तहत पहले राष्ट्रीय महत्व की संस्थाओं के रूप में 15 ऐसे संस्थान निगमित किये गए थे. सरकार ने पांच और संस्थानों को इनमें सम्मिलित करने का निश्चय किया है.

नई दिल्ली : संसद ने सार्वजनिक निजी साझेदारी के तहत चल रहे पांच आईआईआईटी संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा प्रदान करने वाले एक अहम विधेयक को मंगलवार को मंजूरी प्रदान कर दी.

राज्य सभा ने मंगलवार को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान विधियां (संशोधन) विधेयक, 2020 को पारित कर दिया. लोक सभा इसे बजट सत्र में पहले ही पारित कर चुकी है.

ये पांच आईआईआईटी संस्थान भागलपुर (बिहार), सूरत (गुजरात), रायचुर (कर्नाटक), भोपाल (मध्य प्रदेश) और अगरतला (त्रिपुरा) में स्थापित किए जा चुके हैं.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यह विधेयक सोमवार को उच्च सदन में चर्चा के लिए रखा था.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि देश में अभी 25 आईआईआईटी हैं, जिनमें से पांच पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा संचालित हैं और 15 सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत संचालित हो रही हैं.

उन्होंने कहा कि हम पहले से ही संचालित पांच संस्थानों को इस कानून के तहत लाने के लिए सदन के सामने प्रस्ताव लाए हैं. इन संस्थानों का परिचालन पहले से ही हो रहा है.

उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को विधेयक के दायरे में लाने से वे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान बन जाएंगे और उन्हें डिप्लोमा, डिग्री, पीएचडी आदि जारी करने का कानूनी अधिकार होगा.

इससे संस्थानों को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मजबूत अनुसंधान आधार विकसित करने के लिए जरूरी पर्याप्त छात्रों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी.

मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा ज्यादातर विपक्षी सदस्यों की अनुपस्थिति में हुई. कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी सदस्यों ने हंगामे को लेकर आठ विपक्षी सदस्यों का निलंबन समाप्त करने की मांग की है और वे सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहे हैं.

चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सदस्य कामाख्या प्रसाद तासा ने अगरतला के संस्थान को विधेयक में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को धन्यवाद दिया.

पढ़ें :- निलंबित सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे हरिवंश, पीएम बोले- स्टेटसमैन जैसा व्यवहार

बीजद सदस्य सस्मित पात्रा ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा मैं अपने पार्टी बीजू जनता दल की ओर से विघेयक का समर्थन करता हूं.

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के अनुसार उक्त अधिनियम सार्वजनिक निजी साझेदारी के तहत बीस भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करने के लिए अधिनियमित किया गया, जिसके तहत पहले राष्ट्रीय महत्व की संस्थाओं के रूप में 15 ऐसे संस्थान निगमित किये गए थे. सरकार ने पांच और संस्थानों को इनमें सम्मिलित करने का निश्चय किया है.

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