मुंबई : महाराष्ट्र की नेता व पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने गुरुवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नहीं छोड़ेंगी. इसके साथ ही उन्होंने भाजपा नेतृत्व को चुनौती दी कि वह उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दे.
अपने पिता व दिवंगत केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की 70वीं जयंती पर अपने समर्थकों की ताकत दिखाते हुए पंकजा ने अपने गृह जनपद से अपने आलोचकों व पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा.
राज्य भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील व दूसरे कई शीर्ष भाजपा नेताओं की मौजूदगी में पंकजा ने कहा, 'मुझे एक चुनाव हारने से कोई परेशानी नहीं है. परिस्थितियां बनाई जा रही हैं कि मैं पार्टी छोड़ दूं, लेकिन मैं पार्टी नहीं छोड़ने जा रही हूं. अगर पार्टी मुझे छोड़ना चाहती है तो वह फैसला ले सकती है.'
अपने भाषण में पंकजा ने हालिया विधानसभा चुनाव में पर्ली सीट से अपने रिश्ते के भाई और राकांपा नेता धनंजय मुंडे से मिली हार का उल्लेख करते हुए कहा कि कुछ भाजपा नेता (परोक्ष रूप से देवेंद्र फडणवीस के लिए) इस सीट से उनकी जीत नहीं चाहते थे.
रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं अगले साल जनवरी से पूरे महाराष्ट्र में मशाल रैली की शुरुआत करने जा रही हूं। मैं अपने काम की शुरुआत 26 जनवरी को मुंबई स्थित गोपीनाथ मुंडे प्रतिष्ठान से करूंगी.'
पंकजा ने कहा, 'मैं औरंगाबाद में एक दिन का भूख हड़ताल करूंगी। यह किसी पार्टी या व्यक्ति के खिलाफ नहीं है. मराठवाड़ा क्षेत्र की समस्याओं की ओर नेतृत्व का ध्यान आकर्षित कराने के लिए यह सांकेतिक भूख हड़ताल होगी.'
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पंकजा की रैली में लगे बैनर में भाजपा का पार्टी निशान कमल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नदारद रही. भाजपा छोड़ने के कयासों पर पंकजा ने कहा कि बगावत उनके खून में नहीं है.
वहीं, रैली को संबोधित करते हुए भाजपा नेता एकनाथ खडसे ने कहा कि वह पार्टी की मजबूती के लिए चार दशक से काम कर रहे हैं, लेकिन आज पार्टी ऐसा माहौल बना रही है कि हमें पार्टी छोड़ देनी चाहिए।. यह अच्छी स्थिति नहीं है और यह महाराष्ट्र के लिए स्वीकार्य नहीं है.