श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर जिले के क्रिमची गांव में प्रसिद्ध मंदिरों का एक समूह है, जिन्हें क्रिमची मंदिर या पांडव मंदिर के नाम से जाना जाता है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन व जिला प्रशासन की उदासीनता का शिकार क्रिमची के पांडव मंदिर आज सदियां बीत जाने के बाद विकास को तरस रहे हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई विधायक हुए मंत्री हुए, लेकिन आज तक केवल आश्वासन ही दिए गए और जमीनी स्तर पर कोई भी कार्य नहीं हो पाया है.
इस बात की तहकीकात करने के लिए आज ईटीवी भारत ने क्रिमची के पांडव मंदिरों व पूरे क्षेत्र का जायजा लिया और पूरे परिदृष्य को कैमरे में कैद करने के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन तक लोगों की बात पहुंचाने का एक छोटा सा प्रयास किया.
नगर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित क्रिमची मानसर गांव व पूरा क्षेत्र सदियों से पांडवों द्वारा अज्ञातवास के दौरान निर्मित मंदिरों में चलते काफी प्रख्यात है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण आज तक यह क्षेत्र पर्यटन के मानचित्र पर विकसित नहीं हो पाया है, जिसके कारण क्रिमची मानसर क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया है और न ही पांडव मंदिरों को विकसित किया गया है.
स्थानीय लोगों का आरोप था कि क्रिमची में पांडव मंदिरों तक जाने के लिए आज तक सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है, जबकि कई विधायकों व मंत्रीयों ने लोगों से मंदिर को विकसित करने के लिए झूठे वादे किए. लागों का कहना है कि इतना प्रसिद्ध स्थल होने के बाद भी सरकार ने यहां के लोगों को पीने का पानी मुहैया नहीं करवाया है, जिसके चलते लोगों को बावलियों से पानी लाना पड़ता है.
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लोगों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि क्रिमची मानसर क्षेत्र को पर्यटन के मानचित्र पर विकसित किया जाए. ताकि स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिल सके. उनका मानना था कि अगर उपरोक्त क्रिमची मानसर क्षेत्र पर्यटन के मानचित्र पर विकसित हो जाता है तो उसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा, जिसके कारण वह आर्थिक तौर पर अधिक सशक्त होंगे.
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि चूंकि वर्तमान समय में जम्मू-कश्मीर प्रशासन है तो यह एक बेतहरीन समय है, अगर प्रशासन इसे विकसित करे तो यह स्थानीय लोगों के लिए वरदान साबित होगा.