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मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का मामला: जल्द हल निकालने के पक्ष में हैं पूर्व राजनयिक

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने को लेकर बातचीत जारी है. इसी मामले को लेकर ETV भारत ने पूर्व राजनयिक एमके भद्रकुमार से खास बातचीत की.

पूर्व राजनयिक एमके भद्रकुमार
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Published : May 1, 2019, 12:16 AM IST

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए लगातार जद्दो जहद चल रही है. इसी मामले पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से बातचीत की गई है. इस पूरे मामले को पूर्व राजनयिक एमके भद्रकुमार ने यथार्थवादी बताया है.

ETV भारत से विषेश बातचीत के दौरान पूर्व राजनयिक एमके भद्रकुमार ने कई अहम बाते कहीं. उन्होंने कहा कि इस मसले का हल निकालने का एक तरीका ये है कि इस मुद्दे को लगातार उछाला जाए. वहीं दूसरा तरीका ये है कि कोई समाधान खोजा जाए क्योंकि काफी समय से गतिरोध बना हुआ है. यदि इसका हल निकालना है तो पुलवामा हमला सिर्फ मामले को और अधिक उलझाएगा.

पूर्व राजनयिक एमके भद्रकुमार से खास बातचीत.

यह दावा करना कि यदि भारत का उद्देश्य गतिरोध को समाप्त करना है तो इसका समाधान खोजने का काम करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि पुलवामा मामले को तय समय में हल किया जा सकता है.

लंबे समय तक पाकिस्तान में सेवा देने वाले राजनयिक ने भी पाकिस्तान के दृष्टिकोण को बदलने की ओर इशारा किया. भद्रकुमार ने कहा कि भारत को तुरंत प्रस्ताव स्वीकार करना चाहिए.

जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को UNSC में वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने की भारत की पहल को हमेशा पाकिस्तान के सबसे करीबी रहने वाले सहयोगी चीन ने विफल कर दिया है. पुलवामा हमले के बाद, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए, चीन ने ग्यारहवें घंटे में 1267 प्रतिबंध समिति के तहत UNSC में इस बारे में फ्रांसीसी प्रस्ताव को रोक दिया.

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए लगातार जद्दो जहद चल रही है. इसी मामले पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से बातचीत की गई है. इस पूरे मामले को पूर्व राजनयिक एमके भद्रकुमार ने यथार्थवादी बताया है.

ETV भारत से विषेश बातचीत के दौरान पूर्व राजनयिक एमके भद्रकुमार ने कई अहम बाते कहीं. उन्होंने कहा कि इस मसले का हल निकालने का एक तरीका ये है कि इस मुद्दे को लगातार उछाला जाए. वहीं दूसरा तरीका ये है कि कोई समाधान खोजा जाए क्योंकि काफी समय से गतिरोध बना हुआ है. यदि इसका हल निकालना है तो पुलवामा हमला सिर्फ मामले को और अधिक उलझाएगा.

पूर्व राजनयिक एमके भद्रकुमार से खास बातचीत.

यह दावा करना कि यदि भारत का उद्देश्य गतिरोध को समाप्त करना है तो इसका समाधान खोजने का काम करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि पुलवामा मामले को तय समय में हल किया जा सकता है.

लंबे समय तक पाकिस्तान में सेवा देने वाले राजनयिक ने भी पाकिस्तान के दृष्टिकोण को बदलने की ओर इशारा किया. भद्रकुमार ने कहा कि भारत को तुरंत प्रस्ताव स्वीकार करना चाहिए.

जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को UNSC में वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने की भारत की पहल को हमेशा पाकिस्तान के सबसे करीबी रहने वाले सहयोगी चीन ने विफल कर दिया है. पुलवामा हमले के बाद, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए, चीन ने ग्यारहवें घंटे में 1267 प्रतिबंध समिति के तहत UNSC में इस बारे में फ्रांसीसी प्रस्ताव को रोक दिया.

Intro:With Pakistan's foreign ministry spokesperson opening up about listing of Masood Azhar as a global terrorist at the United Nations Security Council, former diplomat MK Bhadrakumar has called it a realistic one.


Body:While talking exclusively to ETV Bharat, MK Bhadrakumar said, 'one way to resolve it is to keep this issue in the propaganda relum. The other way is to find a solution as there is a stalemate for quite a long time. And, if you want to end the stalemate, Pulwama will only complicate the matter.'

Claiming that if India's objective is to end the stalemate, than it should work on finding solution. He further added saying that Pulwama matter can be resolved in the due course of time.

The diplomat who has also served in Pakistan for a long time also pointed towards changing approach of Pakistan. Bhadrakumar went on to say that India should immediately accept the offer.






Conclusion:India's plan to get Jaish-e-Mohammad chief Masood Azhar designated as a global terrorist at the UNSC has always been thwarted Pakistan's all weather ally China. Post Pulwama attack in which 40 CRPF personnel were killed, China at the eleventh hour blocked French proposal regarding this at the UNSC under 1267 sanctions committee.
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