नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए लगातार जद्दो जहद चल रही है. इसी मामले पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से बातचीत की गई है. इस पूरे मामले को पूर्व राजनयिक एमके भद्रकुमार ने यथार्थवादी बताया है.
ETV भारत से विषेश बातचीत के दौरान पूर्व राजनयिक एमके भद्रकुमार ने कई अहम बाते कहीं. उन्होंने कहा कि इस मसले का हल निकालने का एक तरीका ये है कि इस मुद्दे को लगातार उछाला जाए. वहीं दूसरा तरीका ये है कि कोई समाधान खोजा जाए क्योंकि काफी समय से गतिरोध बना हुआ है. यदि इसका हल निकालना है तो पुलवामा हमला सिर्फ मामले को और अधिक उलझाएगा.
यह दावा करना कि यदि भारत का उद्देश्य गतिरोध को समाप्त करना है तो इसका समाधान खोजने का काम करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि पुलवामा मामले को तय समय में हल किया जा सकता है.
लंबे समय तक पाकिस्तान में सेवा देने वाले राजनयिक ने भी पाकिस्तान के दृष्टिकोण को बदलने की ओर इशारा किया. भद्रकुमार ने कहा कि भारत को तुरंत प्रस्ताव स्वीकार करना चाहिए.
जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को UNSC में वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने की भारत की पहल को हमेशा पाकिस्तान के सबसे करीबी रहने वाले सहयोगी चीन ने विफल कर दिया है. पुलवामा हमले के बाद, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए, चीन ने ग्यारहवें घंटे में 1267 प्रतिबंध समिति के तहत UNSC में इस बारे में फ्रांसीसी प्रस्ताव को रोक दिया.