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पाक द्वारा एयरस्पेस बंद करने के मामले में हस्तक्षेप करे ICAO : विशेषज्ञ

बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्तान ने भारत के विमानों को रोकने के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर रखा है. विमानन विशेषज्ञों ने इसकी कड़ी आलोचना की है. जानें क्या कहा विशेषज्ञ ने....

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Published : Jul 13, 2019, 3:46 PM IST

नई दिल्ली: बालाकोट हवाई हमले के बाद से पाकिस्तान ने पूर्वी सीमा पर 26 जुलाई तक अपना हवाई क्षेत्र पूरी तरह से बंद कर रखा है. पाक सरकार के इस फैसले पर विमानन विशेषज्ञों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है.

पाक के विमानन सचिव नुसरत ने स्थानीय न्यूज चैनल को जानकारी दी है कि पाकिस्तान का हवाईक्षेत्र भारत के इस्तेमाल के लिये तब तक उपलब्ध नहीं होगा, जब तक कि भारतीय वायुसेना के अग्रिम हवाईअड्डों से अपने लड़ाकू विमानों को हटा नहीं लेता.

ईटीवी भारत से बात करते हुए विमानन विशेषज्ञ सनत कौल ने इस फैसले का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि हर देश की हवाई सीमा होती है लेकिन अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) के अंतर्गत बहुत से समझौते आते हैं जिसके अनुसार एक देश के हवाई क्षेत्र में दूसरे देश की वाणिज्यिक उड़ानों की अनुमति होनी चाहिए.

विशेषज्ञ सनत कौल से बातचीत

कौल ने आगे कहा कि वाणिज्यिक विमानों को पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से गुजरने की अनुमति नहीं देना सही नहीं है. अंतरराष्ट्रीय संगठन को इसका संज्ञान लेना चाहिए.

अन्य देशों का उदाहरण देते हुए कौन ने बताया कि भारतीय एयरलाइंस और अन्य विमानन प्रशासन भी ईरानी की कुछ हवाई सीमा से नहीं गुजरते हैं क्योंकि यह राजनीतिक रूप से तनावपूर्ण क्षेत्र है.

उन्होंने आगे कहा कि पाक हवाई क्षेत्र बंद करके भारत से बालाकोट हवाई हमलों का बदला लेने की कोशिश कर रहा है. लेकिन भारत को थोड़ा और सक्रिय होने और आईसीएओ को जरूरी उपाय करने की आवश्यक्ता है.

पढ़ें-बालाकोट के बाद भारत से सहमा हुआ है PAK, एयरस्पेस खोलने के लिए नहीं है तैयार

एक अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान द्वारा हवाई क्षेत्र बंद करने के बाद से भारतीय एयरलाइंस एयर इंडिया को करीब 430 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

गुरुवार को नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में बताया था कि एयरस्पेस प्रतिबंध के कारण प्रति दिन लगभग 13 लाख रुपये की अतिरिक्त परिचालन लागत आई थी.

नई दिल्ली: बालाकोट हवाई हमले के बाद से पाकिस्तान ने पूर्वी सीमा पर 26 जुलाई तक अपना हवाई क्षेत्र पूरी तरह से बंद कर रखा है. पाक सरकार के इस फैसले पर विमानन विशेषज्ञों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है.

पाक के विमानन सचिव नुसरत ने स्थानीय न्यूज चैनल को जानकारी दी है कि पाकिस्तान का हवाईक्षेत्र भारत के इस्तेमाल के लिये तब तक उपलब्ध नहीं होगा, जब तक कि भारतीय वायुसेना के अग्रिम हवाईअड्डों से अपने लड़ाकू विमानों को हटा नहीं लेता.

ईटीवी भारत से बात करते हुए विमानन विशेषज्ञ सनत कौल ने इस फैसले का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि हर देश की हवाई सीमा होती है लेकिन अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) के अंतर्गत बहुत से समझौते आते हैं जिसके अनुसार एक देश के हवाई क्षेत्र में दूसरे देश की वाणिज्यिक उड़ानों की अनुमति होनी चाहिए.

विशेषज्ञ सनत कौल से बातचीत

कौल ने आगे कहा कि वाणिज्यिक विमानों को पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से गुजरने की अनुमति नहीं देना सही नहीं है. अंतरराष्ट्रीय संगठन को इसका संज्ञान लेना चाहिए.

अन्य देशों का उदाहरण देते हुए कौन ने बताया कि भारतीय एयरलाइंस और अन्य विमानन प्रशासन भी ईरानी की कुछ हवाई सीमा से नहीं गुजरते हैं क्योंकि यह राजनीतिक रूप से तनावपूर्ण क्षेत्र है.

उन्होंने आगे कहा कि पाक हवाई क्षेत्र बंद करके भारत से बालाकोट हवाई हमलों का बदला लेने की कोशिश कर रहा है. लेकिन भारत को थोड़ा और सक्रिय होने और आईसीएओ को जरूरी उपाय करने की आवश्यक्ता है.

पढ़ें-बालाकोट के बाद भारत से सहमा हुआ है PAK, एयरस्पेस खोलने के लिए नहीं है तैयार

एक अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान द्वारा हवाई क्षेत्र बंद करने के बाद से भारतीय एयरलाइंस एयर इंडिया को करीब 430 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

गुरुवार को नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में बताया था कि एयरस्पेस प्रतिबंध के कारण प्रति दिन लगभग 13 लाख रुपये की अतिरिक्त परिचालन लागत आई थी.

Intro:New Delhi: Soon after Pakistan extended its airspace ban along its eastern border with India till July 26 aviation experts opined against the move. Speaking to ETV Bharat, Sanat Kaul, aviation expert, reiterated that although the
airspace above a country is this sovereign space of that country just like its land, International Civil Aviation Organization has a lot of agreements in which Commercial flight from another Nation should be allowed by a nation.

"Diverting aircrafts and not allowing them to pass over Pakistan airspace for commercial aircrafts is not a good thing and International Civil Aviation Organization should take cognisance of it," said Kaul.


Body:Citing examples of other countries, Kaul said Indian airlines and Federal Aviation Administration also divert from certain parts of Irani space because it is a politically tense area. and post Balakot strike, Pakistan airspace has also been shut for flights that take off from India.

"Perhaps, it seems that they are taking a revenge. Thus, there is a need for India to be a little more pro-active and seek some remedial measures from the International Civil Aviation Organization," said the aviation expert.


Conclusion:Notably, according to estimates, the closure of airspace by Pakistan has led India Indian national carrier Air India to suffer a loss to the tune of Rs 430 crores (approximately).

On Thursday, Hardeep Singh Puri, Civil Aviation Minister, had said in the Lok Sabha that airspace restriction had resulted in additional operating cost of about Rs 13 lakhs per day while for its affiliate Air India Express, the daily loss is pegged at Rs 22 lacs due to re-routing of flights.
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