इस्लामाबाद: करीब छह हफ्ते पहले पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने का बात कही थी. जाधव को राजनयिक पहुंच मुहैया कराने के मुद्दे पर इस्लामाबाद ने कहा कि वह भारत से संपर्क में है.
गौरतलब है कि एक अगस्त को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा था कि फांसी की सजा का सामना कर रहे भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को अगले दिन काउंसलर एक्सेस मुहैया कराई जाएगी.
हालांकि, जाधव को काउंसलर एक्सेस की शर्तों पर दोनों देशों के बीच मतभेदों की वजह से दो अगस्त को दोपहर तीन बजे निर्धारित बैठक नहीं हो पाई.
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने यहां साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तान और भारत जाधव को दूतावास मदद के मुद्दे पर संपर्क में हैं.
बता दें, जाधव (49) को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद भारत ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख कर सजा पर रोक लगाने की मांग की थी.
आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि और सजा की प्रभावी समीक्षा एवं पुनर्विचार करने का आदेश दिया था. साथ ही, जल्द ही उन्हें राजनयिक पहुंच मुहैया कराे को भी कहा था.
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पाकिस्तान ने दूतावास मदद के लिए जो शर्तें रखी थी, उनमें से एक शर्त कथित तौर पर यह थी कि जब जाधव भारतीय अधिकारियों से मिलेंगे उस वक्त एक पाकिस्तानी अधिकारी भी मौजूद रहेगा.
भारत इस शर्त पर राजी नहीं हुआ और अपना यह रुख स्पष्ट कर दिया कि दूतावास मदद अवश्य ही निर्बाधा होनी चाहिए तथा आईसीजे के फैसले के आलोक में होनी चाहिए.
पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को तीन मार्च 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था. पाक का दावा है कि उन्होंने ईरान से वहां प्रवेश करने की कोशिश की थी.
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हालांकि, भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा कर लिया गया, जहां नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद वह कारोबार करने गए थे.