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पाक बोला, 'भारत के खिलाफ चीन से करूंगा शिकायत'

कश्मीर मसले पर भारत के फैसले से बौखलाया पाकिस्तान चीन के शरण में जा पहुंचा है. पढ़ें पूरी खबर...

कुरैशी चीन में (सौ.Twitter@SMQureshiPTI)
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Published : Aug 9, 2019, 1:48 PM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के भारत के फैसले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव पर चीनी नेतृत्व के साथ चर्चा करने के लिए आनन-फानन में शुक्रवार को चीन रवाना हो गए.

भारत ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को इस सप्ताह हटा दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया.

पाकिस्तान ने भारत के कदम को 'एकतरफा और गैरकानूनी' बताया और कहा कि वह इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पास लेकर जाएगा.

इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंध कमतर करने के फैसले के तौर पर भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया और घोषणा की कि वह भारत के साथ सभी 'द्विपक्षीय संबंधों' की समीक्षा करेगा.

जियो न्यूज की खबर के अनुसार, कुरैशी ने चीन जाने से पहले मीडिया से कहा कि भारत अपने असंवैधानिक कदमों से क्षेत्रीय शांति को खत्म करने की कोशिश कर रहा है और पाकिस्तान चीनी नेतृत्व को अपने विश्वास में लेगा.

चीन, पाकिस्तान को अपना करीबी मित्र मानता है.

कुरैशी ने कहा, 'चीन ना केवल पाकिस्तान का मित्र है, बल्कि क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देश भी है. मैं कश्मीर में भारत सरकार द्वारा उठाए असंवैधानिक कदमों से चीनी नेताओं को अवगत कराऊंगा. मैं उन्हें मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के बारे भी जानकारी दूंगा.

चीन की यात्रा कश्मीर पर भारत के फैसले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट करने की पाकिस्तान की कवायद का हिस्सा है.

चीन ने भी लद्दाख को प्रभावित करने वाले बदलावों का विरोध किया है.

पाकिस्तान और चीन कूटनीतिक साझेदार हैं और विभिन्न मुद्दों पर करीबी सहयोग करते हैं.

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के भारत के फैसले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव पर चीनी नेतृत्व के साथ चर्चा करने के लिए आनन-फानन में शुक्रवार को चीन रवाना हो गए.

भारत ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को इस सप्ताह हटा दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया.

पाकिस्तान ने भारत के कदम को 'एकतरफा और गैरकानूनी' बताया और कहा कि वह इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पास लेकर जाएगा.

इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंध कमतर करने के फैसले के तौर पर भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया और घोषणा की कि वह भारत के साथ सभी 'द्विपक्षीय संबंधों' की समीक्षा करेगा.

जियो न्यूज की खबर के अनुसार, कुरैशी ने चीन जाने से पहले मीडिया से कहा कि भारत अपने असंवैधानिक कदमों से क्षेत्रीय शांति को खत्म करने की कोशिश कर रहा है और पाकिस्तान चीनी नेतृत्व को अपने विश्वास में लेगा.

चीन, पाकिस्तान को अपना करीबी मित्र मानता है.

कुरैशी ने कहा, 'चीन ना केवल पाकिस्तान का मित्र है, बल्कि क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देश भी है. मैं कश्मीर में भारत सरकार द्वारा उठाए असंवैधानिक कदमों से चीनी नेताओं को अवगत कराऊंगा. मैं उन्हें मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के बारे भी जानकारी दूंगा.

चीन की यात्रा कश्मीर पर भारत के फैसले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट करने की पाकिस्तान की कवायद का हिस्सा है.

चीन ने भी लद्दाख को प्रभावित करने वाले बदलावों का विरोध किया है.

पाकिस्तान और चीन कूटनीतिक साझेदार हैं और विभिन्न मुद्दों पर करीबी सहयोग करते हैं.

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