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संघर्षविराम उल्लंघन : पाक ने पर वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को तलब किया - नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन

पाकिस्तान ने भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा नियंत्रण रेखा पर कथित तौर पर किए संघर्ष विराम उल्लंघन पर भारतीय राजनयिक को तलब किया है. पाक के विदेश विभाग ने गोलीबारी के दौरान 100 से अधिक निर्दोष नागरिकों के घायल होने का भी दावा किया है. विस्तार से बढ़ें पूरी खबर...

Pak summoned senior Indian diplomat
पाक ने संघर्षविराम उल्लंघन पर वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को तलब किया
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Published : Jul 20, 2020, 10:04 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने भारतीय बलों द्वारा नियंत्रण रेखा पर कथित तौर पर किये गए संघर्ष विराम के उल्लंघन के विरोध में सोमवार को वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को तलब किया. विदेश विभाग ने कहा कि बागसर सेक्टर में 'बिना उकसावे की गई गोलीबारी' में 20 वर्षीय एक व्यक्ति को गंभीर चोट आई है.

इस घटना पर विरोध जताने के लिये भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था. विदेश विभाग ने दावा किया कि भारत ने इस साल 1732 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जिसकी वजह से 14 लोगों की मौत हुई जबकि 134 निर्दोष नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए.

विभाग ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन नियंत्रण रेखा पर स्थिति को तनावपूर्ण बनाने के भारत के लगातार प्रयास को दर्शाता है और यह क्षेत्रीय शांति व सुरक्षा के लिये भी खतरा है.'

भारतीय पक्ष को 2003 में संघर्ष विराम को लेकर बनी सहमति, जानबूझ कर संघर्षविराम की इस और अन्य घटनाओं की जांच तथा नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने का आह्वान करने के लिये बुलाया गया था.

यह भी पढ़ें- मीडिया रिपोर्ट्स में दावा- भारतीय राजनयिक स्टाफ के 13 सदस्यों ने PAK छोड़ा, भारत का इनकार

विदेश विभाग ने कहा कि भारतीय पक्ष से यह अनुरोध भी किया गया कि वह भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के तहत दिये गए अधिकार के इस्तेमाल का मौका दे.

भारत कहता रहा है कि यूएनएमओजीआईपी अपनी उपयोगिता खो चुका है.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने भारतीय बलों द्वारा नियंत्रण रेखा पर कथित तौर पर किये गए संघर्ष विराम के उल्लंघन के विरोध में सोमवार को वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को तलब किया. विदेश विभाग ने कहा कि बागसर सेक्टर में 'बिना उकसावे की गई गोलीबारी' में 20 वर्षीय एक व्यक्ति को गंभीर चोट आई है.

इस घटना पर विरोध जताने के लिये भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था. विदेश विभाग ने दावा किया कि भारत ने इस साल 1732 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जिसकी वजह से 14 लोगों की मौत हुई जबकि 134 निर्दोष नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए.

विभाग ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन नियंत्रण रेखा पर स्थिति को तनावपूर्ण बनाने के भारत के लगातार प्रयास को दर्शाता है और यह क्षेत्रीय शांति व सुरक्षा के लिये भी खतरा है.'

भारतीय पक्ष को 2003 में संघर्ष विराम को लेकर बनी सहमति, जानबूझ कर संघर्षविराम की इस और अन्य घटनाओं की जांच तथा नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने का आह्वान करने के लिये बुलाया गया था.

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विदेश विभाग ने कहा कि भारतीय पक्ष से यह अनुरोध भी किया गया कि वह भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के तहत दिये गए अधिकार के इस्तेमाल का मौका दे.

भारत कहता रहा है कि यूएनएमओजीआईपी अपनी उपयोगिता खो चुका है.

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