इस्लामाबाद : पाकिस्तान के एडिशनल अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि विगत 17 जून, 2020 को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को उनकी सजा पर पुनर्विचार के लिए एक याचिका दायर करने के लिए आमंत्रित किया गया था.
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अपने कानूनी अधिकार का प्रयोग करते हुए उन्होंने अपनी सजा और सजा पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर करने से इनकार कर दिया है.
पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक कुलभूषण जाधव ने समीक्षा याचिका दायर करने के बजाय लंबित पड़ी दया याचिका में आगे की कार्यवाही को फॉलोअप करना पसंद किया है.
खबरों के मुताबिक पाकिस्तान ने कुलभूषण को दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस देने की पेशकश की है.
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आपको बता दें कि 17 जुलाई 2019 में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (ICJ) ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में अपना फैसला सुनाया था. जिसमें अदालत ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाई थी. नीदरलैंड में द हेग के पीस पैलेस में अदालत के प्रमुख न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने यह फैसला पढ़कर सुनाया था. पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा जाधव को 'दबाव वाले कबूलनामे' के आधार पर मौत की सजा सुनाने के लिए भारत ने ICJ में चुनौती दी थी.
गौरतलब है कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद 'जासूसी और आतंकवाद' के आरोपों में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को सजा-ए-मौत सुनाई थी. उनकी सजा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.