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करतारपुर: PAK सिर्फ 500 श्रद्धालुओं को सशर्त अनुमति देगा

पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने के साथ ही पैदल यात्रा पर भी आपत्ति जताई है.

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Published : Mar 15, 2019, 10:48 PM IST

नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक के बीच वार्ता की गई. दोनों देश इस पर आगे बढ़ने पर भी सहमत हुए हैं. इसी बीच सरकार के सूत्रों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

भारत ने गुरुद्वारे को अनुचित और मनमाने ढंग से कानूनी अधिकार से वंचित करने के मुद्दे पर कड़ा विरोध भी दर्ज कराया.

सरकार के सूत्रों के मुताबिक वार्ता के दौरान ये बात भी सामने आई कि पाक ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की जमीन पर अतिक्रमण की अनुमति दी.

  • Govt sources on Kartarpur Corridor talks: During the talks, it was learnt that Pakistan has allowed rampant encroachment on lands belonging to Gurudwara Kartarpur Sahib, strong demand made by India to restore land back to Gurudwara.

    — ANI (@ANI) March 15, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भारत ने इस जमीन को गुरुद्वारा को वापस करने की मांग मजबूती से रखी है.

सरकार के सूत्रों के मुताबिक पाक ने 500 सिख श्रद्धालुओं की सीमित संख्या के अलावा पैदल यात्रा पर भी आपत्ति जताई है.

सूत्रों के मुताबिक पाक के प्रस्ताव में 15 लोगों के समूह में यात्रा की बात कही गई है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को वीजा मुक्त रखने का आश्वासन दिया है.

  • Govt sources on Kartarpur Corridor talks: Pakistan assured visa free access to Gurudwara Kartarpur Sahib, however, now Pakistan has asked for requirement of issue of special permit to each pilgrim. Defeating purpose of dedicated corridor. https://t.co/SSClaA899I

    — ANI (@ANI) March 15, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हालांकि, अब पाक ने हर श्रद्धालु के लिए स्पेशल परमिट जारी करने की मांग की है. इससे करतारपुर कॉरिडोर का उद्देश्य पूरा नहीं होगा.

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने श्रद्धालुओं की संख्या एक दिन में सिर्फ 500 भारतीयों तक सीमित रखने की बात कही है.

हालांकि, भारत ने दैनिक 5000 श्रद्धालुओं की क्षमता वाले स्टेट ऑफ द आर्ट पैसेंजर टर्मिनल के निर्माण को मंजूरी दी है. खास मौकों पर इसकी क्षमता 15000 तक बढ़ाई जाएगी.

  • Govt Sources on Kartarpur Corridor talks: India has approved state of the art passenger terminal building to handle 5000 pilgrims daily, 15,000 on special occasions. Pakistan has sought to put a limit this to only 500 pilgrims per day.

    — ANI (@ANI) March 15, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

संबंधों में बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तान के करतारपुर शहर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर शहर से जोड़ने वाले गलियारे को जल्द शुरू करने पर भारत और पाकिस्तान ने गुरुवारको सहमति जताई थी.

एक संयुक्त बयान के अनुसार गलियारे को बनाने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की बैठकहुई थी.

दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने अटारी-वाघा सीमा पर भारत के क्षेत्र में बैठक की.

भारत ने करतारपुर गुरुद्वारे तक वीजा-मुक्त पहुंच का सुझाव दिया है और यह भी सुझाया है कि हर दिन 5000 श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत दी जाए.

भारतीय दल का नेतृत्व कर रहे गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एस सी एल दास ने संवाददाताओं से कहा, 'किसी दस्तावेज या प्रक्रिया के रूप में अन्य कोई बाधा नहीं होनी चाहिए.'

उन्होंने कहा कि ‘पहले कदम के तौर पर’ दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट पहचान का दस्तावेज होगा.

इस्लामाबाद वाघा सीमा पर पाकिस्तान के क्षेत्र में दो अप्रैल को होने वाली अगली बैठक में भारतीय पक्ष के सुझावों का जवाब दे सकता है.

इससे पहले दोनों पक्षों के तकनीकी विशेषज्ञ 19 मार्च को मिलेंगे.

बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्षों ने परियोजना के विभिन्न पहलुओं और प्रावधानों को लेकर विस्तृत और रचनात्मक बातचीत की और करतारपुर साहिब गलियारे को जल्द चालू करने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई.

बयान में कहा गया, ‘तीर्थयात्रियों को करतारपुर गलियारे का उपयोग करते हुए गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने की सुविधा मुहैया कराने की परियोजना के तौर-तरीकों और मसौदा समझौते पर चर्चा के लिये पहली बैठक आज अटारी, भारत में सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित की गई.'

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों पर आतंकी हमला होने, इसके बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के बालाकोट स्थित शिविरों पर भारत की ओर से हवाई निशाना साधे जाने और फिर पाकिस्तान की ओर से कार्रवाई करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ जाने के बीच हुई.

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पिछले साल 26 नवंबर को गुरदासपुर जिले में करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखी थी.

दो दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लाहौर से 125 किमी दूर, नरोवाल में गलियारे की आधारशिला रखी थी.

नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक के बीच वार्ता की गई. दोनों देश इस पर आगे बढ़ने पर भी सहमत हुए हैं. इसी बीच सरकार के सूत्रों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

भारत ने गुरुद्वारे को अनुचित और मनमाने ढंग से कानूनी अधिकार से वंचित करने के मुद्दे पर कड़ा विरोध भी दर्ज कराया.

सरकार के सूत्रों के मुताबिक वार्ता के दौरान ये बात भी सामने आई कि पाक ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की जमीन पर अतिक्रमण की अनुमति दी.

  • Govt sources on Kartarpur Corridor talks: During the talks, it was learnt that Pakistan has allowed rampant encroachment on lands belonging to Gurudwara Kartarpur Sahib, strong demand made by India to restore land back to Gurudwara.

    — ANI (@ANI) March 15, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भारत ने इस जमीन को गुरुद्वारा को वापस करने की मांग मजबूती से रखी है.

सरकार के सूत्रों के मुताबिक पाक ने 500 सिख श्रद्धालुओं की सीमित संख्या के अलावा पैदल यात्रा पर भी आपत्ति जताई है.

सूत्रों के मुताबिक पाक के प्रस्ताव में 15 लोगों के समूह में यात्रा की बात कही गई है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को वीजा मुक्त रखने का आश्वासन दिया है.

  • Govt sources on Kartarpur Corridor talks: Pakistan assured visa free access to Gurudwara Kartarpur Sahib, however, now Pakistan has asked for requirement of issue of special permit to each pilgrim. Defeating purpose of dedicated corridor. https://t.co/SSClaA899I

    — ANI (@ANI) March 15, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हालांकि, अब पाक ने हर श्रद्धालु के लिए स्पेशल परमिट जारी करने की मांग की है. इससे करतारपुर कॉरिडोर का उद्देश्य पूरा नहीं होगा.

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने श्रद्धालुओं की संख्या एक दिन में सिर्फ 500 भारतीयों तक सीमित रखने की बात कही है.

हालांकि, भारत ने दैनिक 5000 श्रद्धालुओं की क्षमता वाले स्टेट ऑफ द आर्ट पैसेंजर टर्मिनल के निर्माण को मंजूरी दी है. खास मौकों पर इसकी क्षमता 15000 तक बढ़ाई जाएगी.

  • Govt Sources on Kartarpur Corridor talks: India has approved state of the art passenger terminal building to handle 5000 pilgrims daily, 15,000 on special occasions. Pakistan has sought to put a limit this to only 500 pilgrims per day.

    — ANI (@ANI) March 15, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

संबंधों में बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तान के करतारपुर शहर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर शहर से जोड़ने वाले गलियारे को जल्द शुरू करने पर भारत और पाकिस्तान ने गुरुवारको सहमति जताई थी.

एक संयुक्त बयान के अनुसार गलियारे को बनाने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की बैठकहुई थी.

दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने अटारी-वाघा सीमा पर भारत के क्षेत्र में बैठक की.

भारत ने करतारपुर गुरुद्वारे तक वीजा-मुक्त पहुंच का सुझाव दिया है और यह भी सुझाया है कि हर दिन 5000 श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत दी जाए.

भारतीय दल का नेतृत्व कर रहे गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एस सी एल दास ने संवाददाताओं से कहा, 'किसी दस्तावेज या प्रक्रिया के रूप में अन्य कोई बाधा नहीं होनी चाहिए.'

उन्होंने कहा कि ‘पहले कदम के तौर पर’ दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट पहचान का दस्तावेज होगा.

इस्लामाबाद वाघा सीमा पर पाकिस्तान के क्षेत्र में दो अप्रैल को होने वाली अगली बैठक में भारतीय पक्ष के सुझावों का जवाब दे सकता है.

इससे पहले दोनों पक्षों के तकनीकी विशेषज्ञ 19 मार्च को मिलेंगे.

बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्षों ने परियोजना के विभिन्न पहलुओं और प्रावधानों को लेकर विस्तृत और रचनात्मक बातचीत की और करतारपुर साहिब गलियारे को जल्द चालू करने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई.

बयान में कहा गया, ‘तीर्थयात्रियों को करतारपुर गलियारे का उपयोग करते हुए गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने की सुविधा मुहैया कराने की परियोजना के तौर-तरीकों और मसौदा समझौते पर चर्चा के लिये पहली बैठक आज अटारी, भारत में सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित की गई.'

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों पर आतंकी हमला होने, इसके बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के बालाकोट स्थित शिविरों पर भारत की ओर से हवाई निशाना साधे जाने और फिर पाकिस्तान की ओर से कार्रवाई करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ जाने के बीच हुई.

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पिछले साल 26 नवंबर को गुरदासपुर जिले में करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखी थी.

दो दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लाहौर से 125 किमी दूर, नरोवाल में गलियारे की आधारशिला रखी थी.

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नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक के बीच वार्ता की गई. दोनों देश इस पर आगे बढ़ने पर भी सहमत हुए हैं. इसी बीच सरकार के सूत्रों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. 



भारत ने गुरुद्वारे को अनुचित और मनमाने ढंग से कानूनी अधिकार से वंचित करने के मुद्दे पर कड़ा विरोध भी दर्ज कराया.





सरकार के सूत्रों के मुताबिक वार्ता के दौरान ये बात भी सामने आई कि पाक ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की जमीन पर अतिक्रमण की अनुमति दी.

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भारत ने इस जमीन को गुरुद्वारा को वापस करने की मांग मजबूती से रखी है.





सरकार के सूत्रों के मुताबिक पाक ने 500 सिख श्रद्धालुओं की सीमित संख्या के अलावा पैदल यात्रा पर भी आपत्ति जताई है. 



सूत्रों के मुताबिक पाक के प्रस्ताव में 15 लोगों के समूह में यात्रा की बात कही गई है. 



सरकारी सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को वीजा मुक्त रखने का आश्वासन दिया है. 

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हालांकि, अब पाक ने हर श्रद्धालु के लिए स्पेशल परमिट जारी करने की मांग की है. इससे करतारपुर कॉरिडोर का उद्देश्य पूरा नहीं होगा.



सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने श्रद्धालुओं की संख्या एक दिन में सिर्फ 500 भारतीयों तक सीमित रखने की बात कही है. tweet

हालांकि, भारत ने दैनिक 5000 श्रद्धालुओं की क्षमता वाले स्टेट ऑफ द आर्ट पैसेंजर टर्मिनल के निर्माण को मंजूरी दी है. खास मौकों पर इसकी क्षमता 15000 तक बढ़ाई जाएगी.



संबंधों में बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तान के करतारपुर शहर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर शहर से जोड़ने वाले गलियारे को जल्द शुरू करने पर भारत और पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को सहमति जताई।



एक संयुक्त बयान के अनुसार गलियारे को बनाने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की बैठक बृहस्पतिवार को यहां सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई।



दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने अटारी-वाघा सीमा पर भारत के क्षेत्र में बैठक की।



भारत ने करतारपुर गुरुद्वारे तक वीजा-मुक्त पहुंच का सुझाव दिया है और यह भी सुझाया है कि हर दिन 5000 श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत दी जाए।



भारतीय दल का नेतृत्व कर रहे गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एस सी एल दास ने संवाददाताओं से कहा, “किसी दस्तावेज या प्रक्रिया के रूप में अन्य कोई बाधा नहीं होनी चाहिए।” 



उन्होंने कहा कि ‘पहले कदम के तौर पर’ दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट पहचान का दस्तावेज होगा।



इस्लामाबाद वाघा सीमा पर पाकिस्तान के क्षेत्र में दो अप्रैल को होने वाली अगली बैठक में भारतीय पक्ष के सुझावों का जवाब दे सकता है।



इससे पहले दोनों पक्षों के तकनीकी विशेषज्ञ 19 मार्च को मिलेंगे।



बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्षों ने परियोजना के विभिन्न पहलुओं और प्रावधानों को लेकर विस्तृत और रचनात्मक बातचीत की और करतारपुर साहिब गलियारे को जल्द चालू करने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई।



बयान में कहा गया, ‘‘तीर्थयात्रियों को करतारपुर गलियारे का उपयोग करते हुए गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने की सुविधा मुहैया कराने की परियोजना के तौर-तरीकों और मसौदा समझौते पर चर्चा के लिये पहली बैठक आज अटारी, भारत में सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित की गई।



जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों पर आतंकी हमला होने, इसके बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के बालाकोट स्थित शिविरों पर भारत की ओर से हवाई निशाना साधे जाने और फिर पाकिस्तान की ओर से कार्रवाई करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ जाने के बीच हुई। 



उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पिछले साल 26 नवंबर को गुरदासपुर जिले में करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखी थी।



दो दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लाहौर से 125 किमी दूर, नरोवाल में गलियारे की आधारशिला रखी थी।


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