हैदराबाद : एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और मजलिस बचाओ तहरीक (MBT) के नेता अमजदुल्ला खान ने तेलंगाना सरकार से 2015 में हुए कथित एनकाउंटर मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के आदेश का अनुपालन करने की मांग की है. एनएचआरसी ने राज्य के अलायर में हुए कथित एनकाउंटर में मारे गए पांच लोगों के परिवारों को मुआवजा देने का आदेश दिया है.
बता दें कि तेलंगाना पुलिस ने 7 अप्रैल, 2015 को राज्य के नलगोंडा जिले के अलायर में एक कथित मुठभेड़ में पांच अभियुक्तों को मार दिया था. पांचों आरोपी पुलिस पर हमले व अन्य अपराध के मामलों में गिरफ्तार किए गए थे और उनके खिलाफ अदालत में ट्रायल चल रहा था.
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने उम्मीद जताई है कि अलायर एनकाउंटर मामले में राज्य सरकार एनएचआरसी के आदेश का अनुपालन करेगी.
उन्होंने ट्वीट किया कि एनएचआरसी ने 29 जुलाई के अपने एक आदेश में एनकाउंटर में मारे गए लोगों के परिजनों को चार सप्ताह के भीतर पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम के विधायकों ने तेलंगाना विधानसभा में बार-बार इस मुद्दे को उठाया था.
वहीं, मजलिस बचाओ तहरीक (MBT) ने भी एनएचआरसी आदेश का अनुपालन करने और एनकाउंटर में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करने की मांग की है.
एमटीबी के प्रवक्ता अमजदुल्ला खान ने एनएचआरसी के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि एनकाउंटर में मारे गए पांच लोगों को बाद में अदालत ने बरी कर दिया था.
पांचों लोग दो होम गार्ड की हत्या समेत तीन मामलों में आरोपित थे, जो वारंगल जेल में बंद थे. पुलिस 7 अप्रैल, 2015 को विकार अहमद, सैयद अमजद अली, मोहम्मद जाकिर, मोहम्मद हनीफ और इजहार खान को वारंगल से हैदराबाद के नामपल्ली कोर्ट में पेश करने के लिए ला रही थी. इस दौरान नलगोंडा जिले के अलायर में पुलिस ने मुठभेड़ में पांचों को मार गिराया था.
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मुठभेड़ के बाद तत्कालीन एनएचआरसी प्रमुख जस्टिस केजी बालाकृष्णन ने 21 अप्रैल, 2015 को हैदराबाद का दौरा किया था. इस दौरान अमजदुल्ला खान ने उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया था.
सीनियर एडवोकेट मोहम्मद उस्मान शहीद ने कथित एनकाउंटर के खिलाफ एनएचआरसी में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद और मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी.
इसके बाद एनएचआरसी ने 12 सितंबर, 2018 को पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने आदेशों का पालन नहीं किया.
मोहम्मद उस्मान ने आदेश का अनुपालन न होने पर एनएचआरसी में दोबारा शिकायत की थी. जिस पर एनएचआरसी ने गत 29 जुलाई को निर्देश दिया था कि मुआवजे का भुगतान चार सप्ताह के भीतर किया जाए. आयोग ने भुगतान के प्रमाण के साथ अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है.