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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज : 39 करोड़ लोगों को मिली वित्तीय मदद

सरकार ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान गरीबों की मदद के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की थी. इसके तहत सरकार गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न के साथ महिलाओं, बुजुर्गों और किसानों को नकद भुगतान देने की कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत करीब 39 करोड़ लाभार्थियों को डिजिटल भुगतान प्रणाली की मदद से अब तक 34,800 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है. पढ़ें पूरी खबर...

over 39 crore beneficiaries  receives financial help under pm garib kalyan package
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज
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Published : May 6, 2020, 4:59 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत करीब 39 करोड़ लाभार्थियों को डिजिटल भुगतान प्रणाली की मदद से अब तक 34,800 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है. वित्त मंत्रालय के बुधवार को जारी वक्तव्य में यह जानकारी दी गई.

सरकार ने कोविड -19 लॉकडाउन (बंद) के दौरान गरीबों की मदद के लिए इस पैकेज की घोषणा की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को 1.70 लाख करोड़ रुपये के इस पैकेज की घोषणा की थी.

इसके तहत सरकार ने गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न के साथ महिलाओं, बुजुर्गों और किसानों को नकद भुगतान देने की घोषणा की थी. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पैकेज बांटने की केंद्र और राज्य सरकारें नियमित निगरानी कर रही हैं.

बयान के मुताबिक संबंधित मंत्रालय, केंद्रीय सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय जरूरतमंदों तक मदद पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम - किसान) के तहत 8.19 करोड़ लाभार्थियों को पांच मई 2020 तक पहली किस्त के तौर पर कुल 16,394 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. इन के खातों में सीधे दो हजार रुपये की वित्तीय मदद पहुंचाी गई.

इसी तरह 20.05 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खाते में 500 रुपये की पहली किश्त के तौर पर 10,025 करोड़ रुपये भेजे गए. इसमें से करीब 8.72 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों ने खातों से निकासी भी की.

वहीं 5.57 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खाते में दूसरी किश्त के तौर पर कुल 2,785 करोड़ रुपये भेजे गए.

इसके अलावा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत 2.82 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों को 1,400 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी गई.

इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को पहली किश्त के रूप में 500 रुपये की अनुग्रह राशि दी गई है. 500 रुपये की दूसरी किश्त इस महीने के दौरान खाते में पहुंचा दी जाएगी.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल के लिए 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 67.65 लाख टन खाद्यान्न उठाया है. इनके 60.33 करोड़ लाभार्थियों को अप्रैल के लिए 16 लाख टन खाद्यान्न का वितरण किया गया.

इसके अलावा मई 2020 के लिए 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 12.39 करोड़ लोगों को छह लाख टन खाद्यान्न वितरित किया जा चुका है. बयान के अनुसार 2.42 लाख टन दालें भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास पहुंचाई गई.

इसका लाभ पाने वाले 19.2 करोड़ लाभार्थियों में से 5.21 करोड़ को दालें भी वितरित की गई हैं. इसी तरह कर्मचारी भविष्य निधि संगठप (ईपीएफओ) के 9.6 लाख उपयोक्ताओं ने अपने खातों से 2,985 करोड़ रुपये के अग्रिम की ऑनलाइन निकासी का लाभ उठाया है.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत श्रमिकों की बढ़ी मजदूरी को एक अप्रैल से प्रभावी बना दिया गया है. चालू वित्त वर्ष में 5.97 करोड़ मानव श्रमदिवस सृजित किए गए.

इसके तहत सामग्री और मजदूरी के भुगतान के लिए राज्यों को 21,032 करोड़ रुपये जारी किए गए. बयान में कहा गया है कि लोगों तक यह वित्तीय मदद पहुंचाने में डिजिटल भुगतान प्रणाली और सीधे लाभ हस्तांतरण व्यवस्था का बहुत लाभ मिला है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत करीब 39 करोड़ लाभार्थियों को डिजिटल भुगतान प्रणाली की मदद से अब तक 34,800 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है. वित्त मंत्रालय के बुधवार को जारी वक्तव्य में यह जानकारी दी गई.

सरकार ने कोविड -19 लॉकडाउन (बंद) के दौरान गरीबों की मदद के लिए इस पैकेज की घोषणा की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को 1.70 लाख करोड़ रुपये के इस पैकेज की घोषणा की थी.

इसके तहत सरकार ने गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न के साथ महिलाओं, बुजुर्गों और किसानों को नकद भुगतान देने की घोषणा की थी. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पैकेज बांटने की केंद्र और राज्य सरकारें नियमित निगरानी कर रही हैं.

बयान के मुताबिक संबंधित मंत्रालय, केंद्रीय सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय जरूरतमंदों तक मदद पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम - किसान) के तहत 8.19 करोड़ लाभार्थियों को पांच मई 2020 तक पहली किस्त के तौर पर कुल 16,394 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. इन के खातों में सीधे दो हजार रुपये की वित्तीय मदद पहुंचाी गई.

इसी तरह 20.05 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खाते में 500 रुपये की पहली किश्त के तौर पर 10,025 करोड़ रुपये भेजे गए. इसमें से करीब 8.72 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों ने खातों से निकासी भी की.

वहीं 5.57 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों के खाते में दूसरी किश्त के तौर पर कुल 2,785 करोड़ रुपये भेजे गए.

इसके अलावा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत 2.82 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों को 1,400 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी गई.

इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को पहली किश्त के रूप में 500 रुपये की अनुग्रह राशि दी गई है. 500 रुपये की दूसरी किश्त इस महीने के दौरान खाते में पहुंचा दी जाएगी.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल के लिए 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 67.65 लाख टन खाद्यान्न उठाया है. इनके 60.33 करोड़ लाभार्थियों को अप्रैल के लिए 16 लाख टन खाद्यान्न का वितरण किया गया.

इसके अलावा मई 2020 के लिए 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 12.39 करोड़ लोगों को छह लाख टन खाद्यान्न वितरित किया जा चुका है. बयान के अनुसार 2.42 लाख टन दालें भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास पहुंचाई गई.

इसका लाभ पाने वाले 19.2 करोड़ लाभार्थियों में से 5.21 करोड़ को दालें भी वितरित की गई हैं. इसी तरह कर्मचारी भविष्य निधि संगठप (ईपीएफओ) के 9.6 लाख उपयोक्ताओं ने अपने खातों से 2,985 करोड़ रुपये के अग्रिम की ऑनलाइन निकासी का लाभ उठाया है.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत श्रमिकों की बढ़ी मजदूरी को एक अप्रैल से प्रभावी बना दिया गया है. चालू वित्त वर्ष में 5.97 करोड़ मानव श्रमदिवस सृजित किए गए.

इसके तहत सामग्री और मजदूरी के भुगतान के लिए राज्यों को 21,032 करोड़ रुपये जारी किए गए. बयान में कहा गया है कि लोगों तक यह वित्तीय मदद पहुंचाने में डिजिटल भुगतान प्रणाली और सीधे लाभ हस्तांतरण व्यवस्था का बहुत लाभ मिला है.

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