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ओटीटी प्लेटफार्म जल्द ही सूचना प्रसारण मंत्रालय के दायरे में होगा

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ओटीटी प्लेटफार्म पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को अपने दायरे में लाना चाहता है. इस बात का संकेत सूचना प्रसारण मंत्रालय ने दिया है.

ओटीटी प्लेटफार्म
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Published : Jul 8, 2020, 9:56 PM IST

नई दिल्ली : सूचना और प्रसारण मंत्रालय ओटीटी प्लेटफार्म पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को अपने दायरे में लाना चाहता है. इस बात का संकेत सूचना प्रसारण मंत्रालय ने दिया है.

इस बारे में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने कहा, 'ओटीटी एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो अभी आईटी मंत्रालय के तहत आता है. इस प्लेटफार्म पर वेब सीरीज, सीरियल जैसे कंटेंट दिखाए जाते हैं इसलिए इसे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आना चाहिए.'

उन्होंने यह भी कहा, 'इस तरह के मसलों पर कामकाज करने के लिए विभिन्न मंत्रालय में तालमेल होना चाहिए, कारोबारी माहौल में ऐसा किया जाना जरूरी है.'

गौरतलब है कि भारत में प्लेटफार्म के हिसाब से नियामक बनाने की प्रक्रिया जारी है, लेकिन अभी तक भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए कोई नियामक नहीं है. प्रिंट, रेडियो, टीवी, फिल्म के लिये नियामक है, जबकि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म रिलीज के लिये कोई नियामक नहीं है. बंदी के दौरान कई ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे अमेजन प्राइम, जी5, ऑल्ट बालाजी आदि के यूजर्स की संख्या में तेज वृद्धि दर्ज की गई है.

ध्यान रहे कि विश्व हिंदू परिषद समेत कई संस्थाओं ने ओटीटी पर हिंदू धर्म की भावना को आहत करने और स्वस्थ समाज के खिलाफ शो दिखाये जाने का आरोप लगाया था. इस संदर्भ में विहिप ने सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए एक नियामक बनाये जाने की भी मांग की थी.

नई दिल्ली : सूचना और प्रसारण मंत्रालय ओटीटी प्लेटफार्म पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को अपने दायरे में लाना चाहता है. इस बात का संकेत सूचना प्रसारण मंत्रालय ने दिया है.

इस बारे में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने कहा, 'ओटीटी एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो अभी आईटी मंत्रालय के तहत आता है. इस प्लेटफार्म पर वेब सीरीज, सीरियल जैसे कंटेंट दिखाए जाते हैं इसलिए इसे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आना चाहिए.'

उन्होंने यह भी कहा, 'इस तरह के मसलों पर कामकाज करने के लिए विभिन्न मंत्रालय में तालमेल होना चाहिए, कारोबारी माहौल में ऐसा किया जाना जरूरी है.'

गौरतलब है कि भारत में प्लेटफार्म के हिसाब से नियामक बनाने की प्रक्रिया जारी है, लेकिन अभी तक भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए कोई नियामक नहीं है. प्रिंट, रेडियो, टीवी, फिल्म के लिये नियामक है, जबकि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म रिलीज के लिये कोई नियामक नहीं है. बंदी के दौरान कई ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे अमेजन प्राइम, जी5, ऑल्ट बालाजी आदि के यूजर्स की संख्या में तेज वृद्धि दर्ज की गई है.

ध्यान रहे कि विश्व हिंदू परिषद समेत कई संस्थाओं ने ओटीटी पर हिंदू धर्म की भावना को आहत करने और स्वस्थ समाज के खिलाफ शो दिखाये जाने का आरोप लगाया था. इस संदर्भ में विहिप ने सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए एक नियामक बनाये जाने की भी मांग की थी.

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