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टिकटॉक अश्लील सामग्री को बढ़ावा देता है, निरीक्षण की जरूरत : उड़ीसा उच्च न्यायालय - टीकटॉक ऐप

टीकटॉक मोबाइल ऐप को लेकर उड़ीसा उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की है. न्यायालय ने कहा है कि लोकप्रिय टिकटॉक मोबाइल ऐप को ठीक से निरीक्षण करने की आवश्यकता है क्योंकि यह अक्सर विकृति को प्रदर्शित करता है और अश्लील साम्रगी को बढ़ावा देता है.

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उड़ीसा उच्च न्यायालय
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Published : May 31, 2020, 8:33 AM IST

कटक : उड़ीसा उच्च न्यायालय ने कहा है कि लोकप्रिय टिकटॉक मोबाइल ऐप के ठीक से निरीक्षण करने की आवश्यकता है क्योंकि यह अक्सर विकृति को प्रदर्शित करता है और अश्लील साम्रगी को बढ़ावा देता है.

न्यायमूर्ति एस.के. पाणिग्रही ने कहा,'टीकटॉक मोबाइल ऐप स्पष्ट रुप से पोर्नोग्राफी को प्रोत्साहित करता है. इसे ठीक से निरीक्षण करने की आवश्यकता है ताकि किशोरों को इसके नकारात्मक प्रभाव से बचाया जा सके.'

दरअसल, उच्च न्यायालय इसका निरीक्षण गुरुवार को संबलपुर जिले में एक आत्महत्या मामले से संबंधित जमानत याचिका का निपटारा के दौरान कर रहा था.

अदालत ने कहा कि उपयुक्त सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी है कि वह उन कंपनियों पर कुछ उचित नियामक बोझ डाले, जो इस तरह के अनुप्रयोगों को बढ़ावा दे रही हैं.

आरोपी के खिलाफ आरोप यह है कि उसने सह-आरोपियों के साथ मिलकर मृतक पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मानसिक अत्याचार किया है जो उसका पति था.

आपको बता दें कि ओडिशा के संबलपुर जिले में धनुपाली इलाके में महिला के पति ने पिछले साल 13 जुलाई को अपने बेडरूम की छत के पंखे से फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी.

कटक : उड़ीसा उच्च न्यायालय ने कहा है कि लोकप्रिय टिकटॉक मोबाइल ऐप के ठीक से निरीक्षण करने की आवश्यकता है क्योंकि यह अक्सर विकृति को प्रदर्शित करता है और अश्लील साम्रगी को बढ़ावा देता है.

न्यायमूर्ति एस.के. पाणिग्रही ने कहा,'टीकटॉक मोबाइल ऐप स्पष्ट रुप से पोर्नोग्राफी को प्रोत्साहित करता है. इसे ठीक से निरीक्षण करने की आवश्यकता है ताकि किशोरों को इसके नकारात्मक प्रभाव से बचाया जा सके.'

दरअसल, उच्च न्यायालय इसका निरीक्षण गुरुवार को संबलपुर जिले में एक आत्महत्या मामले से संबंधित जमानत याचिका का निपटारा के दौरान कर रहा था.

अदालत ने कहा कि उपयुक्त सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी है कि वह उन कंपनियों पर कुछ उचित नियामक बोझ डाले, जो इस तरह के अनुप्रयोगों को बढ़ावा दे रही हैं.

आरोपी के खिलाफ आरोप यह है कि उसने सह-आरोपियों के साथ मिलकर मृतक पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मानसिक अत्याचार किया है जो उसका पति था.

आपको बता दें कि ओडिशा के संबलपुर जिले में धनुपाली इलाके में महिला के पति ने पिछले साल 13 जुलाई को अपने बेडरूम की छत के पंखे से फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी.

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