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स्थाई कमीशन पर कोर्ट का आदेश, भाजपा की संकीर्ण सोच की हार : कांग्रेस

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Published : Feb 18, 2020, 12:05 AM IST

Updated : Mar 1, 2020, 4:40 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया हैं. कांग्रेस ने इसे बीजेपी की रूढ़ीवादी सोच की हार बातया है और फैसले के लिए उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद भी किया है. पढे़ं विस्तार से....

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कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को महिला सेना के अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने का आदेश दिया है. इस पर कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले को 'मोदी सरकार की रूढ़ीवादी सोच की हार' कहा है.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी रूप से छूट देने का विरोध किया था.

सूरजेवाला ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष भाजपा सरकार ने कहा था कि पुरुषों और महिलाओं की युद्ध भूमिकाओं में समानता नहीं की जा सकती है. महिलाओं को स्थायी कमीशन नहीं दिया जाना चाहिए. क्योंकि वो शारीरिक रूप से पुरषों के मुकाबले कमजोर होती हैं और उन्हे घरेलू काम सम्भालना चाहिए.

कांग्रेस की प्रेस वार्ता

सुरजेवाला ने बताया कि उन्होंने यह भी कहा था कि सशस्त्र बलों में पुरुष सिपाही महिलाओं के नेतृत्व को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. आज सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मोदी सरकार की सोच और विचार प्रक्रिया की हार है.

पढ़ें-सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन : मीनाक्षी बोलीं, कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य

हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस बेड़ी तोड़ने वाले फैसले का स्वागत करते हैं. जिसमें सैनिक महिलाओं को स्थायी कमीशन सुनिश्चित करके भारत की बेटियों को पुरूषों के बराबर नेतृत्व करने का अधिकार दिया गया है. यह इस देश के प्रत्येक नागरिक की जीत है जो लिगंभेद के बिना समानता में विश्वास रखते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने इसे लागू करने के लिए केंद्र को तीन महीने का समय दिया है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और अजय रस्तोगी की अगुवाई वाली पीठ ने महिलाओं से जुड़े सामाजिक मानदंडों और मनोवैज्ञानिक सीमाओं का आधार बढ़ाते हुए महिला अधिकारियों को समान अवसर देने से इनकार करने के लिए केंद्र को फटकार लगाई

सुरजेवाला ने कहा कि हम प्रधानमंत्री को 3 महीने तक इंतजार नहीं करने और तुरंत इस फैसले को लागू करने के लिए कहते हैं.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को महिला सेना के अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने का आदेश दिया है. इस पर कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले को 'मोदी सरकार की रूढ़ीवादी सोच की हार' कहा है.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी रूप से छूट देने का विरोध किया था.

सूरजेवाला ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष भाजपा सरकार ने कहा था कि पुरुषों और महिलाओं की युद्ध भूमिकाओं में समानता नहीं की जा सकती है. महिलाओं को स्थायी कमीशन नहीं दिया जाना चाहिए. क्योंकि वो शारीरिक रूप से पुरषों के मुकाबले कमजोर होती हैं और उन्हे घरेलू काम सम्भालना चाहिए.

कांग्रेस की प्रेस वार्ता

सुरजेवाला ने बताया कि उन्होंने यह भी कहा था कि सशस्त्र बलों में पुरुष सिपाही महिलाओं के नेतृत्व को कभी स्वीकार नहीं करेंगे. आज सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मोदी सरकार की सोच और विचार प्रक्रिया की हार है.

पढ़ें-सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन : मीनाक्षी बोलीं, कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य

हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस बेड़ी तोड़ने वाले फैसले का स्वागत करते हैं. जिसमें सैनिक महिलाओं को स्थायी कमीशन सुनिश्चित करके भारत की बेटियों को पुरूषों के बराबर नेतृत्व करने का अधिकार दिया गया है. यह इस देश के प्रत्येक नागरिक की जीत है जो लिगंभेद के बिना समानता में विश्वास रखते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने इसे लागू करने के लिए केंद्र को तीन महीने का समय दिया है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और अजय रस्तोगी की अगुवाई वाली पीठ ने महिलाओं से जुड़े सामाजिक मानदंडों और मनोवैज्ञानिक सीमाओं का आधार बढ़ाते हुए महिला अधिकारियों को समान अवसर देने से इनकार करने के लिए केंद्र को फटकार लगाई

सुरजेवाला ने कहा कि हम प्रधानमंत्री को 3 महीने तक इंतजार नहीं करने और तुरंत इस फैसले को लागू करने के लिए कहते हैं.

Last Updated : Mar 1, 2020, 4:40 PM IST
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