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कश्मीर के सभी नेताओं को रिहा किया जाएः माकपा - जम्मू कश्मीर में संचार व्यवस्था बहाल हो

माकपा ने जम्मू कश्मीर मामलें में भाजपा और संघ पर आरोप लगाया है. माकपा ने कहा कि कश्मीर के सभी नेताओं को रिहा किया जाए और घाटी की संचार सेवाएं बहाल किया जाए. पढ़ें पूरी खबर....

सीताराम येचुरी, वृंदा करात (फाइल फोटो)
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Published : Aug 23, 2019, 1:36 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 10:52 PM IST

नई दिल्लीः मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने जम्मू-कश्मीर के मामले में भाजपा एवं संघ पर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ तोड़-मरोड़ करने और दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए सभी राजनीतिक नेताओं को रिहा करने, शांति और संचार व्यवस्था तथा राज्य की स्वायत्तता बहाल करने की मांग की है.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और वृंदा करात ने आज यहाँ अपनी पार्टी का रुख को स्पष्ट किया और अनुच्छेद 370 और 35 ए को खत्म करने के लिए एक पुस्तिका जारी की.
इन दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा झूठ फैला रहें है. साथ ही में नेताओं ने कहा कि भाजपा कश्मीर में व्याप्त मौजूदा हालत की सच्चाई को दबा रही है.

सीताराम येचुरी ने आरोप लगाया कि कि संघ परिवार ने हिन्दू राष्ट्र बनाने के अपने एजेंडे के तहत यह कार्रवाई की है.

सीताराम येचुरी प्रेस वार्ता के दौरान

येचुरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का भारत में कैसे विलय हुआ इसका कहीं जिक्र नहीं किया जाता.15 अगस्त, 1947 को जम्मू-कश्मीर भारत का अंग नहीं था.राजा महाराजा आजाद रहना चाहते थे, वे भारत या पाकिस्तान दोनों के साथ नहीं जाना चाहते थे. उन्होंने लॉर्ड माउंडबेटन को पत्र भी लिखा था.इन बातों का कहीं जिक्र नहीं किया जाता.

वृंदा करात प्रेस वार्ता के दौरान

उन्होंने कहा कि इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेसन में महाराजा ने भारत से सिर्फ तीन चीजें मांगी थी, इसमें रक्षा, विदेश और संचार के मामले शामिल थे.अन्य सभी विषयों पर उन्होंने कहा था कि हम तय करेंगे, आपको क्या शक्तियां मिलेंगी.

येचुरी ने कहा कि संविधान में आर्टिकल 370 इसलिए शामिल किया गया, क्योंकि जम्मू-कश्मीर को समय दिया जा सके. वो भारत को अधिकार दिए जाने पर फैसला कर सके.यही कारण था कि आर्टिकल 370 को अस्थायी प्रावधान कहा गया, इसे स्थायी प्रावधान से खत्म किया जाना था.1952 में दिल्ली समझौता हुआ, लेकिन आर्टिकल 370 को स्थायी नहीं किया जा सका.1953 में शेख अब्दुल्ला को गिरफ्तार कर, रिहा किया गया. उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया.इसके बाद चुनी गई सरकारों ने जम्मू-कश्मीर के साथ कई बुरे व्यवहार किए.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और वृंदा करात ने पुस्तक जारी की

येचुरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनावों में भी बड़े पैमाने पर धांधली हुई. इन सब कारणों से जम्मू-कश्मीर में अलगाव की भावना बढ़ती रही.सीपीआई का मानना है कि आर्टिकल 370 के प्रावधानों को खत्म करना अलोकतांत्रिक, एंटी-सेकुलर और असंवैधानिक और संविधान की फेडरल संरचना के खिलाफ है.हमारी मांग है कि सभी नेताओं को तत्काल रिहा किया जाए,

सीपीएम के वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने आरोप लगाया कि भाजपा कश्मीर के इतिहास से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश रही है.

पढ़ेंः 1984 बैच के अधिकारी अजय कुमार भल्ला होंगे अगले केंद्रीय गृह सचिव

करात ने कहा कि कश्मीर के बारे में नेहरू मंत्रिमंडल ने जो फैसला किया, उसके हिस्से श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे क्योंकि वह भी तब उस मंत्रिमंडल के सदस्य थे. उन्होंने कहा कि संघ के प्रजा परिषद् ने महाराजा हरि सिंह का समर्थन किया था और जम्मू-काशीर को सांप्रदायिक रूप से विभाजित करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि भाजपा के दुष्प्रचार को रोकने के लिए यह पुस्तिका जारी की गयी है और आज से पार्टी ने इस दुष्प्रचार का जवाब में अभियान भी शुरू किया है.

नई दिल्लीः मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने जम्मू-कश्मीर के मामले में भाजपा एवं संघ पर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ तोड़-मरोड़ करने और दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए सभी राजनीतिक नेताओं को रिहा करने, शांति और संचार व्यवस्था तथा राज्य की स्वायत्तता बहाल करने की मांग की है.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और वृंदा करात ने आज यहाँ अपनी पार्टी का रुख को स्पष्ट किया और अनुच्छेद 370 और 35 ए को खत्म करने के लिए एक पुस्तिका जारी की.
इन दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा झूठ फैला रहें है. साथ ही में नेताओं ने कहा कि भाजपा कश्मीर में व्याप्त मौजूदा हालत की सच्चाई को दबा रही है.

सीताराम येचुरी ने आरोप लगाया कि कि संघ परिवार ने हिन्दू राष्ट्र बनाने के अपने एजेंडे के तहत यह कार्रवाई की है.

सीताराम येचुरी प्रेस वार्ता के दौरान

येचुरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का भारत में कैसे विलय हुआ इसका कहीं जिक्र नहीं किया जाता.15 अगस्त, 1947 को जम्मू-कश्मीर भारत का अंग नहीं था.राजा महाराजा आजाद रहना चाहते थे, वे भारत या पाकिस्तान दोनों के साथ नहीं जाना चाहते थे. उन्होंने लॉर्ड माउंडबेटन को पत्र भी लिखा था.इन बातों का कहीं जिक्र नहीं किया जाता.

वृंदा करात प्रेस वार्ता के दौरान

उन्होंने कहा कि इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेसन में महाराजा ने भारत से सिर्फ तीन चीजें मांगी थी, इसमें रक्षा, विदेश और संचार के मामले शामिल थे.अन्य सभी विषयों पर उन्होंने कहा था कि हम तय करेंगे, आपको क्या शक्तियां मिलेंगी.

येचुरी ने कहा कि संविधान में आर्टिकल 370 इसलिए शामिल किया गया, क्योंकि जम्मू-कश्मीर को समय दिया जा सके. वो भारत को अधिकार दिए जाने पर फैसला कर सके.यही कारण था कि आर्टिकल 370 को अस्थायी प्रावधान कहा गया, इसे स्थायी प्रावधान से खत्म किया जाना था.1952 में दिल्ली समझौता हुआ, लेकिन आर्टिकल 370 को स्थायी नहीं किया जा सका.1953 में शेख अब्दुल्ला को गिरफ्तार कर, रिहा किया गया. उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया.इसके बाद चुनी गई सरकारों ने जम्मू-कश्मीर के साथ कई बुरे व्यवहार किए.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और वृंदा करात ने पुस्तक जारी की

येचुरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनावों में भी बड़े पैमाने पर धांधली हुई. इन सब कारणों से जम्मू-कश्मीर में अलगाव की भावना बढ़ती रही.सीपीआई का मानना है कि आर्टिकल 370 के प्रावधानों को खत्म करना अलोकतांत्रिक, एंटी-सेकुलर और असंवैधानिक और संविधान की फेडरल संरचना के खिलाफ है.हमारी मांग है कि सभी नेताओं को तत्काल रिहा किया जाए,

सीपीएम के वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने आरोप लगाया कि भाजपा कश्मीर के इतिहास से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश रही है.

पढ़ेंः 1984 बैच के अधिकारी अजय कुमार भल्ला होंगे अगले केंद्रीय गृह सचिव

करात ने कहा कि कश्मीर के बारे में नेहरू मंत्रिमंडल ने जो फैसला किया, उसके हिस्से श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे क्योंकि वह भी तब उस मंत्रिमंडल के सदस्य थे. उन्होंने कहा कि संघ के प्रजा परिषद् ने महाराजा हरि सिंह का समर्थन किया था और जम्मू-काशीर को सांप्रदायिक रूप से विभाजित करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि भाजपा के दुष्प्रचार को रोकने के लिए यह पुस्तिका जारी की गयी है और आज से पार्टी ने इस दुष्प्रचार का जवाब में अभियान भी शुरू किया है.

Intro:The Communist Party of India (Marxist) has demanded immediate release of political leaders in Kashmir and have also asked for the opening of communication lines to bring normalcy in the valley.
The General secretary of the party Sitaram Yechuri and senior leader Vrinda Karat released a booklet on Thursday to present their party's stand on the Kashmir issue and scrapping of Article 370 and 35A.
Both the leaders alleged that the RSS and BJP are spreading lies and suppressing truth to force their agenda on the people of Kashmir.



Body:Sitaram Yechury said that the BJP-RSS is trying to fulfill their agenda of making 'Hindu Rashtra' through unconstitutional ways.
Senior CPM leader Vrinda Karat alleged that the BJP was trying to subrogate facts related to the History of Kashmir and said that on of the RSS wings stood in favor of the autonomy of Kashmir and supported the Maharaja of Kashmir Hari Singh.
She also alleged that the ministers of BJP goverment have misled the parliament on many facts related to Kashmir.
The left party clearing their stand on the ongoing situation and has demanded for the immediate release of all the political leaders including two former chief ministers of Jammu and Kashmir.


Conclusion:
Last Updated : Sep 27, 2019, 10:52 PM IST
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