नई दिल्ली : नीट-जेईई की परीक्षाओं के मुद्दे पर छह राज्यों के मंत्रियों की ओर से उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करने के बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से फिर से आग्रह किया कि यह परीक्षाएं स्थगित की जाएं.
झामुमो नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन और महाराष्ट्र के उच्च शिक्षा मंत्री एवं शिवसेना नेता उदय सावंत के साथ डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में केंद्र सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाया और सवाल किया कि अगर कोई बच्चा या परिजन कोरोना से संक्रमित हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
उन्होंने यह दावा भी किया कि आगे कोई दिक्कत आएगी तो पहले की तरह जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी जाएगी.
सोरेन ने कहा, 'ऐसा लगता है कि अब केंद्र सरकार कोरोना से निपटने को लेकर गंभीर नहीं है.'
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कांग्रेस प्रवक्ता सिंघवी ने कहा कि इन परीक्षाओं को अक्टूबर के आखिर नवंबर में कराया जा सकता है और शैक्षणिक सत्र जनवरी से आरंभ हो सकता है.
उन्होंने कहा, 'हमने पुनर्विचार याचिका को चार भागों में बांटा है. पहला सुरक्षा और स्वास्थ्य है, दूसरा भाग तार्किकता का है, तीसरा हिस्सा उन संतुलित तौर तरीकों का है जिनसे आप दोनों उद्देश्य स्वास्थ्य और शिक्षा को भी पूरा कर सकते है. चौथा भाग यह है कि कौन से नीति नियम होंगे जिनके आधार पर आप ये कर पाएंगे.'
उन्होंने दावा किया कि इतनी पर्याप्त संख्या में परीक्षा केंद्र नहीं बनाए गए हैं जिनसे सामाजिक दूरी की अनुपालना सुनिश्चित हो सके.
ओब्रायन ने कहा, ' यह स्पष्ट है कि हम एक आवाज में बात करेंगे. हम परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं. आगे भी मिलकर आवाज उठाएंगे.'
उन्होंने आरोप लगाया, 'सरकार की योजना सही नहीं है. आप उस सरकार से क्या उम्मीद कर सकते हैं जो चार घंटे के नोटिस पर 21 दिनों के लाकडाउन की घोषणा कर दे.'
गौरतलब है कि छह राज्यों के मंत्रियों ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर कर कोविड-19 महामारी के बावजूद केन्द्र को नीट और जेईई की प्रवेश परीक्षायें आयोजित करने की अनुमति देने के आदेश पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया.
पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले मंत्रियों में पश्चिम बंगाल के मलय घटक, झारखंड के रामेश्वर ओरांव, राजस्थान के रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत, पंजाब के बी एस संधू और महाराष्ट्र के उदय रवीन्द्र सावंत शामिल हैं.
न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जेईई (मुख्य) अप्रैल, 2020 और नीट-यूजी की सितंबर में होने वाली परीक्षाओं के कार्यक्रम में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुये 17 अगस्त को कहा था कि छात्रों का कीमती वर्ष बर्बाद नहीं किया जा सकता और जीवन चलते रहना है.