नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में हुई हिंसक घटनाओं पर चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है. आयोग ने 17 मई शाम पांच बजे खत्म होने वाले चुनाव प्रचार को 16 मई की रात 10 बजे ही समाप्त कर दिया. इसके बाद विपक्षी दलों ने आयोग समेत केंद्र की बीजेपी नीत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.
लोकसभा चुनाव के प्रचार की अवधि को कम करने के चुनाव आयोग के फैसले को विपक्षी दलों ने अन्यायपूर्ण करार दिया. विपक्षी दलों ने आयोग से प्रचार की अवधि में कम से कम आधे दिन की छूट देने की मांग की है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी की अगुवाई में अन्य विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को चुनाव आयोग के समक्ष इस मामले में अपना पक्ष रखते हुये कहा कि पश्चिम बंगाल में किसी एक पक्ष की गलती का खामियाजा अन्य सभी पक्षकारों को भुगतना पड़ा है.
सिंघवी ने कहा, 'विभिन्न स्रोतों से मिले साक्ष्यों के आधार पर यह स्पष्ट है कि यह हिंसा भाजपा के लोगों ने की है. इसका खामियाजा अन्य गैर राजग दल क्यों उठायें. चुनाव आयोग से हमें इस बात का संतोषजनक जवाब नहीं मिला है इसलिये हमने अदालत जाने सहित अपने अन्य विकल्प खुले रखे हैं.'
प्रतिनिधिमंडल में सिंघवी के अलावा कांग्रेस नेता अहमद पटेल, तेदेपा के राज्यसभा सदस्य सी आर रमेश और आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह भी शामिल थे. सिंघवी ने कहा कि आयोग को 17 मई को कम से कम आधे दिन के प्रचार की अनुमति देना चाहिये.
उल्लेखनीय है कि कोलकाता में मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुयी चुनावी हिंसा के कारण आयोग ने 19 मई को होने वाले मतदान में राज्य की नौ सीटों पर चुनाव प्रचार की अवधि एक दिन कम कर 16 मई को रात दस बजे से प्रचार अभियान बंद करने का फैसला किया है.
सिंघवी ने बताया कि आयोग के समक्ष मतगणना में ईवीएम के मतों से वीवीपीएटी की पर्चियों के मिलान संबंधी दिशानिर्देशों का मामला भी उठाया गया गया. इसमें वीवीपीएटी और ईवीएम के परिणाम विरोधाभाषी होने पर वैकल्पिक व्यवस्था का प्रश्न उठाया गया.
उन्होंने कहा कि 15 दिन पहले भी आयोग के समक्ष यह मुद्दा उठाते हुये ईवीएम और वीवीपीएटी के परिणाम विरोधाभाषी होने पर संबद्ध सीट पर पुनर्मतदान कराने की मांग की थी, लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
सिंघवी ने कहा, 'आयोग ने आज की बैठक में हमें इस मुद्दे पर जल्द से जल्द फैसला करने का आश्वासन दिया है.'
इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल में कुछ मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान कराने की सिफारिश करने वाले मुख्य सचिव को पद से हटाने का मामला भी उठाया. उन्होंने कहा कि आयोग विभिन्न राज्यों में एक ही तरह के मामलों में अलग अलग रवैया अपना रहा है.
सिंघवी ने कहा कि आंध्र प्रदेश में मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर पुनर्मतदान कराने का आयोग ने फैसला किया, जबकि वास्तव में इसकी कोई जरूरत नहीं थी. वहीं, पश्चिम बंगाल में मुख्य सचिव को जायज सिफारिश करने की सजा दे दी गयी. उन्होंने इसे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुये कहा कि एक मुख्य सचिव के गलत सुझाव को आयोग मान लेता है और दूसरे मुख्य सचिव का स्थानांतरण कर दिया जाता है.
सिंघवी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के समक्ष मुंगेर में चार मतदान केन्द्रों पर पुनर्मतदान कराने मांग करने के अलावा रायबरेली में पुलिस अधीक्षक पर भाजपा उम्मीदवार का पक्ष लेने की शिकायत करते हुये उक्त अधिकारी का तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण करने की मांग की है.
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इससे पहले कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि निश्चित रूप से चुनाव आयोग का फैसला दबाव में लिया हुआ है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने कहा कि यह प्रजातंत्र पर मोदी सरकार और अमित शाह के द्वारा सीधा हमला है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए राशिद अल्वी ने कहा, 'निश्चित रूप से चुनाव आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दबाव में काम कर रहा है. कल वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चुनाव आयोग पर दबाव बनाते हैं, और चुनाव आयोग तुरंत उनके अनुसार फैसला कर देता है.
बता दें कि चुनाव आयोग के इस फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बसपा प्रमुख मायावती ने भी अपने बयान में यही कहा था कि चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है.
अल्वी ने कहा कि 'चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण सार्वजनिक बैठकों और चुनावी प्रचार को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है, ताकि उनको कहीं बाधा ना आए. चुनाव आयोग अगर ऐसे काम करेगा तो जनता का विश्वास उस पर से उठ जाएगा चुनाव आयोग को निष्पक्ष फैसला लेना चाहिए.
गौरतलब है कि मंगलवार शाम कोलकाता में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रोड शो किया था. इसी दौरान हुई हिंसा को देखते हुए चुनाव आयोग ने संविधान की धारा 324 का इस्तेमाल करते हुए 16 मई की रात 10:00 बजे के बाद चुनाव प्रचार पर रोक लगाने का एलान किया था.
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ईवीएम और वीवीपैट के सवाल पर राशिद अलवी ने कहा, 'ये बात हम लगातार कह रहे हैं कि एवम में भाजपा गड़बड़ कर सकती है, इसमें कोई दो राय नहीं हैं. 23 तारीख को जो भी नतीजे आएंगे उससे हमें उम्मीद है, कि जनता पूरी ताकत के साथ हमारे साथ खड़ी होगी.'
(एजेंसी इनपुट के साथ)