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पंजाब: कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन से बिजली संकट की आशंका

पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों से आंदोलन में ढील देने की अपील की. उन्होंने कहा कि इससे मालगाड़ियों की आवाजाही हो सकेगी.

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कृषि कानूनों के प्रदर्शन से हो सकता है बिजली संकट
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Published : Oct 10, 2020, 10:45 PM IST

Updated : Oct 11, 2020, 1:03 AM IST

चंडीगढ़: पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध में जारी 'रेल रोको' प्रदर्शन के चलते राज्य के थर्मल पॉवर स्टेशन को कोयले की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने की अपील

राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों से आंदोलन में ढील देने की अपील की है. अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इससे मालगाड़ियों की आवाजाही हो सकेगी. वहीं, उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अगर मालगाड़ियां चलनी शुरू नहीं होंगी तो डर है कि बिजली कटौती हो सकती है. जिससे राज्य में पूरी तरह बिजली आपूर्ति बाधित भी हो सकती है.

विरोध के चलते दो दिन का बचा कोयला

पंजाब में बेमियादी रेल रोको आंदोलन के कारण मालगाड़ियां नहीं चल पा रही हैं और इस कारण थर्मल पॉवर स्टेशनों में कोयले की आपूर्ति प्रभावित हुई है. पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक वेणुप्रसाद ने कहा कि हमारे पास सिर्फ दो दिन का कोयला बचा है. अधिकारियों के अनुसार लेहरा मोहब्बत, रोपड़ और जीवीके थर्मल पॉवर स्टेशन पहले ही बंद हो चुके हैं. दो अन्य थर्मल पॉवर स्टेशन-₨ तलवंडी साबू और नाभा अपनी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता से आधा उत्पादन ही कर पा रहे हैं.

पढ़ें: कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस, मनाएगी 'किसान-मजदूर बचाओ दिवस'

6,500 मेगावाट बिजली खरीदी जा रही

राज्य के कुछ हिस्से पहले ही कम विद्युत उत्पादन की वजह से बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं. राज्य में 7,000 मेगावाट से अधिक बिजली की मांग है और अन्य स्रोतों से 6,500 मेगावाट बिजली खरीदी जा रही है. जिनमें निजी कंपनियां भी शामिल हैं. बता दें, विभिन्न किसान संगठन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने 1 अक्टूबर से बेमियादी ‘रेल रोको’ आंदोलन शुरू कर प्रदर्शन तेज कर दिया है.

बैठक में नहीं निकला कोई नतीजा

इस बीच अनेक किसान संगठनों ने शनिवार को बरनाला में बैठक की और ‘रेल रोको’ आंदोलन में ढील देने की मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अपील पर चर्चा की. हालांकि बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका. इससे पहले 7 अक्टूबर की बैठक में किसान नेताओं ने मालगाड़ियों को चलने देने की सिंह की अपील पर ध्यान नहीं दिया था.

चंडीगढ़: पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध में जारी 'रेल रोको' प्रदर्शन के चलते राज्य के थर्मल पॉवर स्टेशन को कोयले की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने की अपील

राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों से आंदोलन में ढील देने की अपील की है. अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इससे मालगाड़ियों की आवाजाही हो सकेगी. वहीं, उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अगर मालगाड़ियां चलनी शुरू नहीं होंगी तो डर है कि बिजली कटौती हो सकती है. जिससे राज्य में पूरी तरह बिजली आपूर्ति बाधित भी हो सकती है.

विरोध के चलते दो दिन का बचा कोयला

पंजाब में बेमियादी रेल रोको आंदोलन के कारण मालगाड़ियां नहीं चल पा रही हैं और इस कारण थर्मल पॉवर स्टेशनों में कोयले की आपूर्ति प्रभावित हुई है. पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक वेणुप्रसाद ने कहा कि हमारे पास सिर्फ दो दिन का कोयला बचा है. अधिकारियों के अनुसार लेहरा मोहब्बत, रोपड़ और जीवीके थर्मल पॉवर स्टेशन पहले ही बंद हो चुके हैं. दो अन्य थर्मल पॉवर स्टेशन-₨ तलवंडी साबू और नाभा अपनी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता से आधा उत्पादन ही कर पा रहे हैं.

पढ़ें: कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस, मनाएगी 'किसान-मजदूर बचाओ दिवस'

6,500 मेगावाट बिजली खरीदी जा रही

राज्य के कुछ हिस्से पहले ही कम विद्युत उत्पादन की वजह से बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं. राज्य में 7,000 मेगावाट से अधिक बिजली की मांग है और अन्य स्रोतों से 6,500 मेगावाट बिजली खरीदी जा रही है. जिनमें निजी कंपनियां भी शामिल हैं. बता दें, विभिन्न किसान संगठन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने 1 अक्टूबर से बेमियादी ‘रेल रोको’ आंदोलन शुरू कर प्रदर्शन तेज कर दिया है.

बैठक में नहीं निकला कोई नतीजा

इस बीच अनेक किसान संगठनों ने शनिवार को बरनाला में बैठक की और ‘रेल रोको’ आंदोलन में ढील देने की मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अपील पर चर्चा की. हालांकि बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका. इससे पहले 7 अक्टूबर की बैठक में किसान नेताओं ने मालगाड़ियों को चलने देने की सिंह की अपील पर ध्यान नहीं दिया था.

Last Updated : Oct 11, 2020, 1:03 AM IST
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