त्रिवेंद्रमः केरल का प्रमुख त्योहार ओणम बस कुछ ही दिन दूर है. त्योहार के लिए औपचारिक धनुष 'ओनाविलु' निर्माण किया जा रहा है. यह धनुष भगवान पद्मनाभ को समर्पित किया जाएगा. 'ओनाविलु' ओणम त्योहार का प्रमुख अंग है.
'ओनाविलु' धनुष ओणम त्योहार का तीन सदी से पारंपरिक हिस्सा है. इस धनुष का निर्माण ओनविलु के शुरू होने से आज तक एक परिवार करता आ चला रहा है.
उत्सव के दौरान 'ओनाविलु' बजाया जाता है. यह संगीत वाद्ययंत्र है, इसमें धनुष और तार शामिल होते हैं. इसका निर्माण आरकिनट की लकड़ी से किया जाता है.
केरल के मालाबार की 'ओनाविलु' परंपरा अभी भी मलप्पुरम के थेक्कपुराक्कल कुत्तिथा और उनके बेटे मधु द्वारा चल रही है, दोनों इस यंत्र को बनाने और खेलने में माहिर हैं.
कुत्तिथा के अनुसार हाल ही के दिनों में उन्होंने ओणम के दौरान उन्होंने सांमती परिवारों को 'ओनाविलु' को उपहार देने का रिवाज देखा हैं.
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कुत्तिथा के परिवार के सभी लोग ओनाविलु धनुष को बनाने में व्यस्त हैं. हालांकि, उनके सामने कच्चे माल की कमी है जो कि उनके लिए प्रमुख समास्या है. हर साल ओणम त्योहार के दौरान ओनाविलु की मांग बढ़ रही है, क्योंकि भक्तों का मानना है कि ओनाविलु को घर में रखना शुभ होता है, इससे समृद्धि आएगी.
कुत्तिथा के बेटे मधु ने कहा कि कलाकार विल्लु को विशेष तरीके से पकड़ते है. धनुष से ठीक संगीत तभी उत्पन्न होगा जब हम उसका सही तरीके से उपयोग करेंगे.