गुवाहाटी : ऑयल इंडिया लिमिटेड के असम स्थित गैस के कुंए में विस्फोट (ब्लोआउट) हुआ था. इसके बाद तिनसुकिया जिले में संयंत्र के आसपास के इलाके को खाली कराना शुरू कर दिया गया था. आग को बुझाने में ओआईएल का प्रयास विफल पिछले 66 दिनों से ऑइल इंडिया लिमिटेड के तेल के कुएं को सील करने का प्रयास किया जा रहा है.
संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और सिंगापुर से लाए गए स्थानीय और विदेशी विशेषज्ञों ने कुएं के मुंह पर एक भारी धातु के ढक्कन लगाने की योजना बनाई थी.
गैस कुएं में आग लगने से दो लोगों की मौत हो गई थी.
27 मई से ही ऑयल इंडिया लिमिटेड के अधिकारी इस स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं और यहां तक कि अमेरिका, कनाडा और सिंगापुर के विशेषज्ञों को भी लाया गया.ऑयल इंडिया लिमिटेड के दो कर्मचारियों की मौत हो गई.आग और गैस ने आसपास के गांवों में कई लोगों के जीवन और आजीविका को भी नुकसान पहुंचा.
ऑयल इंडिया लिमिटेड और असम सरकार ने विस्फोट के कारण आस-पास के गांवों से 2500 से अधिक परिवारों को सुरक्षित बाहर निकाला.
ऑयल इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और केवल यह कहा कि स्थिति को सही करने का प्रयास जारी हैं. 22 जुलाई को, साइट पर काम करने वाले विशेषज्ञों को चोटें आई क्योंकि तेल के कुएं में एक और विस्फोट हुआ था जब विशेषज्ञ आग को बुझाने की कोशिश कर रहे थे.
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क्या होता है ब्लोआउट
तेल एवं गैस क्षेत्र में जब कभी कुंए के अंदर दबाव अधिक हो जाता है तो उसमें अचानक से विस्फोट होता है और कच्चा तेल या प्राकृतिक गैस अनियंत्रित तरीके से बाहर आने लगती है. इसे ही ब्लोआउट कहा जाता है. यह स्थिति कुंए के अंदर दबाव बनाए रखने वाली प्रणाली के सही तरीके से काम नहीं करने के चलते बनती है.