भुवनेश्वर : महिला सशक्तिकरण एवं समावेशी स्वच्छता की दिशा में ओडिशा ने अग्रणी कदम उठाया है. ओडिशा सरकार ने चार घरेलू अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों के परिचालन एवं मरम्मत का काम महिलाओं एवं ट्रांसजेंडरों द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को शुक्रवार को सौंप दिया.
राज्य के पंचायती राज और आवास एवं शहरी विकास मंत्री प्रताप जेना की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में एसएचजी और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए. इस समझौते के जरिए बरहमपुर, बारीपदा एवं सम्बलपुर में महिला एसएचजी और कटक में एक ट्रांसजेंडर एसएचजी को अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई.
इस अवसर पर जेना ने कहा कि ओडिशा में स्वच्छता समेत विकास संबंधी सभी गतिविधियों में एसएचजी अब अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं और उन्होंने समय-समय पर अपनी काबिलियत साबित की है.
उन्होंने कहा कि महिला एसएचजी राज्य के कई शहरों में सामुदायिक शौचालयों के परिचालन एवं मरम्मत का प्रबंधन कर रहे हैं.
जेना ने कहा, 'अब हमने उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए एसएचजी को घरेलू अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र के परिचालन एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है.'
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आवास एवं शहरी विकास के प्रधान सचिव जी माथी वथानन ने कहा, 'समुदाय द्वारा स्वच्छता संबंधी बुनियादी ढांचे के प्रबंधन से सामुदायिक प्रभुत्व बढ़ता है और इससे यह ढांचा दीर्घकाल में अधिक स्थायी बनता है.'