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ओडिशा के निखिल भर सकते हैं गगनयान में उड़ान - भारत के अंतरिक्ष यात्री

ओडिशा के रहने वाले विंग कमांडर निखिल रथ को इसरो के गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्रियों की प्रारंभिक सूची में शामिल किया गया है. गगनयान वर्ष 2022 में तीन भरतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में लेकर जाएगा.

विंग कमांडर निखिल रथ
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Published : Sep 11, 2019, 12:11 AM IST

Updated : Sep 30, 2019, 4:43 AM IST

बलांगिरीः एक तरफ जहां हर तरफ चंद्रयान 2 की चर्चा है वहीं इसरो अपने अगले बड़े प्रोजेक्ट गगनयान की तैयारी कर रहा है. इसरो ने गगनयान के लिए उड़ीसा के बलांगीर जिले के रहने वाले विंग कमांडर निखिल रथ को अंतरिक्ष यात्रियों की प्रारंभिक सूची में शामिल किया है.

गगनयान पहली उड़ान वर्ष 2022 में भरेगा, जिसमें वह तीन अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर उड़ेगा. खास बात यह है कि, यह अंतरिक्ष यात्री सशस्त्र बलों में से चुने जाएंगे.

अंतरिक्ष की इस उड़ान के लिए रूस भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों प्रक्षिक्षण देने में मदद करेगा.

पढ़ें-लैंडर विक्रम से संपर्क साधने का हो रहा हर संभव प्रयास: इसरो

विंग कमांडर निखिल ने 1998 में केंद्रीय विद्यालय से 10वीं पास की और सन 2000 में दिल्ली पब्लिक स्कूल से 12वीम पास की. हिंदू कालेज से स्नातक की पढ़ाई करते हुए उन्हें राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के लिए चुना गया, जिसके बाद उन्होंने 2003 में वायुसेना में भर्ती हुए.

इस मौके पर विंग कमांडर निखिल के पिता ने कहा, यह हमारे लिए गर्व और सम्मान की बात है. वह बहुत मेहनती और समर्पित है.

वहीं उनकी मां ने कहा कि, आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई. वह इस प्रोजेक्ट के अगले चरण के लिए जरूर चयनित होगा.

बलांगिरीः एक तरफ जहां हर तरफ चंद्रयान 2 की चर्चा है वहीं इसरो अपने अगले बड़े प्रोजेक्ट गगनयान की तैयारी कर रहा है. इसरो ने गगनयान के लिए उड़ीसा के बलांगीर जिले के रहने वाले विंग कमांडर निखिल रथ को अंतरिक्ष यात्रियों की प्रारंभिक सूची में शामिल किया है.

गगनयान पहली उड़ान वर्ष 2022 में भरेगा, जिसमें वह तीन अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर उड़ेगा. खास बात यह है कि, यह अंतरिक्ष यात्री सशस्त्र बलों में से चुने जाएंगे.

अंतरिक्ष की इस उड़ान के लिए रूस भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों प्रक्षिक्षण देने में मदद करेगा.

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विंग कमांडर निखिल ने 1998 में केंद्रीय विद्यालय से 10वीं पास की और सन 2000 में दिल्ली पब्लिक स्कूल से 12वीम पास की. हिंदू कालेज से स्नातक की पढ़ाई करते हुए उन्हें राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के लिए चुना गया, जिसके बाद उन्होंने 2003 में वायुसेना में भर्ती हुए.

इस मौके पर विंग कमांडर निखिल के पिता ने कहा, यह हमारे लिए गर्व और सम्मान की बात है. वह बहुत मेहनती और समर्पित है.

वहीं उनकी मां ने कहा कि, आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई. वह इस प्रोजेक्ट के अगले चरण के लिए जरूर चयनित होगा.

Intro:ଓଡିଶା ପାଇଁ ବଲାଂଗୀର ଜଣେ ଯୁବକ ପୁଣି ଗର୍ବ ଆଣି ଦେଇଛନ୍ତି । ଭାରତ ଇସ୍ରୋର ଆଗାମୀ ଗଗନ ୟାନ ମିସନରେ ବଲାଂଗୀର ଜଣେ ଯୁବକ ମନୋନୀତ ହୋଇଛନ୍ତି । ଯାହା କୁ ନେଇ ଏବେ ସାରା ରାଜ୍ୟରେ ଖୁସିର ଲହରୀ ଖେଳି ଯାଇଛି ।


Body:ଓଡିଶା ପାଇଁ ପୁଣି ଜଣେ ଯୁବକ ଏବେ ଗର୍ବ ଓ ଗୌରବ ସାଜି ଛନ୍ତି ।ବଲାଂଗୀର ଏହି ଯୁବକ ନିଖିଳ ରଥ ଭାରତ ଇସ୍ରୋର ଆଗାମୀ ଗଗନ ୟାନ ମିଶନ ପାଇଁ ମନୋନୀତ ହୋଇଛନ୍ତି । ଭାରତର ଇସ୍ରୋ ସଂସ୍ଥା ଏହି ମିଶନ ପାଇଁ ଭାରତୀୟ ବାୟୁସେନାର ସାହାର୍ଯ୍ୟ ନେଇଛି । ଯେଉଁଥିରେ କିଛି ବଛା ବଛା ପାଇଲଟଙ୍କ ଏଥିରେ ପରୀକ୍ଷା ନିରୀକ୍ଷା ଜାରି ରହିଛି । ତେବେ ଏମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ବଲାଙ୍ଗିରର ଅଶୋକ ରଥ ଓ କୁସୁମ ରଥଙ୍କ ପୁଅ ନିଖିଳ ରଥ ମଧ୍ୟ ଅଛନ୍ତି । ନିଖିଳ ରଥ ଯିଏ କି ବର୍ତ୍ତମାନ ଭାରତୀୟ ବାୟୁସେନାର ବର୍ତ୍ତମାନ ବିଙ୍ଗ କମାଣ୍ଡର ଭାବରେ ନିଯୁକ୍ତ ଅଛନ୍ତି ଓ ସେ ଏଥିରେ ସାମିଲ ଥିବାର ଜଣା ପଡିଛି । ତେବେ ନିକଟରେ ଭାରତୀୟ ବାୟୁ ସେନା ନିଜ ଟ୍ୱିଟ ମାଧ୍ୟମରେ ଏହା ସ୍ପଷ୍ଟ କରିଥିବା ବେଳେ କିଛି ପାଇଲତଙ୍କ ଏଥି ପାଇଁ ପ୍ରଥମ ପର୍ଯ୍ୟାୟର ପରିକବ୍ୟ ନିରୀକ୍ଷା ସରିଥିବାର କହିଛି । ଯେଉଁଥିରେ ବଲାଂଗୀର ନିଖିଳ ରଥଙ୍କ ମଧ୍ୟ ସବୁ ପରୀକ୍ଷା ସରିଥିବାର ଜଣା ପଡ଼ିଛି । ବିଶେଷ କରି ଶାରୀରିକ , ମାନସିକ, ରେଡ଼ିଓ ଲୋଜିକାଲ ପରୀକ୍ଷା ଇତ୍ୟାଦି ସାରିଥିବା ବେଳେ ନିଖିଳ ରଥ ଏହି ସବୁରେ ସଫଳ ହୋଇଥିବାର ଜଣା ପଡ଼ିଛି । ସେହିପରି ସେ ଅନ୍ୟ ମାନଙ୍କ ସହିତ ଆଗାମୀ ପରୀକ୍ଷା ପାଇଁ ରୁଷିଆ ଯିବାର ଅଛି । ସେପଟେ ଏହି ଖବର ସମସ୍ତେ ବାୟୁ ସେନାର ଟ୍ୱିଟ ପରେ ଜାଣିବାକୁ ପାଇଥିଲେ ଏବଂ ସମାନ ଭାବରେ ତାଙ୍କ ମା ବାପା ମଧ୍ୟ ଏଥିରୁ ଖବର ପାଇ ପୁଅ ସହିତ କଥା ହୋଇଥିଲେ। ଏବଂ ସବୁ ୨ ବୋଲି ଜାଣିବା ପରେ ଏମନେ ଏବେ ବହୁତ ଖୁସି ଅଛନ୍ତି । ତେବେ ତାଙ୍କ ଅଜା ଜଣେ ସ୍ୱାଧୀନସଂଗ୍ରାମୀ ଥିଲେ ଓ ଦେଶ ପାଇଁ ସେବା କରିଥିଲେ ସମାନ ଭାବରେ ପୁଅ ନିଖିଳ ରଥ ମଧ୍ୟ ଏବେ ଦେଶ ସେବାରେ ଥିବାକୁ ନେଇ ତଥା ଗଗନ ୟାନରେ ଯିବାର ସଂଭାବନାକୁ ନେଇ ବାପା ଖୁବ ଖୁସି ଅଛନ୍ତି । ସେହିପରି ତାଙ୍କ ମା କୁସୁମ ରଥ ମଧ୍ୟ ପୁଅର ଏହି ଉପଲବ୍ଧିରେ ଆନନ୍ଦ ଥିବ ବେଲେ ନିଖିଲଙ୍କ ସ୍ତ୍ରୀଙ୍କ ଣା ଗଗନ ଓ ସେ ଗଗନ ୟାନ ମିଶନରେ ସାମିଲ ହୋଇଥିବାର ଏକ ସଂଯୋଗ ବୋଲି ସେ କହିଛନ୍ତି । ଏବଂ ଛୋଟ ଦିନରୁ ହିଁ ସେ କଠିନ ପରିଶ୍ରମୀ ଥିଲା ଓ ଆକାଶକୁ ଛୁଇଁବାର ସପ୍ନ ଦେଖି ଆଜି ତାହା ସଫଳ ହୋଇଥିବାର ତାଙ୍କ ମା କହିଛନ୍ତି ।
ବାଇଟ ଅଶୋକ ରଥ ବାପା
ବାଇଟ କୁସୁମ ରଥ ମା


Conclusion:
Last Updated : Sep 30, 2019, 4:43 AM IST
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