नई दिल्ली : राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्य 22 जुलाई को सदन के चैम्बर में शपथ लेंगे. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में कराए गए चुनाव में 20 राज्यों से 61 सदस्य राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं .
गौरतलब है कि शपथग्रहण आमतौर पर या तो सत्र के दौरान होता है अथवा जब संसद सत्र नहीं होता है तब राज्यसभा के सभापति के चैम्बर में होता है. हालांकि, कोरोना महामारी के मद्देनजर 22 जुलाई को शपथ ग्रहण के बारे में अधिकारियों ने बताया कि यह पहला मौका होगा जब अंतर सत्र की अवधि में सदस्य सदन के चैम्बर में शपथ लेंगे. ऐसा करने का मकसद कोविड-19 के मद्देनजर शारीरिक दूरी का पालन किया जाना है.
राज्यसभा के अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक सदस्य को शपथ ग्रहण समारोह में अपने साथ केवल एक अतिथि को लाने की अनुमति होगी. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस बारे में निर्णय किया है और इसमें राज्यसभा और लोकसभा दोनों से जुड़ी विभाग संबंधी संसद की स्थायी समितियों की बैठक शुरू करने और इन बैठकों में नए सदस्यों के हिस्सा लेने की इच्छा व्यक्त करने को ध्यान में रखा है.
अधिकारियों ने बताया कि के केशव राव और तिरूचि शिवा जैसे राज्यसभा के कुछ नवनिर्वाचित एवं दोबारा चुने गए कुछ सदस्य संसदीय समितियों के अध्यक्ष हैं और बिना शपथ लिए संबंधित समितियों की बैठक नहीं बुला सकते . नवनिर्वाचित सदस्य भी पद एवं गोपनीयता की शपथ लिए बिना समितियों की बैठकों में हिस्सा नहीं ले सकते .
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अधिकारियों ने बताया कि राज्यसभा के महासचिव ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को 22 जुलाई को शपथग्रहण होने के बारे में लिखकर सूचित किया है. जो लोग इस दिन नहीं आ पाएंगे, उन्हें संसद के मानसून सत्र के दौरान शपथ दिलायी जाएगी .
अधिकारियों ने बताया कि नए सदस्यों के लिए शपथ ग्रहण की योजना पहले बनाई गई थी, लेकिन कुछ सदस्यों द्वारा दिल्ली यात्रा करने के संबंध में व्यक्त की गई चिंताओं को देखते हुए इसे टाल दिया गया था.